पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने की थी एक फिल्म में एक्टिंग, इस वजह से कभी रिलीज़ नहीं हो पाई
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अपने खेल और कप्तानी के दम पर भारतीय टीम को एक अलग ही दर्जे पर ले जा चुके है. वे दुनिया के पहले ऐसे कप्तान हैं, जिन्होंने अपनी कप्तानी में टीम को वनडे वर्ल्ड कप, टी-20 वर्ल्ड कप और चैम्पियंस ट्रॉफी का खिताब जितवाया है. इसी वजह से पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी आज भी अपने चाहने वालों के दिलों पर राज करते हैं. महेंद्र सिंह धोनी की फैंस फॉलोविंग आज भी किसी खिलाड़ी से ज्यादा है. उनके जीवन पर आधारित फिल्म एमएस धोनी द अनटोल्ड स्टोरी को भी फैंस द्वारा काफी प्यार मिला था.
इस फिल्म में दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने लीड रोल निभाया था. इस फिल्म में धोनी की जिंदगी के हर एक पहलू को काफी करीब से दिखाया गया था. मगर इस फिल्म में एक बात सभी से छुपाई गई थी. एम एस धोनी की एक्टिंग की बात. खुद धोनी भी एक्टिंग कर चुके हैं. जी हां एम एस धोनी ने एक्टिंग के मंच पर भी अपना स्किल दिखाया है. भारत के पूर्व कप्तान कूल को वर्ष 2010 में डेविड धवन की फिल्म हुक या क्रूक में काम करते देखा गया था. इस फिल्म में धोनी के साथ अभिनेता जॉन अब्राहम ने भी काम किया था.
यह फिल्म भी क्रिकेटर के जीवन पर ही आधारित थी. इस फिल्म में धोनी का रोल छोटा मगर काफी अहम था. मगर यह फिल्म कभी बड़े पर्दें पर आ नहीं पाई. इस फिल्म में धोनी के अलावा एक्टर केके मेनन और जेनेलिया डिसूजा भी थे.आपको बता दें कि क्रिकेटर ने अपनी बायोपिक धोनी के प्रमोशन के दौरान भी कहा था कि वह एक्टिंग के क्षेत्र में भी हाथ आजमा चुके हैं. मगर ये कभी पूरी तरह से साफ नहीं हुआ कि धोनी की फिल्म हुक या क्रूक रिलीज आखिर क्यों नहीं हुई थी. आज धोनी अपने फैंस के सामने भले ही एक अभिनेता के रूप में न आ सके हो. मगर एक खिलाड़ी के रूप में हमेशा ही उन्होंने सभी को प्रभावित किया है.
धोनी के फिल्ड पर कुछ अहम् फैसले
आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप 2007 में पहली बार हुआ था. फाइनल में दिग्गज ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह का एक ओवर बचा हुआ था, लेकिन धोनी ने जोगिंदर शर्मा को आखिरी ओवर दें दिया. उस समय पाक टीम के कप्तान मिसबाह उल हक 35 गेंदों पर 37 रन बनाकर क्रीज पर थे. धोनी ने यहां रिस्क ली क्योंकि हरभजन के 17वें ओवर में मिसबाह तीन छक्के जड़ चुके थे. भारत ने यह पहला टी-20 वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रच दिया था.
2008 में ऑस्ट्रेलिया में धोनी ने ऑस्ट्रेलिया-श्रीलंका के साथ ट्राई सीरीज में सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ जैसे बड़े खिलाडियों को बाहर कर दिया था. धोनी के इस फैसले से हर कोई उनकी आलोचना कर रहा था. जब बीसीसीआई सचिव निरंजन शाह से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा हमारा फील्डिंग पर जोर था, हमें युवा खिलाड़ी चाहिए थे. इसके बाद भारत ने ऑस्ट्रेलिया में पहली बार ट्राई सीरीज अपने नाम की थी. इसके बाद 2011 के वर्ल्ड कप फाइनल में खुद को प्रमोट करते हुए धोनी पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने आ गए. धोनी ने नाबाद 91 रन बनाकर टीम को दूसरा वर्ल्ड कप जितवाया.