हरभजन की पत्नी झेल चुकी हैं 2 बार गर्भपात का दर्द, सालों बाद छलका गीता बसेरा का दर्द
टीम इंडिया के मशहूर क्रिकेटर हरभजन सिंह और बॉलीवुड अभिनेत्री गीता बसरा 29 अक्टूबर 2015 को विवाह के बंधन में बंध गए थे परंतु शादी से पहले यह दोनों 10 साल तक रिलेशनशिप में रहे और उसके बाद दोनों ने विवाह करने का फैसला लिया। शादी के एक साल बाद 2016 को हरभजन सिंह और गीता बसरा एक बेटी के माता-पिता बने, जिसका नाम हिनाया हीर प्लाहा है। हाल ही में 10 जुलाई 2021 को गीता बसरा ने बेटे को जन्म दिया है, जिसका नाम उन्होंने जोवन रखा।
हरभजन सिंह और गीता बसरा अपने दोनों बच्चों के साथ हंसी-खुशी जीवन व्यतीत कर रहे हैं। यह चारों अपनी छोटी सी दुनिया में बहुत खुश रहते हैं परंतु एक समय ऐसा था जब हरभजन सिंह और गीता बसरा के जीवन में दुखों का पहाड़ टूटा हुआ था। जी हां, इस परिवार ने कुछ खोया था, जिसकी वजह से गीता बसरा पूरी तरह से टूट चुकी थीं। यह वह समय था जब गीता बसरा ने मिसकैरेज का दर्द झेलना पड़ा था। इन्होने एक नहीं बल्कि उन्होंने दो बार मिसकैरेज का दर्द झेला है।
जैसा कि हम लोग जानते हैं कि जब मां के गर्भ में बच्चा होता है तो मां अपने होने वाले बच्चे को लेकर कितना खुश होती है इसका अंदाजा कोई भी नहीं लगा सकता। बच्चे का सुख क्या होता है, एक मां ही जान सकती है परंतु जब मां मिसकैरेज की वजह से अपना बच्चा खो देती है तो ऐसे में वह पूरी तरह से टूट जाती है। कुछ ऐसा ही दर्द गीता बसरा झेल चुकी हैं।
उस दौरान गीता बसरा किस मानसिक परिस्थितियों से गुजरी होंगी और उन्होंने खुद को कैसे संभाला होगा, यह वही जानती हैं। उन्होंने जोवन को किस स्थिति में जन्म दिया, एक इंटरव्यू के दौरान गीता बसरा ने यह सारी बातें बताई थीं।
दरअसल गीता बसरा ने एक मीडिया इंटरव्यू के दौरान बातचीत में यह बताया था कि “गर्भपात एक महिला के जीवन का सबसे बुरा दौर होता है। साथ ही, गर्भपात आम हो गया है। हमारी जीवनशैली शायद इसका कारण है। मुझे लगता है कि उन महिलाओं के बात करने की आवश्यकता है, क्योंकि इसके होने से दुनिया खत्म नहीं हो जाती। आप उम्मीद नहीं खो सकते।
गीता बसरा ने इंटरव्यू के दौरान आगे बताया कि “मेरे लिए यह एक संघर्ष था। लेकिन मैंने हार नहीं मानी। हरभजन और मैंने दूसरे बच्चे के लिए प्रयास करना बंद नहीं किया।” गीता बसरा ने इंटरव्यू के दौरान अपने डॉक्टर का भी आभार जताया था और उन्होंने कहा था कि “वह बहुत पॉजिटिव थे और उन्होंने मेरी इस दौरान काफी सहायता की।”
गीता बसरा ने बताया कि “मैं नेगेटिव नहीं होना चाहती थी। हां, चिंता थी कि फिर से किसी भी ट्रॉमा से ना गुजरना पड़े। अगर विश्वास करिए मैं अपने दूसरे गर्भपात के 1 या 2 महीने बाद से ही अपने दूसरे बच्चे की उम्मीद कर रही थी।” गीता बसरा बताती हैं कि “ऐसी कोई बात नहीं कि आप एक निश्चित समय बीत जाने तक फिर से कोशिश नहीं कर सकते। गूगल पर बहुत अधिक जानकारी है। मैं यह कहना चाहूंगी कि अच्छा होगा कि हम अपने डॉक्टरों की बात सुनें।
गीता ने बताया कि “डॉक्टर पेशेवर हैं। वह हमारे शरीर को जानते हैं और वह जानते हैं कि हम किस बारे में बात कर रहे हैं।” गीता बसरा ने इस इंटरव्यू के दौरान अपने पति हरभजन सिंह की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि इस पूरे संघर्ष में भज्जी ने मेरा बहुत साथ दिया। उन्होंने मेरा बहुत ख्याल रखा। गीता बसरा ने कहा कि “भज्जी बहुत सपोर्टिव थे। मैं और हरभजन दोनों तैयार थे। वह हमेशा मेरे साथ गायनी के यहां जाते थे। उन्होंने शायद ही मेरी आखिरी 3 महीनों में कोई असाइनमेंट लिया हो।
गीता बसरा ने बताया कि “आईपीएल के उस 1 महीने को छोड़कर वह लगातार मेरे साथ थे। यह बहुत अच्छा है। अगर गर्भावस्था के दौरान पिता आसपास होता है, तो पिता और बच्चे के बीच संबंध जल्दी शुरू हो जाते हैं।”
अगर हम गीता बसरा के वर्क फ्रंट की बात करें तो अभिनेत्री ने वर्ष 2006 में फिल्म “दिल दिया है” से डेब्यू किया था। उसके बाद वह “द ट्रेन”, “जिला गाजियाबाद”, “सेकंड हैंड जवानी” जैसी फिल्मों में नजर आई थीं। गीता बसरा को पंजाबी फिल्म “लॉक (2016)” में आखिरी बार देखा गया था।