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घर वापसी को तैयार हुए पंजाब के 32 संगठन, कहा- अब कोई बहाना नहीं बचा, बुधवार होगी अहम बैठक

तीन कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ लगभग पिछले 1 साल से लगातार आंदोलन चल रहा था परंतु गुरु नानक देव की जयंती के मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया। वहीं प्रधानमंत्री के द्वारा लिए गए इस फैसले का किसान संगठनों ने भी स्वागत किया। अब बुधवार को किसान आंदोलन खत्म होने की संभावना जताई जा रही है। दरअसल, सिंधु बॉर्डर पर पंजाब के 32 किसान संगठनों द्वारा बैठक हुई थी, जिसमें घर वापसी को लेकर सहमति बनी। परंतु 1 दिसंबर यानी बुधवार इसका आखरी फैसला आएगा।

बता दें कि 1 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के 42 लोगों की कमेटी की आपात बैठक फैसले के लिए की जाएगी। सबसे पहले यह मीटिंग 4 दिसंबर को होने जा रही थी। पंजाब के किसान नेता हरमीत कादियां का ऐसा कहना है कि हम जीत गए हैं और अब हमारे पास कोई भी बहाना नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि अब घर वापसी पर संयुक्त किसान मोर्चा की मोहर लगनी बाकी रह गई है।

पंजाब के किसान नेता हरमीत कादियां का ऐसा कहना है कि ‘लोकसभा और राज्यसभा में कृषि कानून वापस ले लिए गए हैं। पराली और बिजली एक्ट से किसानों को निकाल दिया गया है। उन्होंने अपनी जीत पूरी होने की बात कही है। उन्होंने कहा कि हम जिन मांगों को लेकर आए थे, अब उन पर फैसला आ गया है। सरकार के द्वारा एमएसपी पर कमेटी बनाने की बात कही गई है। उसके लिए केंद्र सरकार को 1 दिन का समय दिया गया है। इसमें किसानों के प्रतिनिधि लिए जाएंगे या नहीं? और वह कितने समय में फैसला लेंगे, इन सभी बातों पर सब कुछ साफ होना चाहिए।

हरमीत कादियां ने आगे कहा कि “पहले हमारी मांगों पर केंद्रीय सरकार नरेंद्र तोमर और पीयूष गोयल ने घोषणा की।” उन्होंने आगे कहा कि “हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में उसकी घोषणा कर दें। हम शहीद किसानों को मुआवजा देने की मांग भी कर रहे हैं। चंडीगढ़, दिल्ली, हरियाणा और दूसरी जगह पर किसानों पर दर्ज केस वापस लिए जाने चाहिए। हरमीत कादियां ने कहा सरकार पूरी तरह से झुक गई है और हमारी मांगों पर वह आगे बढ़ रही है।

वहीं दोआबा के किसान नेता मुकेश का ऐसा कहना है कि हम जंग जीत चुके हैं। उन्होंने कहा कि “पहले सरकार संसद को श्रद्धांजलि देकर खत्म कर देती थी, लेकिन इस बार सरकार ने तेजी से बिल रद्द कर दिए।” उन्होंने कहा कि 1 दिसंबर को ही बैठक बुला ली गई है, यह सब सरकार का रवैया देखते हुए हमने किया है।

मुकेश ने आगे कहा कि “पहले भी हम 32 संगठन प्रपोजल बनाते थे और SKM में पास करवाते थे। सरकार का रवैया देखने के बाद हमें यह उम्मीद है कि मंगलवार को बाकी मांगों पर भी घोषणा कर दी जाएगी। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के इस फैसले का स्वागत करते हुए किसान नेता जंगवीर सिंह ने “हम जीत को जीत ही कहेंगे” कि बात कही है।

आपको बता दें कि पंजाब के संगठन द्वारा लिया गया यह फैसला बहुत अहम होगा क्योंकि आंदोलन की शुरुआत उन्होंने पंजाब से ही की थी। पंजाब में किसान संगठन टोल प्लाजा पर लगे धरने को हटाने के लिए राजी हो चुके हैं। इसके अलावा यहां रैलियां कर रहे नेताओं का विरोध भी बंद होने की संभावना है। पंजाब के कॉर्पोरेट ग्रुप्स के संस्थानों के बाहर जारी धरने या उन्हें खोलने का विरोध भी छोड़ने के लिए राजी हैं। इन सभी के लिए प्रपोजल भी तैयार कर दिया गया है लेकिन SKM की मुहर से पहले किसान नेता के द्वारा इस विषय में कुछ भी नहीं कहा गया।

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