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बिहार के लड़के को दिल दे बैठी पेरिस की लड़की, सात समंदर पार कर भारत आकर रचाई शादी

प्यार के बिना हर किसी इंसान का जीवन अधूरा है। प्यार को परिभाषित करना आसान नहीं है। हर व्यक्ति प्यार की अलग-अलग रूपरेखा बना सकता है। प्यार के प्रति लोगों का नजरिया भी अलग हो सकता है परंतु प्यार तो प्यार होता है। ऐसा कहा जाता है कि प्यार अंधा भी होता है, इसकी आंखें नहीं होती है परंतु इसके पंख जरूर होते हैं। अक्सर देखा गया है कि दो प्यार करने वाले एक दूसरे के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं। आए दिन हम सभी इस तरह के मामले देखते और सुनते रहते हैं।

जैसा कि हम लोग जानते हैं इन दिनों शादियों का दौर चल रहा है। बिहार समेत पूरे देश में रोजाना कई जोड़े विवाह के पवित्र बंधन में बंध रहे हैं। इसी बीच बिहार में हुई एक शादी की चर्चा हर तरफ की जा रही है। दरअसल, इस शादी की चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि इसमें एक शख्स भारत का है जबकि दूसरी सात समंदर पार यानी विदेश की है।

दरअसल, हम आपको जिस मामले के बारे में जानकारी दे रहे हैं, यह बिहार के बेगूसराय से जुड़ा हुआ है। जहां पर फ्रांस की रहने वाली एक लड़की ने भारतीय युवक से शादी रचाई है। जी हां, आप लोग बिल्कुल सही सुन रहे हैं, फ्रांस के पेरिस में रहने वाली एक लड़की सात समंदर पार करके भारत आई ताकि वह अपने भारतीय प्रेमी के साथ विवाह कर पाए।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ऐसा बताया जा रहा है कि फ्रांस की रहने वाली मैरी लौर हेरल का बेगूसराय के रहने वाले राकेश कुमार के साथ अफेयर चल रहा था और सबसे बड़ी खास बात यह है कि यह शादी दोनों परिवारों की रजामंदी से हुई और इसमें शामिल होने फ्रांस से चलकर दुल्हन के माता-पिता भी भारत पहुंचे।

रविवार को दोनों ने धूमधाम से हिंदू रीति-रिवाज से शादी कर ली। जब इन दोनों की शादी हुई तो बिहार का दूल्हा और विदेशी दुल्हन को देखने के लिए गांव वालों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई। जब यह शादी संपन्न हुई तो उसके बाद अगले दिन सोमवार को विदेशी दुल्हन को देखने के लिए घर पर रिश्तेदारों और गांव वालों की भीड़ उमड़ पड़ी।

आपको बता दें कि रामचंद्र साह बेगूसराय के कटारिया निवासी हैं और उनके पुत्र का नाम राकेश कुमार है। राकेश कुमार ने पेरिस की रहने वाली बिजनेसमैन मैरी लौर हेरल के साथ सनातन परंपरा के अनुसार शादी की है। इस शादी में शामिल होने के लिए मैरी लौर हेरल के साथ उसके माता-पिता भी आए और अगले सप्ताह दूल्हा और दुल्हन पेरिस लौटेंगे। दूल्हे के पिता रामचंद्र साह का ऐसा कहना है कि उनका बेटा राकेश दिल्ली में रहकर देश के विभिन्न हिस्सों में टूरिस्ट गाइड का काम करता था।

दूल्हे के पिता ने आगे बताया कि जब करीब 6 साल पहले मैरी लौर हेरल भारत घूमने आई थी, तब उनके बेटे के साथ उसकी मुलाकात हुई थी। भारत से अपने देश जाने के बाद दोनों के बीच कब प्यार हो गया, इसके बारे में किसी को भी जानकारी नहीं लगी। उन्होंने बताया कि बाद में करीब 3 साल पहले राकेश भी पेरिस से चला गया था और वहीं पर मैरी लौर हेरल के साथ मिलकर पार्टनरशिप में उसने कपड़े का व्यापार किया। इस व्यापार के दौरान ही दोनों के बीच प्यार का रिश्ता और गहरा हो गया था।

जब इन दोनों के प्यार की खबर मैरी लौर हेरल के परिवार वालों को मालूम हुई तो वह भी इस रिश्ते के लिए राजी हो गए। मैरी लौर हेरल को भारतीय सभ्यता और संस्कृति बहुत ज्यादा पसंद थी, जिसकी वजह से उसने भारत आकर अपने होने वाले पति के गांव में ही शादी करने का फैसला लिया। इसके बाद मैरी लौर हेरल अपने माता-पिता और राकेश के साथ गांव पहुंच गई, जहां पर रविवार की रात भारतीय सनातन परंपरा के मुताबिक वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच दोनों विवाह के बंधन में बंध गए।

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