धार्मिक

सूर्य ग्रहण 2020- जल्द ही लगेगा सूर्य ग्रहण, इस राशि के लोग रखें ख़ास ध्यान

5 जून को चंद्र ग्रहण लगने के बाद अब जल्द ही सूर्य ग्रहण लगने वाला है। विशेष बात ये है कि सूर्य ग्रहण भी इसी महीने ही लगेगा। ज्योतिषियों के मुताबिक सूर्य ग्रहण 21 जून को लग रहा है। इसके अलावा आने वाली 5 जुलाई को फिर से चंद्र ग्रहण लगेगा।

21 जून को सूर्य ग्रहण-

बता दें कि 21 जून को पड़ने वाला सूर्य ग्रहण कुंडलाकार होगा। यानि इसमें चंद्रमा सूर्य का कुछ हिस्सा ही ढकेगा। कुंडलाकार ग्रहण रिंग ऑफ फायर बनाता है। जानकारी हो कि जब ग्रहण पूरा होता है तो चंद्रमा सूर्य के पूरे हिस्से को ढकता है। वहीं आंशिक और कुंडलाकार ग्रहण में सूर्य का कुछ हिस्सा ढका जाता है।

कहां दिखेगा ग्रहण-

ग्रहण की रिंग ऑफ फायर भारत, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, कांगो, इथियोपिया, पाकिस्तान और चीन सहित अफ्रीका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगी।

सूर्य ग्रहण का समय-
ग्रहण 10 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगा
परमग्रास 12 बजकर 02 मिनट पर होगा
ग्रहण का समाप्ति काल 1 बजकर 49 मिनट होगा
खण्डग्रास की अवधि 03 घण्टे 28 मिनट्स 36 सेकण्ड्स होगी

सूर्य ग्रहण का सूतक काल
सूतक प्रारम्भ: 20 जून, रात 9 बजकर 52 मिनट
सूतक समाप्त: 21 जून दोपहर 1 बजकर 49 मिनट

21 जून को लगने वाले सूर्य ग्रहण के बाद साल के अंत में एक और ग्रहण होगा।

इस राशि को खतरा-

5 जून से 5 जुलाई 2020 तक तीन ग्रहण लग रहे हैं। ऐसे संयोग को ज्योतिष शास्त्र में अशुभ माना जाता है। कहते हैं कि ग्रहण भविष्य में आने वाली परेशानियों की ओर इशारा करते हैं। 21 जून को लगने वाले सूर्य ग्रहण में सूतक काल मान्य होगा। ये ग्रहण मिथुन राशि में लगेगा। इसका अर्थ ये है कि मिथुन राशि के जातकों को आने वाले समय में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

अगर देशकाल की बात करें तो ऐसा माना जाता है कि एक माह में दो या दो से ज्यादा ग्रहण पड़ें तो देश पर संकट मंडरा सकता है। जैसे प्राकृतिक आपदाएं, सीमा विवाद, तनाव, बीमारियां आदि।

ग्रहण को लेकर मान्यताएं-

हर देश में ग्रहण को लेकर अलग-अलग मान्यताएं होती हैं। अमूमन ग्रहण के दिन लोग घर पर रहते हैं, कोई भी शुभ काम करने से बचते हैं। कुछ लोग मान्यतानुसार ग्रहण के समय तक भोजन और पानी का सेवन नहीं करते। इसके अलावा कई जगहों पर ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचने के लिए लोग दरभा घास या तुलसी के पत्तों को खाने और पानी में डाल देते हैं। सूर्य ग्रहण के दिन सूर्य देव की उपासना वाले मंत्रों का उच्चारण करने की भी एक मान्यता होती है। खास तौर पर गर्भवती महिलाओं को घर में रहने और संतान गोपाल मंत्र का जाप करने के लिए कहा जाता है। सूर्य ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचने के लिए भगवान शिव और भगवान विष्णु की भी पूजा की जाती है।

इस बात का रखें ख्याल-

अगर आप ग्रहण को देखना चाहते हैं तो इसे कभी भी नग्न आंखों से न देखें। हालांकि कुछ लोग इस सलाह को अंधविश्वास मानते हैं लेकिन आपकी आंखों की सुरक्षा के लिए ये बहुत ज़रूरी है। नग्न आंखों से सूर्य ग्रहण देखने से आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसीलिए ग्रहण को दूरबीन, टेलीस्कोप या ऑप्टिकल कैमरा व्यूफाइंडर से ही देखें।

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