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देश के सबसे अय्याश राजा जो वस्त्रहीन लोगों से ही मिलते थे, 365 रानियों संग ऐसे बिताते थे रातें

अब भारत में लोकतंत्र का राज चलता है और जनता अपना खुद का नेता चुनती है। यहां इलेक्शन के माध्यम से लोग अपना नेता चुनते हैं परंतु भारत के इतिहास में कई राजा-महाराजा थे, जिनका अपना राज्य हुआ करता था और जहां पर वह शासन किया करते थे। इनमें से कुछ राजा-महाराजा अपने स्वभाव की वजह से लोगों के दिलों को जीत लेते थे, तो कुछ ऐसे भी रहे हैं जो अपने स्वभाव की वजह से बदनाम हो रहे हैं। इन्हीं बदनाम राजाओं में से एक पटियाला रियासत के महाराजा भूपिंदर सिंह (Maharaja Bhupinder Singh) का नाम है।

पटियाला रियासत के महाराजा भूपिंदर सिंह को लोग देश के सबसे अय्याश राजा के रूप में जानते हैं। उन्होंने करीब 38 सालों तक पटियाला रियासत पर हुकूमत की थी। ऐसा बताया जाता है कि महाराजा भूपिंदर सिंह की 365 रानियां थी जिनसे उन्हें 83 बच्चे हुए। हालांकि, उनमें से 20 की मृत्यु हो गई थी। इसके अलावा महाराजा भूपिंदर सिंह ने एक खास महल भी बनवाया था, जहां पर उन्हीं लोगों को आने की अनुमति दी जाती थी जो कि बिना वस्त्र के होते थे।

महाराजा भूपिंदर सिंह का जन्म 12 अक्टूबर 1891 के पटियाला राजवंश में हुआ था। कुछ कारण ऐसे बने कि भूपिंदर सिंह को महज 9 वर्ष की छोटी आयु में ही राजा बना दिया गया था। हालांकि, उन्होंने राज पाठ 18 साल का होने पर संभाला था। महाराजा भूपिंदर सिंह बेहद रंग मिजाज के थे।

किस रानी के साथ रात बिताएंगे महाराजा, इस अनोखे ढंग से लेते थे फैसला

महाराजा भूपिंदर सिंह की 365 रानियां थीं लेकिन उनमें से 10 को ही उन्होंने पत्नी का दर्जा दिया हुआ था। रोज राजा नई रानी के साथ रात बिताया करते थे और रानी का चुनाव लालटेन की मदद से करते थे। जी हां, महाराजा किस रानी के साथ रात बिताएंगे? इसका फैसला भी बड़े ही अनोखे ढंग से करते थे। दरअसल, राजा महल में 365 रानियां थी और हर एक रानी के नाम की लालटेन रोज जलती थी। जो लालटेन सबसे पहले बुझ जाती थी, राजा उस रानी के साथ अपनी रात गुजारा करते थे।

अय्याशी और रंगरलिया करने के लिए कराया था लीला भवन का निर्माण

महाराजा भूपिंदर सिंह ने एक बेहद खास महल का निर्माण करवाया था, जिसमें वह अय्याशी और रंगरलिया किया करते थे। ऐसा बताया जाता है कि इस लीला महल में बिना कपड़ों के ही लोगों को भीतर जाने की इजाजत दी जाती थी। सिर्फ नग्न लोगों को ही इस महल में प्रवेश दिया जाता है। इसी महल में भूपिंदर सिंह ने एक विशेष कमरा भी बनवाया था, जिसमें भोग विलास के लिए सभी साधन थे। इसके साथ ही महल में रानियों के लिए एक महिला डॉक्टर भी रहती थी। बता दें कि आज भी यह महल पटियाला में भूपेंद्रनगर रोड किनारे स्थित है।

महाराजा भूपिंदर सिंह खुद का रखते थे विमान

महाराजा भूपिंदर सिंह केवल अय्याश ही नहीं माने जाते थे बल्कि इसके साथ-साथ वह उस जमाने में एक बेहद लग्जरी जीवन व्यतीत किया करते थे। ऐसा बताया जाता है कि उनके खजाने में दुनिया का सातवां सबसे कीमती हार भी था, जो चोरी हो गया था। इतना ही नहीं पटियाला पैग नाम भी भूपिंदर सिंह ने ही दिया था। महाराजा भूपिंदर सिंह लग्जरी लाइफ के शौकीन थे। उनके पास अपना खुद का निजी विमान भी था। इतना ही नहीं बल्कि उस जमाने में उनके पास 44 रोल्स रॉयस कार भी थीं।

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