बॉलीवुड

जब यश चोपड़ा ने रानी मुखर्जी के माता-पिता को कर दिया था कमरे में बंद, करना चाहते थे ब्लैकमेल

बॉलीवुड इंडस्ट्री की जानी-मानी अभिनेत्री रानी मुखर्जी को भला कौन नहीं जानता। रानी मुखर्जी ने बहुत कम उम्र में ही अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी और उन्होंने अपने बेहतरीन अभिनय के दम पर फिल्म इंडस्ट्री में अच्छा खासा नाम कमाया है। भले ही रानी मुखर्जी को अपने करियर में कई परेशानियों का सामना करना पड़ा परंतु उन्होंने हार नहीं मानी और आखिर में खुद के दम पर वह इंडस्ट्री में खास मुकाम बनाने में सफल रहीं।

भले ही रानी मुखर्जी लंबे वक्त से फिल्म इंडस्ट्री से दूर हैं परंतु आज भी उनके चाहने वालों की दुनिया भर में कमी नहीं है। रानी मुखर्जी ने अपनी पहली फिल्म “राजा की आएगी बारात” से ही लोगों के दिलों में एक खास जगह बना ली थी। इसके बाद उन्होंने बॉलीवुड को कई सुपरहिट फिल्में दीं।

अगर हम रानी मुखर्जी की निजी जिंदगी के बारे में बात करें तो अभिनेत्री का नाम कई अभिनेताओं के साथ जुड़ा, परंतु रानी मुखर्जी ने एक तलाकशुदा व्यक्ति के साथ अपनी पूरी जिंदगी व्यतीत करने का निर्णय ले लिया। रानी मुखर्जी ने बॉलीवुड के मशहूर डायरेक्टर/प्रोड्यूसर आदित्य चोपड़ा को काफी दिनों तक डेट करने के बाद 2014 को शादी रचाई थी। वहीं साल 2015, दिसंबर के महीने में रानी मुखर्जी और आदित्य चोपड़ा एक बेटी आदिरा के माता-पिता बने।

रानी मुखर्जी और आदित्य चोपड़ा बॉलीवुड के पॉवर कपल्स में से एक हैं और दोनों की जोड़ी लोगों द्वारा काफी पसंद की जाती है। वैसे तो रानी मुखर्जी यश चोपड़ा के निधन के 2 साल बाद चोपड़ा परिवार का एक हिस्सा बन गई थीं, परंतु आदित्य चोपड़ा से शादी करने से पहले भी रानी मुखर्जी यश चोपड़ा के साथ एक अच्छा बॉन्ड साझा किया करती थीं।

जब रानी मुखर्जी को यह लगने लगा कि उनका करियर खत्म हो गया है, तब उस दौरान यश चोपड़ा ने ही उन पर विश्वास किया और एक फिल्म में काम करने के लिए अभिनेत्री से कहा था। लेकिन रानी मुखर्जी को उस किरदार में कोई भी दिलचस्पी नहीं थी परंतु यश चोपड़ा ने उस समय के दौरान कुछ ऐसा कर दिया कि रानी मुखर्जी को फिल्म के लिए हां कहना ही पड़ गया। इतना ही नहीं बल्कि जब यह फिल्म रिलीज हुई थी, तो रानी के अभिनय की खूब तारीफ हुई थी। तो चलिए जानते हैं आखिर पूरा किस्सा क्या था…

आप सभी लोगों को रानी मुखर्जी की फिल्म “साथिया” तो याद ही होगी, यश राज बैनर तले बनी इस फिल्म में रानी मुखर्जी के साथ विवेक ओबेरॉय नजर आए थे। इस फिल्म में रानी मुखर्जी के द्वारा किए गए काम की लोगों ने खूब सराहना की थी परंतु ऐसे बहुत ही कम लोग होंगे, जिनको यह बात पता होगी कि रानी मुखर्जी ने इस फिल्म में काम करने के लिए पहले मना कर दिया था।

जब यश चोपड़ा ने रानी मुखर्जी को फिल्म के अंदर रोल का ऑफर किया तब अभिनेत्री के पैरेंट्स यश चोपड़ा से मिलने के लिए भी गए थे। तब अभिनेत्री के माता-पिता ने यश चोपड़ा से कहा था कि रानी इस फिल्म में काम नहीं करना चाहती है। तब यश चोपड़ा ने कहा था कि वह फिल्म को करने से मना कर रही है, यह उसकी सबसे बड़ी गलती है। बात यहीं पर खत्म नहीं हुई बल्कि यश चोपड़ा जी ने रानी मुखर्जी को कॉल भी किया और उन्हें समझाने की कोशिश की। यश जी ने कहा कि बेटा तुम बहुत बड़ी गलती कर रहे हो।

उन्होंने आगे यह भी कहा कि मैं अपने कमरे का दरवाजा बंद कर रहा हूं और जब तक आप फिल्म के लिए हां नहीं कहते, मैं आपके माता-पिता को बाहर नहीं जाने दूंगा। रानी मुखर्जी को बाद में मजबूर होना पड़ गया और उन्होंने फिल्म में काम करने के लिए हां कह दी और जब यह फिल्म रिलीज हुई तो दर्शकों द्वारा रानी मुखर्जी के काम को काफी पसंद किया गया।

रानी मुखर्जी ने अपने काम से फिल्म इंडस्ट्री में अच्छा खासा नाम कमाया है और उन्होंने कई बेहतरीन फिल्में दीं। भले ही रानी मुखर्जी ने सफलता हासिल कर ली थी परंतु इसके बावजूद भी उन्हें अपनी कुछ फिल्मों की वजह से आलोचना का सामना करना पड़ गया था। रानी मुखर्जी फिल्म मुझसे दोस्ती करोगे में भी काम कर चुकी हैं और इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त प्रदर्शन किया था लेकिन रानी मुखर्जी को करीब 8 महीने तक बिना काम के ही इंतजार करना पड़ गया था।

उस समय के दौरान बहुत सारे फिल्म समीक्षकों और पत्रिकाओं ने रानी मुखर्जी को खारिज कर दिया था और यहां तक कहा गया था कि उनका करियर खत्म हो चुका है लेकिन रानी मुखर्जी हार मानने वालों में से बिल्कुल भी नहीं थीं। रानी मुखर्जी का दिल जिसमें विश्वास करता था, वह वही काम करना चाहती थीं और उसी समय के दौरान उनके पास “साथिया” फिल्म का ऑफर मिल गया। साथिया फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल रही और इस फिल्म ने 6 फिल्मफेयर अवॉर्ड्स भी जीते। इसमें रानी मुखर्जी का बेस्ट एक्ट्रेस (क्रिटिक्स) अवार्ड भी शामिल है।

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