धार्मिक

इस मंदिर में औरतों की तरह सजने के बाद ही पुरुष कर सकते हैं पूजा, सदियों से चली या रही परंपरा

भारत में आस्था का देश माना जाता है। यहां हर धर्म के अनुयाईयों को पूरी तरह से आपने धर्म का पालन करने की छुट है। ऐसे में देश में आपने कई ऐसे मंदिर भी देखे होंगे जहां की परंपरा आपको सुनने में अजीब लगी हो लेकिन आज भी लोग इन परंपराओं का पालन करते आए हैं। ऐसी एक परंपरा यह भी है।

आपने अक्सर ये तो सुना होगा कि किसी मंदिर में महिलाओं का जाना मना है। लेकिन हमारे में देश में सिर्फ महीलाएं ही नहीं पुरुषों के लिए भी ऐसी कई परंपरा होती है। जी हां हमारे देश में कई मंदिर ऐसे हैैं जहां पुरुषों का जाना मना है। आइए आज आपको भारत के उन मंदिरों के बारे में बताते हैं जहां महिलाओं को ही पूजा करने की अनुमति हैं। यहां पुरुषों के आने पर प्रतिबंध है।

जोधपुर का संतोषी माता मंदिर

पुरुषों के आने पर मनाही वाले मंदिरों में एक यह भी है। जोधपुर में संतोषी माता का प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर में परंपरा के अनुसार शुक्रवार के दिन पुरुषों को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाता है। जबकि बाकी दिनों में भी पुरुषों को केवल मंदिर के दरवाजे पर खड़े हो कर माता के दर्शन करने की ही अनुमति होती है। इस मंदिर में पुरुषों के पूजा करने पर मनाही है।

राजस्थान का ब्रह्मा मंदिर

कहा जाता है कि पूरे देशभर में भगवान ब्रम्हा का सिर्फ एक ही मंदिर है। और वह भी राजस्थान के पुष्कर में स्थित है। भगवान ब्रम्हा के इस मंदिर में शादीशुदा पुरुषों का आना मना है। यहां ऐसा माना जाता है कि मां सरस्वती के श्राप के कारण यहां किसी भी शादीशुदा पुरुषों को मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया जाता।

गुवाहाटी का कामाख्या मंदिर

गुवाहाटी के कामाख्या मंदिर के बारे में तो आपने सुना ही होगा। कामाख्या मंदिर नीलांचल पर्वत पर बना हुआ है। यह इकलौता ऐसा मंदिर हैै, जहां माता के माहावारी के दिनों में पूजा की जाती है। यहीं वजह हैं कि इस मंदिर में पुरुषों का आना मना है। यहां तक की इस मंदिर की पूजा भी महिला पुजारी ही करती है।

महाराष्ट्र का त्र्यंबेश्कर मंदिर

भगवान शिव शंकर के बारह ज्योर्तिलिंगों में से एक त्र्यंबेश्कर मंदिर में भी पुरुषों के आने की मनाही है। हालांकि यहां सिर्फ पुरुष नहीं बल्कि महिलाओं की एंट्री पर भी बैन है। पहले इस मंदिर में के गर्भगृह में महिलाओं के जाने पर रोक थी।

लेकिन फिर साल 2016 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि यदि महिलाओं के जाने पर बैन है तो पुरुषों के जाने पर भी प्रतिबंध लगे। इसके बाद से गर्भगृह में पुरुषों का जाना मना हो गया।

कन्याकुमारी का भगवती देवी मंदिर

कन्याुमारी के इस भगवती मंदिर में भी पुरुषों के पूजा करने पर मनाही है। इस मंदिर में केवल महिलाओं और किन्नरों को पूजा करने की अनुमति है। इस मंदिर की परंपरा के मुताबिक इस मंदिर में पुरुष केवल तभी प्रवेश कर सकते हैं जब वे महिलाओं की तरह ही सोलह श्रृंगार करें।

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