अजब ग़जब

40 सालों से आदमी बन खेतों में काम कर रही है ये महिला, खुद बताई मर्द बनने के पीछे की वजह

मुजफ्फरनगर की रहने वाली एक महिला रोज लड़का बन खेतों में जाकर काम करती है। ताकि किसी को पता ना चल से कि वो लड़की है। कई सालों से कमला नामक ये महिला इसी तरह से खेतों में जाकर काम कर रही हैं। ये अक्सर सफेद कुर्ता पाजामा, सफेद साफा और कंधे पर फावड़ा रखे नजर आती है। कमला को देखकर कोई भी ये समझ बैठे की वो एक आदमी है। लेकिन हकीकत में कमला एक महिला है, जो कि खुद को सुरक्षित रखने के लिए आदमी बनकर काम करने पर मजबूर है।

दिल्ली से करीब 120 किलोमीटर दूरी पर स्थित मीरापुर दलपत गांव की रहने वाली कमला की आयु 63 साल की है और कमला करीब 40 सालों से मर्द बनकर खेतों में काम कर रही है। कमला के अनुसार वो बचपन से ही खेतों में काम करती हुई आई है। बड़ी होने पर परिवार वालों ने उसकी शादी करवा दी थी। लेकिन शादी के डेढ़ साल बाद ही कमला के पति की मौत हो गई। उसके बाद कमला की शादी उसके ही देवर करवा दी गई। इस शादी से कमला को एक लड़की भी हुई। हालांकि ये शादी ज्यादा दिनों तक चल ना पाई और कमला अपने पति को छोड़कर अपनी मां बाप के घर आ गई। इसी दौरान कमला के भाई की मौत कैंसर से हो गई और परिवार की पूरी जिम्मेदारी कमला पर आ गई।

कमला ने भाई के बच्चों और पत्नी का ध्यान रखना शुरू कर दिया। कमला के अनुसार भाई के दोनों बच्चे छोटे थे। उनका कोई भी सहारा नहीं था। मैंने उनकी जिम्मेदारी संभाल ली और खेती करना शुरू कर दिया। लेकिन एक महिला का अकेले खेतों में जाकर काम करना आसान नहीं था। इसलिए कमला ने लोगों से बचने के लिए मर्द का रूप धारण कर लिया। वहीं मर्द बनने के लिए कमला ने अपने बाल कटवा लिए और पगड़ी बांध ली।

मर्द बनकर कमला ने दिन रात काम करना शुरू कर दिया। रात बेरात खेतों में कमला पानी देने जाया करती थी। कमला कहती हैं कि मैं बिना डर के खेतों में काम करती थी। फसल को पानी देना होता था तो रात को जाती थी और सुबह तक काम करके वापस आ जाती थी। कभी डर महसूस नहीं हुआ। मर्दों की पोशाक ने मुझे सबकी नजरों से बचा लिया।

कमला ने महिला की सुरक्षा के बारे में बात करते हुए कहा कि एक अकेली औरत के साथ कुछ भी हो सकता था। लेकिन खेत में काम कर रहे अकेले मर्द पर किसी का ध्यान नहीं जाता है। कमला को इस बात की खुशी है कि उसके भाई के एक लड़के का घर बस गया है, जबिक दूसरी की भी शादी होने वाली है। कमला कहती है कि उसका जो मकसद था वो पूरा हो गया है। वहीं इतने सालों से जिन खेतों में कमला काम कर रही है उनके बारे में वो कहती हैं कि अब तो ये भाई के बच्चों के खेत हैं।

घर के लिए चाहती हैं एक घर

कमला ने अपनी जिंदगी के पूरे साल अपने भाई के परिवार की सेवा में लगा दिए। वहीं अब कमला अपने लिए एक घर चाहती हैं। कमला के अनुसार उनकी पूरी जिंदगी काम में निकल गई और वो अपना एक घर तक नहीं बना सकी। कमला ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर लेने का सोचा लेकिन कोरोना आने के कारण ये काम भी रुक गया है।

कमला की कहानी साफ बताती हैं कि आज भी भारत में महिलाएं खुद को सुरक्षित नहीं समझती हैं। कमला ने डर के कारण अपनी जिंदगी को मर्दों की तरह जीया और चार दश्कों से ये ऐसे ही रह रही है।

Related Articles

Back to top button