क्या बिना लक्षण वाले मरीज़ों से फैलता है वायरस? WHO ने किया बड़ा खुलासा

कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच एक राहत देने वाली ख़बर सामने आई है। पिछले पांच महीनों से वैज्ञानिक कह रहे थे कि कई मरीज ऐसे भी हैं जिनमें इस वायरस के लक्षण दिखाई नहीं देते जिन्हें एसिम्प्टोमैटिक मरीज़ कहा जाता है। भारत में कई ऐसे मामले भी सामने आए थे जिसमें मरीज़ों में वायरस के कोई लक्षण नहीं थे लेकिन रिपोर्ट पॉजिटिव थी। इसीलिए लोगों में इस बात का डर था, कहीं बिना लक्षण वाले मरीज़ों से संक्रमण फैल न जाए। इसी पर अब एक राहत भरी बात सामने आई है।
WHO ने दी जानकारी-
दरअसल, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि ऐसे लोग जिनमें कोरोना के लक्षण दिखाई नहीं देते, उनसे संक्रमण फैलने का खतरा बेहद कम होता है। ये खुलासा WHO में कोरोना वायरस की टेक्नीकल टीम की प्रमुख मारिया वैन केरखोव ने किया है। उन्होंने कहा कि हमे अलग अलग देशों विस्तृत तौर पर कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग की रिपोर्ट मिली है। इन देशों में बिना लक्षण वाले मामलों पर रिसर्च की गई है। जो लोग ऐसे एसिम्प्टोमैटिक मरीजों के कॉन्टेक्ट में आए हैं, उनसे संपर्क किया गया। जिससे पता चला कि उनमें सेकेंडरी ट्रांसमिशन नहीं हुआ है और उनकी रिपोर्ट निगेटिव है।
लक्षण वाले मरीज़ों से फैलता है वायरस-
वैन का कहना है कि हम लगातार जानकारी एकत्रित कर रहे हैं और अलग अलग देशों के आई विभिन्न रिसर्च के आधार पर माना है कि जिन लोगों में वायरस के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, उनसे संक्रमण फैलने का खतरा ज़्यादा होता है। मारिया के मुताबिक, बिना लक्षण वाले जो मामले सामने आते हैं, उनमें या तो लक्षण नहीं होते या फिर माइल्ड सिम्प्टमस होते हैं। ज़्यादातर इन लोगों में बुखार, खांसी या सांस लेने की तकलीफ नहीं होती।
लक्षण दिखने से पहले तक फैल सकता है संक्रमण-
रिसर्च में ये जानकारी भी सामने आई है कि मरीज़ों में लक्षण दिखाई देने के दी तीन दिन पहले तक लोग संक्रमण को फैला सकते हैं। यानि संक्रमित लोग खुद के बीमार पड़ने तक दूसरों लोगों को संक्रमित कर सकते हैं। ऐसा 40 फीसदी मामलों में देखने को मिला है। ये लोग एसिम्प्टोमैटिक नहीं थे, बल्कि उन्होंने बीमार होने से पहले तक दूसरों तक संक्रमण फैलाया। बहरहाल, इससे पता चलता है कि अगर हम क्वारंटीन हों और संक्रमित लोगों का पता लगा लें, तो इस महामारी पर रोक लगाई जा सकती है। वैन का कहना है कि इस वक्त विभिन्न देशों की सरकार का फोकस संक्रमितों लोगों का पता लगाकर उन्हें क्वारंटीन करने पर होने चाहिए। इसके अलावा उन्हें संपर्क में आए लोगों का भी पता लगाना ज़रूरी है। इससे हम मामलों पर कंट्रोल कर पाएंगे और जल्द ही महामारी का आंकड़े में गिरावट हो सकेगी।
आरोग्य सेतु करता है सावधान-
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एसिम्प्टोमैटिक मरीज से संक्रमण न फैलने वाली खबर राहत भरी है। दरअसल, आरोग्य सेतु ऐप को भी इसीलिए डाउनलोड किया जा रहा है ताकि एसिम्प्टोमैटिक मरीजों से सावधान रहा जा सके।