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कुन्नूर हादसे में एकमात्र जिंदा बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह, अभी भी मौत से लड़ रहे हैं जंग

8 दिसंबर बुधवार को कुन्नूर के पास mi-17v5 हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से CDS जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका और 11 अन्य सैनिक कर्मियों का निधन हो गया। इस हादसे में केवल ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ही जीवित बचे हैं जो अस्पताल में भर्ती है जहां उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की जा रही है। इस हेलीकॉप्टर में सवार 14 लोगों में से 13 लोग शहीद हो गए है।

varun singh

रिपोर्ट की मानें तो हेलीकॉप्टर हादसे में जीवित बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की हालत गंभीर, लेकिन स्थिर है। अधिकारियों के मुताबिक वरुण सिंह का इलाज बेंगलुरु के कमान अस्पताल में जारी है। अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार को वरुण सिंह को तमिलनाडु के वेलिंगटन से बेंगलुरु के कमान अस्पताल में भर्ती कर दिया गया था।

कहा जा रहा है कि वरुण के माता पिता बेंगलुरु पहुंच चुके हैं। इस दौरान उन्होंने अपने अपने बेटे को जब आईसीयू में भर्ती देखा तो उनकी आंखों से आंसू नहीं रुके और फिर उन्होंने खुद को ही संभाला और कहा कि मेरा बेटा एक योद्धा है और इस लड़ाई में जीत कर जरूर लौटेगा। बता दें, न सिर्फ वरुण के माता-पिता उनके जल्दी ठीक होने की कामना कर रहे हैं बल्कि पूरा देश उनके लिए प्रार्थना कर रहा है।

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आपको यह जानकर हैरानी होगी कि वरुण सिंह इससे पहले भी मौत को मात दे चुके हैं। जी हां… इससे पहले भी कैप्टन वरुण सिंह मौत से बाल-बाल बचे थे। दरअसल, एक समय पर प्लेन तेजी से नीचे आ रहा था, ऐसे में वरुण के पास सिर्फ एक ही ऑप्शन था कि वह जल्दी प्लेन से बाहर निकल जाए और उसे क्रैश होने दे।

लेकिन उन्होंने एक बार फिर उसे कंट्रोल करने की कोशिश की, हालांकि इस दौरान उनके साथ बड़ा हादसा हो सकता था और इसमें उनकी जान भी जा सकती थी। लेकिन फिर भी उन्होंने आखिरी सांस तक उसे बचाने की कोशिश की और अंत में वह कामयाब हो गए।

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इसी बहादुरी के लिए वरुण सिंह को इसी साल 15 अगस्त को शांति काल में सेना के तीसरे सबसे प्रतिष्ठित अवार्ड शौर्य चक्र से भी नवाजा गया था। लेकिन एक बार फिर वरुण सिंह जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। ऐसे में पूरा देश उनके स्वास्थ्य के लिए कामना कर रहा है कि वह जल्दी ठीक होकर लौटे। IndiaFeed भी कैप्टन वरुण सिंह के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता है और वह एक बार फिर अपनी बहादुरी का परचम लहराएंगे।

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वहीं दूसरी ओर CDS बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका पंचतत्व में विलीन हो गए हैं। बिपिन रावत की बेटियां कृतिका और तारिणीं ने अपने माता पिता का अंतिम संस्कार किया। बिपिन रावत को दिल्ली छावनी के बरार स्क्वेयर श्मशान घाट में अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और देश की अन्य हस्तियां श्मशान घाट पहुंची थी।

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