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जब Ford चेयरमैन ने किया रतन टाटा का अपमान, कहा था- “तुम कुछ नहीं जानते”, फिर ऐसे लिया बदला

भारत के जाने-माने उद्योगपति रतन टाटा जी सिर्फ पैसों के मामले में ही दुनिया के शीर्ष लोगों में शुमार नहीं हैं बल्कि यह अपनी दरियादिली के लिए भी जाने जाते हैं। रतन टाटा जी की शख्सियत किसी परिचय की मोहताज नहीं है। भारत में रतन टाटा जी का नाम उद्योग जगत में बड़े ही आदर और सम्मान के साथ जाना जाता है। रतन टाटा दिल के बहुत नरम और स्वभाव के शांत व्यक्ति हैं। वह लोगों की मदद करने के लिए भी जाने जाते हैं।

दिग्गज भारतीय उद्योगपति रतन टाटा अपनी कमाई का आधे से भी अधिक हिस्सा चैरिटी पर खर्च करते हैं। इतना ही नहीं बल्कि उनकी दरियादिली के किस्से भी आए दिन सामने आते रहते हैं। मौजूदा समय में रतन टाटा जी किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। बच्चे से लेकर बूढ़ा और युवा हर कोई उन्हें अच्छी तरह से जानता है। हर कोई उनकी सादगी को सलाम करता है।

भले ही रतन टाटा जी का कारोबार जगत में एक बड़ा नाम है परंतु ऐसा नहीं है कि उन्हें कभी अपमान नहीं झेलना पड़ा, लेकिन उन्होंने अपने इस अपमान का जिस तरह से बदला लिया वह मिसाल बन गया। दिग्गज भारतीय उद्योगपति हर्ष गोयनका ने उनके इस बदले की कहानी का एक वीडियो ट्विटर पर साझा किया है, जो इन दिनों इंटरनेट पर छाया हुआ है।

हर्ष गोयनका ने शेयर किया वीडियो

आपको बता दें कि रतन टाटा ने 90 के दशक में अपने ड्रीम प्रोजेक्ट टाटा इंडिका लॉन्च की थी। इसे शुरुआत में ऐतिहासिक उपलब्धि के तौर पर देखा गया। रतन टाटा को इससे बहुत उम्मीदें थीं लेकिन अफसोस कि ये कार लोगों को आकर्षित ना कर पाई और इसे लेकर कंपनी को निराशा झेलनी पड़ी। शुरुआत में जैसी उम्मीद थी वैसे नतीजे ना मिल सके। कार शुरुआत में मार्केट में पकड़ बनाने में सफल ना हो सकी और इसकी बिक्री बहुत कम हो गई थी, जिसके चलते टाटा मोटर्स ने अपना कार डिवीजन बेचने का निर्णय ले लिया।

यह साल 1999 की बात है जब टाटा ग्रुप कार बिजनेस फोर्ड को बेचना चाहता था। रतन टाटा अपनी टीम के साथ डेट्राइट गए और फोर्ड के चेयरमैन बिल फोर्ड से मिले। दोनों के बीच करीब 3 घंटे तक मीटिंग चली लेकिन रतन टाटा का बिल फोर्ड ने बहुत अपमान किया। कारोबारी हर्ष गोयनका ने दोनों के बीच क्या बातचीत हुई थी, इसका वीडियो ट्विटर पर साझा किया है।

यह थी अपमान की पूरी कहानी

हर्ष गोयनका ने इस वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा “रतन टाटा की प्रतिक्रिया जब फोर्ड द्वारा अपमानित किया गया था।” आपको बता दें कि बिल फोर्ड ने रतन टाटा का मजाक उड़ाया और अपमान करते हुए कहा था “तुम कुछ नहीं जानते। आखिर तुमने पैसेंजर का डिवीजन क्यों शुरू किया?

” उन्होंने आगे कहा था कि “हम तुम्हारा कार डिवीजन खरीद कर तुम पर बड़ा एहसान कर रहे हैं।” इस अपमान के बाद रतन टाटा शांत रहें और उन्होंने कोई त्वरित प्रतिक्रिया नहीं की। हालांकि, उन्होंने उसी रात यह फैसला कर लिया कि अब वह टाटा मोटर्स का कार डिवीजन नहीं बेचेंगे और रात में ही रतन टाटा अपनी टीम के साथ फ्लाइट से मुंबई के लिए वापस लौट गए।

रतन टाटा ने अपने इस अपमान को लेकर कोई भी जिक्र नहीं किया बल्कि उन्होंने अपना पूरा ध्यान कंपनी के कार डिवीजन को बुलंदियों पर पहुंचाने में लगा दिया। आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और करीब 9 साल बाद यानी 2008 में उनकी कार मोटर्स दुनियाभर में मार्केट में छा चुकी थी। साल 1999 में अमेरिका में हुए अपमान का बदला लेने का समय आ चुका था।

जहां एक और टाटा मोटर्स रतन टाटा के नेतृत्व में आसमान पर पहुंच चुकी थी, तो वहीं बिल फोर्ड के नेतृत्व वाली फोर्ड मोटर्स की हालत बहुत खराब हो चुकी थी। कारें बिक नहीं रही थी। जब फोर्ड बड़े नुकसान में थी तो 2008 में ही टाटा चेयरमैन रतन टाटा ने चेयरमैन बिल फोर्ड को 2.3 बिलियन डॉलर में उनकी कंपनी की सबसे लोकप्रिय जगुआर और लैंड रोवर ब्रांड को खरीदने का ऑफर दे डाला।

फोर्ड चेयरमैन बोले- आपने बड़ा अहसान किया है

फोर्ड चेयरमैन ने रतन टाटा का शुक्रिया अदा करते हुए कहा “आपने जगुआर और लैंड रोवर कारों का बिजनेस खरीदकर बड़ा अहसान किया है।” अगर रतन टाटा चाहते तो फोर्ड चेयरमैन का अपमान कर सकते थे परंतु उन्होंने ऐसा नहीं किया। बात दें आज जैगुआर और लैंड रोवर कारें टाटा मोटर्स की सबसे सक्सेसफुल सेलिंग मॉडल्स में एक हैं।

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