अब गाय से होगा कोरोना का इलाज, जानिए कैसे?

कोरोना वायरस की अभी तक कोई भी वैक्सीन नहीं बन पाई है लेकिन इसको खत्म करने के लिए अब वैज्ञानिकों को नया हथियार मिल गया है। जी हां, रिसर्च से सामने आया है कि गाय के शरीर से कोरोना वायरस जैसी खतरनाक बीमारी का इलाज हो सकेगा।
गाय के एंटीबॉडी से बनेगी दवा-
अमेरिकी बायेटेक कंपनी सैब बायोथेराप्यूटिक्स ने कहा है कि मॉडीफाइड गायों के शरीर से एंडीबॉडी निकाल कर कोरोना वायरस का इलाज संभव है। इस एंटीबॉडी से दवा बनाई जा सकेगी जो कोरोना वायरस को खत्म करने में कारगर हो सकती है। कंपनी ने कहा है कि उन्होंने इस पर जल्द ही ट्रायल शुरू करने का फैसला किया है।
Another promising therapy against #COVID-19 uses cows as antibody factories. https://t.co/8aOVXcbTxi#GoodNews #Coronavirus #KeepInformed #synbio #biotech@SABBantibody @ScienceMagazine
— [email protected] (@Doulix_SynthBio) June 8, 2020
वहीं, जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी में संक्रामक बीमारियों के फिजिशियन अमेश अदाल्जा का कहना है कि हमें कोरोना को मात देने के लिए ऐसे ही अलग अलग हथियारों का इस्तेमाल करना होगा।
कैसे हुई ये रिसर्च-
जानकारी के लिए बता दें कि अमूमन वैज्ञानिक जब किसी एंटीबॉडी की रिचर्च या कोई जांच पड़ताल करते हैं तो ये लैब्स में कल्चर की गई कोशिकाओं या तंबाकू के पौधे पर की जाती है। लेकिन अमेरिकी बायेटेक कंपनी सैब बायोथेराप्यूटिक्स पिछले 20 सालों से गायों के खुरों में एंटीबॉडीज को डेवलप करने का काम कर रही है।
कंपनी गाय में इम्यून सेल्स (प्रतिरोधक कोशिकाएं) को विकसित करने के लिए कुछ जेनेटिक बदलाव करती है। ताकि वे गंभीर बीमारियों से लड़ सकें। इसके साथ ही ये गाय ज़्यादा मात्रा में एंटीबॉडीज डेवलेप करने लगती हैं जिससे इंसानों का इलाज किया जा सकता है।
पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी के इम्यूनोलॉजिस्ट विलियम क्लिमस्त्रा ने कहा कि इस कंपनी के गायों की एंटीबॉडीज में कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन को भी खत्म करने की ताकत है। बता दें कि गाय खुद ही एक बायोरिएक्टर है जो गंभीर बीमारियों से लड़ने के लिए एंटीबॉडीज़ तैयार करती है। रिसर्च से सामने आया है कि दूसरे जीवों की तुलना में गाय में अधिक मात्रा में खून होता है। जिसके कारण वे ज़्यादा एंटीबॉडीज बनाने की क्षमता रखती हैं। इन एंटीबॉडीज से इंसानों का इलाज किया जा सकता है।
जल्द शुरू होगा ट्रायल-
कंपनी का कहना है वे जल्द ही इस पर क्लीनिकल ट्रायल शुरू कर देंगे। ताकि ये पता लगाया जा सके कि ये इंसानों के शरीर पर कितना कारगर। हालांकि गाय के प्लाज़्मा को लैब में जांचने से ये शोध सामने आया है कि यह इंसानी प्लाज्मा थैरेपी यानी कोवैलेसेंट प्लाज्मा थैरेपी से चार गुना ज्यादा ताकतवर होता है। जिसकी वजह से ये वायरस को इंसानी कोशिकाओं में घुसने से रोकता है।