अजब ग़जब

मजदूर की बेटी को रास्ते में मिला 7 लाख के जेवर से भरा बैग, बैग के मालिक का करती रही इंतज़ार..

आज के जमाने जहां किसी को सड़क से कुछ रुपए भी मिल जाए तो वह उसे अपना समझ कर रख लेते हैं। ऐसे में एक बच्ची ने अपनी ईमानदारी का एक ऐसा उदाहरण समाज में दिया है जिसे कोई भूला नहीं सकता। बच्ची के ईमारदारी के इस कारनामे की चारों तरफ तारीफ की जा रही है। बच्ची का यह काम ना सिर्फ काबिले तारीफ है बल्कि बच्ची से कई लोग ईमानदारी की प्रेरणा भी ले रहे हैं।

इस बच्ची ने सड़क से मिला जेवरों का बैग उसके असल मालिक तक पहुंचाया है। इस बैग में रखें जैवरों की कीमत अगर आप सुनेंगे तो आप भी दंग रह जाएंगे। असल में इस बैग में करीब सात लाख के जेवर रखे हुए थे। सात लाख के जेवर जिन्हें देख कर अच्छे अच्छों का मन फिसल जाए। ऐसे में इस बच्ची ने अपनी ईमानदारी दिखाते हुए इसे इसके मालिक तक पहुंचाया गया।

बैग के मालिक ने खुश होकर बच्ची को ईनाम भी दिया। बताया जा रहा है कि मध्यप्रदेश के रायसेन जिले के उदयपुरा थाना क्षेत्र में 20 फरवरी को ककरुआ के रहने वाले यशपाल सिंह पटेल ने अपनी बेटी के जेवरों से भरे बैग के गुम होने की शिकायत उदयपुरा थाने में दी थी। जिसके बाद से पुलिस व परिजन उस बैग को ढूंढ़ते रहे। इन्होंने बैग के गुम होने के जानकारी सोशल मीडिया पर भी दी। लोगों से इस बैग को ढूंढ कर वापस देने की गुजारिश भी की।

13 साल की बच्ची को मिल जेवरों से भर बैग

पुलिस को दी गई जानकारी के मुताबिक सिलारी की रहने वाली 13 साल की रीना जब स्कूल से घर लौट रही थी। तब अनघोडा रोड पर उसे जेवर सेे भरा ये बैग मिला। रीना ने जब इस बैग को देखा तो इसमें सोने से भरे जेवर रखे थे। ऐसे में रीना ने रास्ते पर काफी देर तक बैग के मालिक के लौटने का इंतजार किया। जब बहुत देर तक कोई बैग को ढूंढते हुए वहां नहीं आया तो रीना ने उस बैग को लेकर अपने घर आ गई।

इसके बाद जब रीना के पिता मंगल सिंह अहिरवार देर रात मजदूरी कर के घर लौटे। तो उन्हें इस बैग की सुचना दी। बेटी को मिले इस बैैग को देखने के बाद मंगल सिंह ने उदयपुरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉ. एमएल बड़कुर को पूरी बात बताई। जिसके बाद वे लोग पुलिस के पास इस बैग को लेकर पहुंचे। यहां उन्होंने बैग को उसके मालिक यशपाल को लौैटा दिया।

बच्ची को दिया 51 हजार का ईनाम

बैग मिलने की खुशी में यशपाल ने बच्ची और उसके पिता का खुब धन्यवाद किया। उन्होंने बच्ची की इस ईमानदारी से खुश होकर उसेे नए कपड़े देते हुए गुलदस्ता देकर उसका सम्मान किया। इसके साथ ही बच्ची को 51 हजार रुपए का ईनाम भी दिया। यशपाल ने पुलिस को बताया कि उसकी बेटी रंजना शादी में शामिल होने मायके आई थी। जिसके बाद शनिवार को वे उसे बाइक से छोड़ने उसके ससुराल उदयपुरा आ रहे थे।

उनकी बेटी के पास 14 तोला सोना सहित करीब 7 लाख रुपए के जेवर थे। जो कि रास्ते में कहीं गिर गया था। जिसके बाद उन्होंने इसे ढूंढ़ने की खूब कोशिश की। लेकिन उन्हें यह बैग नहीं मिला। ऐसे में जब दो दिनों बाद उन्हें बैैग के मिलने की खबर मिली तो वे खुशी से फूले नहीं समाए।

मजदूरी करता हैं पिता

बच्ची के इस कारनामे को देख पुलिस भी बेहद खुश हुई उन्होंने बच्ची को 11 सौ रुपए भेंट देते हुए बच्ची को शासन स्तर पर सम्मान दिलाने की बात की है। मीडिया से मिली जानकारी के मुताबिक बच्ची के पिता मंगल सिंह एक मजदूर है। मंगल सिंह अहिरवार मजदूरी करके 200 रुपए रोज कमाकर अपने परिवार को पालते हैं। गरीब होने के बाद भी मंगल सिंह ने अपनी बेटी को ईमानदारी के रास्ते पर चलना सिखाया। आज बेटी की इसी ईमानदारी के लिए उसकी हर तरफ तारीफ की जा रही है।

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