विशेष

अपनी शादी के दिन ही स्टेज पर दुल्हन ने तोड़ा दम, माता-पिता ने बेटी का किया अंगदान

अंगदान एक महादान होता है। अंगदान करके हम किसी जरूरतमंद को जीवन दान दे सकते हैं। आप ऐसे समझ सकते हैं कि अंगदान जीवन के लिए उपहार के समान है। आजकल के समय में ऐसे बहुत से लोग हैं, जो किसी न किसी वजह से अपनी जान गंवा देते हैं। ऐसे में अगर मरने से पहले अपने शरीर का कोई ना कोई अंग जरूरतमंदों के लिए दान कर दें तो इससे कई लोगों की जिंदगी बच सकती है।

अंगदान समाज के लिए एक चमत्कार साबित हुआ है। मौजूदा समय में गुर्दे, आंख, हृदय, छोटी आंत जैसे बहुत से अंग हैं जिनकी डिमांड ज्यादा है। रोजाना ही दुर्घटना में बहुत से लोगों की जान चली जाती है, जिनके अंग दान से दूसरों को जीवन दान दिया जा सकता है। इसी वजह से कहा जाता है कि दान से बड़ा कोई धर्म नहीं होता है चाहे वह दान किसी भी चीज की क्यों ना हो।

दान की महत्ता तब और अधिक बढ़ जाती है, जब दान अंगो का किया गया हो, जिस अंगदान से लोगों को नई जिंदगी मिलती है। इसी बीच कर्नाटक से एक मामला निकल कर सामने आया है, जहां पर शादी के दौरान ही 26 साल की दुल्हन की अचानक ही मंच पर मृत्यु हो गई। जब यह घटना घटी तो शादी समारोह में जो भी लोग उपस्थित थे, उन सभी लोगों को इस घटना ने झकझोर दिया।

इस घटना के बाद दुल्हन के माता पिता ने अपनी बेटी का अंग दान कर एक मिसाल पेश की है। कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री केके सुधाकर ने युवती के आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त किया है। इसके साथ ही उन्होंने माता-पिता के द्वारा लिए गए इस निर्णय का स्वागत भी किया है।

यह मामला कर्नाटक के कोलार शहर से आया है सामने

दरअसल, आज हम आपको जिस घटना के बारे में बता रहे हैं यह कर्नाटक के कोलार शहर के सामने आया है। यहां पर 26 साल की चैत्रा का विवाह हो चुका था और रिसेप्शन के दौरान चैत्रा दुल्हन बनकर स्टेज पर पहुंची और दूल्हे के साथ वह बैठ गई थी।

लेकिन अचानक ही चैत्रा बेहोश हो गई और स्टेज पर ही गिर पड़ी। ऐसी स्थिति में चैत्रा के परिजन तुरंत ही उसे पास के अस्पताल में ले गए। जहां डॉक्टरों के द्वारा उन्हें बेंगलुरु नीमहंस अस्पताल में रेफर कर दिया गया था। जब परिजन उसे वहां से ले गए थे तभी डॉक्टरों के द्वारा चैत्रा को ब्रेन घोषित कर दिया गया था।

इस कठिन समय में माता-पिता ने लिया बेटी के अंगदान का फैसला

माता-पिता ने अपनी बेटी को खो दिया, जो समय उनके लिए बहुत कठिन भरा था। परंतु इस कठिनाई भरे समय में भी उन्होंने एक ऐसा फैसला लिया जो समाज के लिए एक मिसाल बन गया। माता-पिता ने अपनी ब्रेन डेड बेटी चैत्रा के अंग दान किए। इसके बाद कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री सुधाकर ने उनके द्वारा लिए गए इस फैसले की तारीफ की।

स्वास्थ्य मंत्री ने ट्वीट कर की इस फैसले की सराहना

स्वास्थ्य मंत्री केके सुधाकर ने युवती के आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त किया। साथ ही माता-पिता के द्वारा लिए गए इस फैसले की सराहना की। उन्होंने ट्वीट पर लिखा कि “26 साल के चैत्र के लिए यह एक बड़ा दिन था लेकिन नियति की कुछ और ही योजना थी। वह कोलार जिले के श्रीनिवासपुर में अपनी शादी के रिसेप्शन के दौरान गिर गईं। बाद में उन्हें NIMHANS में ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। दिल तोड़ने वाली त्रासदी के बावजूद, उसके माता-पिता ने उसके अंग दान करने का फैसला किया है।”

Related Articles

Back to top button