अजब ग़जब

इंजीनियर की नौकरी छोड़ खोला बिरयानी का ठेला, अब अपनी कमाई से जीते हैं रॉयल लाइफ

एक समय हुआ करता था जब इंजिनियर की नौकरी को सबसे ज्यादा महत्व दिया जाता था। लोगों का मानना था कि उनका बेटा अगर इंजिनियर बन गया तो समझों पूरे परिवार के वारे न्यारे हो जाएंगे। यहीं वजह रहती थी कि पेरेंट्स अपने बच्चों को इंजिनियर और डॉक्टर की रेस में खड़ा कर देते थे। फिर चाहे उन्हें इंजिनियरिंग करनी हो या नहीं लेकिन सुरक्षित भविष्य का सोचते हुए माता पिता अपने बच्चों को इंजिनियर ही बनता देखना मंजूर करते थे। खैर अब समय बदल चुका है।

अब इंजिनियर भी उसी आम इंसान की तरह हो गया है, जो कि आठ से नौ घंटे की नौकरी करता है। और उस नौकरी के बाद ऐसा भी होता है, कि उसे अपने आप को संतुष्ट करने के लिए जितनी सैलरी लगती है। उससे भी कम उसके हाथ आती है। खैर ये तो अब कोई नई बात है नहीं लेकिन आज जो हम आपको बताने वाले हैं वह जरुर आपको नई लगे।

इंजीनियर की नौकरी छोड़ लगा लिया बिरयानी का ठेला

आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने वाले हैं जो कि एक समय पर इंजिनियर हुआ करता था लेकिन आज वह एक बिरयानी का ठेला चला रहा है। आपने ऐसे तो कई लोगों के किस्से सुने ही होंगे जो कि बड़ी बड़ी डिग्री लेने के बाद भी खाने पिने के ठेेले चला कर अपना जीवन गुजार रहे हैं। लेकिन जो आज हम आपको बताएंगे यह उन सभी किस्सों से सबसे अलग हैं।

क्योकि इस शख्स ने भले ही इंजिनियर की नौकरी छोड़ बिरयानी का ठेला लगाया हो, लेकिन इस शख्स की कमाई इस ठेले से इतनी हो जाती है कि इसे अपनी नौकरी छोड़ने का भी कोई अफसोस नहीं होता है।

आज हम आपको जिस बिरयानी के ठेले के के बारे में बता रहे हैं वह दो लोग मिलकर चलाते हैं। रोहित और सचिन ये दोनों ही एक समय में इंजीनियर हुआ करते थे। लेकिन इन्होंने अपनी नौकरी छोड़कर बिरयानी का ठेला लगाना शुरू कर दिया और उनका कहना है कि उन्हें इसमें नौकरी से ज्यादा फायदा मिल रहा है। आपको बता दें कि रोहित और सचिन हरियाणा के सोनीपत में बिरयानी का ठेला लगाते हैं।

इन दोनों का कहना है कि इंजिनियर की नौकरी करने के बाद भी ये संतुष्ट नहीं थे ऐसे में इन्हांेने अपना कुछ काम करने की सोची। जिसके बाद इन्होंने बिरयानी का ठेला लगा लिया। और दोनों का ही कहना है कि वे इस काम से संतुष्ट भी है। और दोनों की ही कमाई भी इस ठेले से अच्छी खासी हो जाती है।

दो इंजीनियर्स ने शुरू किया बिरयानी ठेला

आपको बता दें कि रोहित और सचिन दोनों ही अच्छे दोस्त है। दोनों ने एक साथ पढ़ाई की थी। रोहित जहां पॉलीटेक्निक स्टूडेंट थे, वहीं सचिन ने बी-टेक किया था। इस बिरयानी के ठेले की वैसे तो कई खास बात है जो कि लोगों को इसकी ओर खिंच लेती है। इन दोनों के मुताबिक इनकी बिरयानी औरों की तरह आम नहीं है बल्कि ये ऑयल फ्री होती है और ये लोग चावल भी अच्छी क्वालिटी का इस्तेमाल करते हैं। इनका कहना है कि इनकी बिरयानी सेहत के लिए भी काफी अच्छी होती है।

इंजिनियर्स की बिरयानी में स्वाद की बात की जाए तो लोग इसके स्वाद की काफी बाते करते हैं। लोग इस स्वादिष्ट बिरयानी को खाने के लिए दूर दूर से भी आते हैं। रोहित और सचिन के मुताबिक इस बिरयानी की खासियत यह भी हैैं कि इसको डायटिंग करने वाले और जिम जाने वाले लोग भी खा सकते हैं।

सिर्फ 50 रुपये में बेचते में हेल्दी बिरयानी

कीमत की बात करें तो इस बिरयानी की कीमत भी इन्होंने ज्यादा नहीं रखी है। लोग 50 रुपए में हाफ प्लेट और 70 रुपए में फूल प्लेट बिरयानी खा सकते हैं। सेहत और स्वाद से भरपूर इस बिरयानी को खाने के लिए लोग काफी दूर से भी आते हैं। यहीं वजह है कि इन इंजिनियर्स का बिरयानी ठेला सबसे ज्यादा मशहूर हो गया है। दोनों को ही इस ठेले से नौकरी से तो कई ज्यादा ही पैसा कमाने को मिल जाता हैै।

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