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गर्भवती होने पर भी करती रही मेहनत, 7 महीने की बेटी की ये मां कॉन्स्टेबल से बनी DSP

दुनिया में हर कोई एक सफल व्यक्ति बनाना चाहता है, जिसके लिए सभी लोग मेहनत करते हैं परंतु कामयाबी के मार्ग में बहुत सी बाधाएं उत्पन्न होती हैं। ज्यादातर लोग ऐसे होते हैं, जो कठिन परिस्थितियों के आगे हार मान लेते हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो हर कठिनाई का सामना करते हुए लगातार मेहनत करते रहते हैं। आखिर में उनको अपनी मंजिल मिल ही जाती है।

इंसान अगर मेहनत करे, तो वह कभी बेकार नहीं होती। मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती। आप जिस दिशा में मन लगाकर मेहनत करेंगे, तो वह आपको आपके लक्ष्य पर जरूर पहुंच आती है। आज हम आपको बिहार की एक ऐसे महिला कॉन्स्टेबल के बारे में बताने वाले हैं, जिसमें इसे सच कर दिया है।

बेगूसराय में कार्यरत महिला पुलिस कॉन्स्टेबल बबली की चर्चा आज पूरे जिले के साथ बिहार में हो रही है। बबली अपनी मेहनत और लगन के दम पर आज सिपाही से डीएसपी बन गई है। आज वह महिला कॉन्स्टेबल उन अधिकारियों की बॉस बन गई हैं, जिसे कभी थाने में यह सैल्यूट किया करती थीं।

महिला सिपाही से बनी डीएसपी

 

आपको बता दें कि बबली की शादी गया जिला निवासी रोहित कुमार से हुई है। 2015 में खगड़िया में उन्हें बतौर कॉन्स्टेबल पुलिस में नौकरी मिली थी। वर्तमान में वह पुलिस लाइन बेगूसराय में पदस्थ हैं। बेगूसराय में बबली 6 साल से पुलिस में एक कॉन्स्टेबल के रूप में अपनी अपनी सेवाएं दे रही थीं।

लेकिन अब बेगूसराय की बबली कॉन्स्टेबल नहीं रह गई हैं बल्कि पुलिस उपाधीक्षक यानी DSP बन चुकी हैं। यह कामयाबी पाने के लिए बबली को अपने जीवन में बहुत से उतार-चढ़ाव से गुजरना पड़ा। उन्होंने बहुत सी कठिनाई का सामना किया। उन्हें यह सफलता तीसरे प्रयास में हासिल हुई है।

बेगूसराय के एसपी साहब ने दी बधाई

बबली की इस सफलता से हर कोई खुश है। वहीं बेगूसराय के एसपी योगेंद्र कुमार ने अपने कार्यालय कक्ष में सिपाही बबली कुमारी को सम्मानित किया और आने वाले दिनों के लिए उन्हें शुभकामनाएं भी दी। बता दें कि कॉन्स्टेबल से डीएसपी बने बबली को राजगीर प्रशिक्षण केंद्र भेजा गया है। अब ट्रेनिंग के बाद डीएसपी का पदभार संभालते हुए राज्य की सेवा करेंगी।

एसपी कार्यालय में बबली को सम्मानित करते हुए एसपी योगेंद्र कुमार, मुख्यालय डीएसपी निशीत प्रिया, सदर डीएसपी अमित कुमार ने उनका मुंह मीठा कराया और बधाई दी। इस मौके पर एसपी ने कहा कि जिला बल की होनहार सिपाही ने ड्यूटी के बाद समय निकालकर न सिर्फ अपना सपना साकार किया है, बल्कि वे सहकर्मियों के लिए प्रेरणास्रोत बनी हैं।

सफर नहीं था आसान


कॉन्स्टेबल से डीएसपी बन चुकी बबली ने बताया कि उनके लिए यहां तक पहुंचने का सफर बिल्कुल भी आसान नहीं था। उन्होंने बताया कि वह अपने घर की बड़ी बेटी हैं, जिसकी वजह से उनके ऊपर जिम्मेदारी थी। बबली ने अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हुए सरकारी नौकरी पाने की कोशिश की और 2015 में कॉन्स्टेबल पद पर चयनित हुईं।

बबली के घर की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है। आर्थिक परेशानियों का सामना करते हुए उन्होंने अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रयास जारी रखा। आखिर में तीसरे प्रयास में उन्हें सफलता हासिल हो गई। बबली कुमारी ने बतौर कांस्टेबल ड्यूटी करते हुए पढ़ाई के लिए समय निकाला और अपनी मेहनत जारी रखी।

आखिर में उन्हें अपनी मेहनत का फल प्राप्त हो ही गया। गर्भवती होने के बावजूद भी बबली लगातार मेहनत करती रहीं और उन्होंने मेंस क्लियर कर किया।

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