पति नहीं पत्नी निकली दहेज की लालची, दहेज लेने के लिए पति का साथ छोड़ बैठी अपने घर
महिला ने अपने पति के सामने रखी शर्त कहा, ससुराल आउंगी तो सिर्फ दहेज़ की कार और सामान के साथ

दहेज लालची पति द्वारा पत्नी को पीटने के मामले अक्सर हमारे सुनाने में आते है. हर रोज़ किसी न किसी अखबार में इस तरह की खबर सुनने को मिल जाती है. मगर हम आपको एक ऐसे मामले के बारे में बताने जा रहे है जिसके बारे में न आपने पहले सुना होगा न कहीं पढ़ा होगा.
मध्यप्रदेश के भोपाल में एक ऐसा अनोखा मामला सामने आया है जिसमें पति के दहेज लेने से इंकार करने पर पत्नी नाराज हो गई है. पति से नाराज पत्नी मायके चली गई है और अब उसकी जिद है कि अगर वह ससुराल जाएगी तो दहेज में मिली कार में बैठकर ही जाएगी. इतना ही नहीं पिता द्वारा दिया हुआ गृहस्थी का सारा सामान साथ लेकर जाएगी. अब पत्नी को मना मनाकर थक चुके पति ने कोर्ट से गुहार लगाई है.
पति नहीं लेना चाहता दहेज़
भोपाल के अरेरा कॉलोनी में रहने वाले युवक की शादी 14 फरवरी 2021 को हुई थी. इस युवक की माने तो उसने अपनी शादी की हर रस्म निभाने के लिए सिर्फ 1 रुपया नेग लिया था. उसने दहेज़ लेने से पहले ही मना कर दिया था. लेकिन इसके बावजूद उसके ससुरालवालों ने कार व गृहस्थी का सारा सामान उसे दिया था. उसने पूरे सामान को लेने से मना कर दिया और पूरे सामान को ससुराल में ही रखवा दिया. वह कार भी ससुराल में ही खड़ी है.
शादी के कुछ दिनों बाद तक उसकी पत्नी उसके साथ रही लेकिन शादी के तीन महीने बाद ही मायके चली गई और अब जिद पर अड़ी है कि दहेज के सामान और कार के साथ ही वह ससुराल आएगी. इस युवक ने ये भी बताया कि वो पत्नी को घर लाने की कोशिश कर चुका है, लेकिन उसकी पत्नी मानने को तैयार ही नहीं है.
पत्नी भी जिद पकड़ कर बैठी दहेज़ के सामान के साथ ही ससुराल आउंगी
इस युवक ने बताया कि उसकी पत्नी तीन भाइयों की एक बहन है. इस वजह से उस पर दबाव बनाया जा रहा है कि घर में रखा सामान अपने ससुराल लेकर जाए. इस मसले में पति का ये भी कहना है कि, उसके घर में सामान रखने की जरा भी जगह नहीं है, ये बात भी वो अपनी पत्नी से कई बार कह चुका है लेकिन पत्नी उसकी बात जरा भी नहीं मान रही है. वह अब इस बात का बड़ा मुद्दा बनाकर बैठ गई है.
दोनों की काउंसलिंग के बाद निकला निष्कर्ष
इस युवक के वेलफेयर सोसायटी में फरियाद लगाने के बाद हुई काउंसलिंग में ये मामला सुलझ गया है. इस काउंसलिंग में आए उसकी पत्नी के रिश्तेदारों ने भी इस बात को स्वीकार किया कि, उनके दामाद ने किसी तरह के दहेज़ लेने की बात नहीं की थी. जो भी सामान उन्होंने दिया वो अपनी ख़ुशी से दिया है. पति को भी समझाया गया कि महिला के मायके से मिलने वाले सामान को दहेज न समझा जाए. युवक को कहा कि आपने कोई डिमांड नहीं की है घर वाले अपनी इच्छा से अपनी बेटी को सामान दें रहे है. यह सब तुम्हारी पत्नी का स्त्रीधन है. इस धन से उसे वंचित न रहने दें. इसके बाद दोनों का मामला सुलझ गया.