अब बिना पेट्रोल-डीजल के सड़कों पर दौड़ेगी कारें! नितिन गडकरी ने लिए बड़े फैसले

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी एक बड़ा फैसला लेने जा रहे हैं। नितिन गडकरी ने महंगे पेट्रोल डीजल से राहत पाने के लिए सोमवार को एक बैठक की जहां उन्होंने कई अहम फैसलों के बारे में बातचीत की।
सोमवार के दिन बैठक को संबोधित करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि, “मैं अगले 2-3 दिनों में एक फाइल पर हस्ताक्षर करने जा रहा हूं, जिसमें कार निर्माताओं को 100 फीसदी बायो-एथेनॉल से चलने वाले इंजन बनाने के लिए कहा जाएगा। सरकार एथेनॉल की बढ़ी हुई आपूर्ति के साथ फ्लेक्स-फ्यूल इंजन वाले वाहनों को जल्द से जल्द पेश करने की योजना बना रही है।”
इसके अलावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि, इलेक्ट्रिक व्हीकल की लागत उस स्तर पर आ जाएगी जो उनके पेट्रोल वेरिएंट के बराबर होगी। उन्होंने यह भी कहा कि साल 2023 तक इलेक्ट्रिक वाहन कारोबार में क्रांति लाने का काम करेंगे। उन्होंने बताया कि सरकार प्रमुख राजमार्गों पर 600 से ज्यादा चार्जिंग पॉइंट भी लगाने की व्यवस्था करेगी।
गडकरी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, “भारत हर साल करीब 8 करोड रुपए के पेट्रोलियम उत्पादों का आयात करता है। ऐसे में यदि भारत के पेट्रोलियम उत्पादों पर निर्भरता रहेगी तो अगले 5 साल तक आयात बिल बढ़कर करीब 25 करोड रुपए हो जाएंगे।” आगे गडकरी ने कहा कि, इलेक्ट्रिक वाहनों की प्रति किमी लागत पेट्रोल-डीजल में आधी से भी कम होगी।
जिसके चलते इलेक्ट्रिक वाहनों की काफी खरीददारी होने वाली है। इसके आगे उन्होंने कहा कि, “इलेक्ट्रिक वाहन महज 1 रूपया प्रति किमी की दर से भी यात्रा कराएंगे। बस कुछ ही दिनों में इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत पेट्रोल व डीजल वाहनों की तरह ही आम आदमी के बजट में होगी।”
क्या होता है फ्लेक्स इंजन?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, बाय-फ्यूल इंजन वाली गाड़ियों से फ्लेक्स इंजन वाली गाड़ियां अलग होती है। दरअसल, फ्लेक्स फ्यूल इंजन की सबसे खास बात यह होती है कि आप एक ही टैंक में कई तरह के फ्यूल डलवा सकते हैं, लेकिन बाय फ्यूल इंजन में अलग-अलग टैंक होते हैं। ऐसे में आपके लिए फ्लेक्स इंजन वाली गाड़ियां ज्यादा फायदेमंद होगी क्योंकि इसके टेंक में मिश्रित ईंधन जरूरत के अनुसार खुद को एडजस्ट कर लेता है।
गौरतलब है कि, नितिन गडकरी इससे पहले भी इलेक्ट्रिक गाड़ियों के बारे में घोषणा कर चुके हैं। उन्होंने राजस्थान के दौसा में दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे की प्रगति की समीक्षा करने के दौरान कहा था कि, बस, ट्रक भी मेट्रो की तरह ऊपर लगे इलेक्ट्रिक तार के जरिए दौड़ेगी। उन्होंने बताया कि, इलेक्ट्रिक हाईवे शुरू होने के बाद से यात्रियों का सफर 4 से 5 घंटे तक कम हो जाएगा।
खबरों की माने तो इलेक्ट्रिक हाईवे हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, मध्यप्रदेश और गुजरात से होकर गुजरेगा। रिपोर्ट के मुताबिक, इलेक्ट्रिक हाईवे का काम साल 2023 से शुरू होने की उम्मीद है। इलेक्ट्रिक हाईवे बनने के बाद सरकार को हर महीने 1 हजार से 1500 करोड़ रुपए की कमाई होगी।