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क्रिप्टोकरेंसी को लेकर पूर्व RBI गवर्नर रघुराम राजन ने किया सचेत, कहा- सिर्फ कुछ क्रिप्टो ही बचेंगे

आजकल क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर हर तरफ खूब चर्चा की जा रही है। मोदी सरकार के द्वारा भी क्रिप्टोकरेंसी के अनियमित उतार-चढ़ाव से निवेशकों को बचाने के लिए सख्त कदम उठाने का फैसला किया है। संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित विधेयक पेश करने वाली है लेकिन इससे पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन (Raghuram Rajan) का क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक बड़ा बयान सामने आया है।

जी हां, पूर्व RBI गवर्नर रघुराम राजन ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लोगों को चेतावनी दी है। उन्होंने क्रिप्टोकरंसी की तुलना चिट-फंड से करते हुए यह बोला है कि दुनिया में करीब 6000 क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं, जिनमें से ऐसी कुछ ही क्रिप्टोकरेंसी है, जो आगे बाकी रह जाएंगी। रघुराम राजन ने कहा कि दुनिया में चल रही सभी क्रिप्टोकरेंसी में से कुछ ही ऐसे हैं, जिनका अस्तित्व रह पाएगा। बुधवार के दिन एक कार्यक्रम के दौरान रघुराम राजन ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लोगों के बीच बढ़ रहे क्रेज की तुलना नीदरलैंड के ट्युलिप मैनिया (Tulip Mania) से की है।

आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर यह कहा कि ज्यादातर लोग दो मुख्य वजहों से क्रिप्टोकरेंसी खरीद कर अपने पास रखते हैं। उन्होंने पहली वजह यह बताई कि लोगों को यह उम्मीद रहती है कि इनका मूल्य आने वाले समय में बढ़ सकता है और मुद्रा के रूप में इसे रखा जा सकता है। दूसरा कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि क्रिप्टो से भुगतान किया जा सकता है।

एक टीवी चैनल से बात करते हुए आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने यह सवाल भी उठाए कि क्या वास्तव में पेमेंट करने के लिए लोगों को 6000 क्रिप्टोकरेंसी की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यदि इसकी टेक्नोलॉजी वास्तव में इतनी उपयोगी हुई कि यह नगदी और करेंसी (Cash and Currency) का स्थान ले सके, तब भी एक या दो क्रिप्टोकरेंसी ही पेमेंट के चलते बची रह पाएगी। उन्होंने कहा कि इससे यही पता चलता है कि ज्यादातर क्रिप्टो करेंसी के बने रहने की संभावना नहीं है।

आरबीआई के पूर्व गवर्नर अनरेगुलेटेड चिट-फंड से क्रिप्टोकरेंसी की तुलना करते हुए यह बोला कि इसके चलते भी वैसी ही समस्या उत्पन्न हो सकती है। यदि किसी भी चीज की वैल्यू सिर्फ इस कारण से है कि आने वाले समय में वैल्यू बढ़ सकती है, तो यह वास्तव में एक बबल है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी का वजूद सिर्फ इसलिए है क्योंकि सिर्फ मूर्ख लोग ही खरीदना चाहते हैं।

जब सरकार के द्वारा सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी (Private Cryptocurrencies) पर बैन लगाने की तैयारी की जा रही है, इसी बीच आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का यह बयान सामने आया है। बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े बिल पर सरकार लगातार चर्चा कर रही है, जिसे संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाना है। ऐसा माना जा रहा है कि सरकार बिल में डिजिटल करेंसी में निवेश करने के लिए न्यूनतम रकम की सीमा तय कर सकती है। वहीं सरकार कुछ तरह के क्रिप्टोकरेंसी को छोड़कर सभी प्रकार के प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसीज को बैन कर सकती है। संसद का आगामी सत्र 29 नवंबर से शुरू होने वाला है।

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