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बेटी की फरियाद सुन सिटी मजिस्ट्रेट ने खाते में पहुंचाए 20 लाख रुपए, नहीं टलने दी बिटिया की शादी

आजकल के समय में किसी पर भी ज्यादा भरोसा करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। अगर किसी इंसान से कोई उम्मीद रखी जाए तो वह कभी कभी पूरी नहीं होती परंतु कई बार ऐसा भी होता है कि जिस इंसान से उम्मीद की इच्छा कम होते हैं वही इंसान आपकी समस्या का पल भर में समाधान निकल सकता है। आज हम आपको एक ऐसे मामले के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, जिसमें एक लड़की की शादी पैसों की वजह से टलने वाली थी परंतु सिटी मजिस्ट्रेट ने एक ऐसी मिसाल पेश की है जिसकी तारीफ हर कोई कर रहा है।

आपको बता दें कि यह मामला उत्तर प्रदेश के उन्नाव से सामने आया है। जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं उत्तर प्रदेश में सरकारी काम को अगर पूरा करवाना है तो इसके लिए व्यक्ति को काफी भागदौड़ करनी पड़ती है और सरकारी काम में काफी लेट भी हो जाता है। इसके बारे में हर कोई अच्छी तरह से जानता है। आदमी तो सरकारी दफ्तर में चला जाता है परंतु उसकी समस्या का हल कब निकलेगा, इसका कोई भी पता नहीं होता है परंतु सभी सरकारी कर्मचारी और अफसर एक जैसे नहीं होते हैं, कुछ ऐसे भी हैं जोअपने काम और मानवता की वजह से लोगों का दिल जीत लेते हैं।

बता दें उन्नाव के सिटी मजिस्ट्रेट ने कुछ ऐसा काम किया है जिसकी तारीफ पूरा गांव कर रहा है। सिटी मजिस्ट्रेट ने एक बेटी की फरियाद सुन कर ना ही उस पर तुरंत एक्शन लिया बल्कि सिर्फ 5 घंटे में उसकी सारी समस्या दूर कर दी।

मिली जानकारी के अनुसार दिनेश तिवारी बीघापुर तहसील के सलेथु गांव के मूल निवासी हैं। वह शुक्लागंज गंगानगर पोनी रोड में रहते हैं। वह कानपुर में एक दुकान में नौकरी करते हैं। इसके अलावा दिनेश तिवारी की सलेथु गांव में पैतृक दो बीघा खेतीहर जमीन भी थी लेकिन गंगा एक्सप्रेसवे में यह जमीन चली गई थी। दिनेश तिवारी ने 25 मई को भूमि की रजिस्ट्री की थी। इसी बीच उन्होंने अपनी बड़ी बेटी आरती की शादी कानपूर में पक्की कर दी थी।

आरती के पिता दिनेश तिवारी को यह उम्मीद थी कि शादी से पहले उनको मुआवजा तो मिल ही जाएगा। कागजी जांच पड़ताल में काफी समय लग गया जिसकी वजह से 15 जून तक दिनेश तिवारी के खाते में पैसे नहीं पहुंच सके। पैसे न मिलने की वजह से दिनेश तिवारी बहुत ज्यादा परेशान हो गए और वह अपनी बेटी की शादी को लेकर चिंतित थे और वह इधर-उधर घूमने लगे। जब बेटी आरती ने अपने पिता की यह हालत देखी तो वह बहुत ज्यादा चिंतित हो गई।

आरती अपने परेशान पिता को नहीं देख सकी और उसने 15 जून की सुबह 10:00 बजे सिटी मजिस्ट्रेट चंदन कुमार पटेल को व्हाट्सएप पर संदेश भेजा और इस संदेश के माध्यम से आरती ने अपनी सारी समस्या बताई। आरती ने संदेश में लिखा कि मुआवजा ना मिलने की वजह से मेहमानों का सत्कार, आभूषण और अन्य सामान की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। ऐसी स्थिति में शादी टालने की नौबत आ चुकी है। आरती ने सिटी मजिस्ट्रेट को यह बताया कि उनके पिताजी की इज्जत दांव पर लग चुकी है। इसकी रक्षा करना उनके हाथ में ही है।

जब आरती के द्वारा भेजा गया व्हाट्सएप संदेश प्राप्त हुआ तो सरकारी सिस्टम पिघल गया और ऐसी स्थिति में ऐसी रफ्तार दिखाई गई कि हर कोई हैरान हो गया था। सिटी मजिस्ट्रेट ने तुरंत ही सभी कागजी औपचारिकताएं पूरी कराई और उसी दिन दोपहर 3:00 बजे आरती के पिता के खाते में 20 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिया गया। पैसे खाते में आने के बाद आरती ने फिर से मैसेज किया और उसने लिखा कि पैसा पहुंच गया है और शादी बचाने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। पैसे आने के बाद आरती और पूरे परिवार ने राहत की सांस ली और परिवार में खुशियों का माहौल बन गया।

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