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अब कोरोना से बच सकेंगे स्वास्थ्यकर्मी, 23 साल के युवक ने बनाई ये कमाल की मशीन

देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में देश के स्वास्थ्यकर्मी भी अब इस महामारी की चपेट में आ रहे हैं। वहीं कोविड-19 अस्पतालों में काम करते समय स्वास्थ्यकर्मियों को सदैव एक बड़ा जोखिम का सामना करना पड़ता हैं। अगर स्वास्थ्यकर्मी ही कोरोना का शिकार हो जाएंगे तो मरीजों का इलाज करना मुश्किल हो जाएगा। लेकिन इस बीच महाराष्ट्र के 23 साल के एक युवन ने ऐसा कमाल कर दिखाया है कि हर कोई युवक के बारे में जानकर हैरान हो रहा है।

दरअसल कोरोना वायरस से प्रकोप से स्वास्थ्यकर्मियों को बचाने के ले 23 साल के एक युवक ने कमाल की मशीन बनाई है। जिससे स्वास्थ्यकर्मियों और कोरोना मरीजों के बीच उचित दूरी रहेगी और डॉक्टरों और नर्सों को कोरोना होने का खतरा कम होगा। हाल ही में पीआईबी इन महाराष्ट्र ने अपने एक ट्वीट के जरिए इस युवक की जानकारी सबके साथ साझी की है। पीआईबी इन महाराष्ट्र ने ट्वीट में लिखा ‘ठाणे के 23 वर्षीय प्रतीक तिरोड़कर ने कोविड-19 मरीजों की देखभाल करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों के फिजिकल कॉन्टैक्ट को कम करने के लिए ‘कोरो-बॉट’ बनाया है। वर्तमान में इस मशीन का इस्तेमाल कल्याण के होली क्रॉस अस्पताल में किया जा रहा है।’

कैसे इस्तेमाल होगा रोबोट कोरो-बॉट‘?

वहीं इस मशीन को बनाने वाले प्रतीक तिरोड़कर ने कहा ‘मैं इस रोबोट को मूल रूप से हमारे वार्ड बॉय और नर्सों के लिए बनाना चाहता था जो कोरोना मरीजों की देखभाल में सबसे ज्यादा समय बिताते हैं।’ जानकारी के लिए आपको बता दें कि इस मशीन का नाम ‘कोरो-बॉट’ है। ‘कोरो-बॉट’ एक खास तरह का रोबोट है जिसमें कई तरह के बॉक्स बने हुए है। इन बॉक्स में आप फल, सब्जी और खाना आदि जैसी जरूरी चीजों को रखकर कोरोना मरीज तक पहुंचा सकते हैं। वहीं ‘कोरो-बॉट’ की मदद से अब कोरोना मरीज और स्वास्थ्यकर्मियों के बीच एक उचित दूरी बनी रहेगी। जिसके चलते किसी भी  स्वास्थ्यकर्मी में कोरोना संक्रमित होने का भी खतरा कम हो जाता है।

दुनिया के किसी भी कोने से हो सकता है ऑपरेट

मडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रोबोट ‘कोरो-बॉट’ को इंटरनेट ऑफ थिंग्स के आईडिया के आधार पर एक विशेष ऐप की मदद से आप दुनिया के किसी भी कोने से ऑपरेट कर सकते हैं। वहीं दूसरी ओर रोबोट ‘कोरो-बॉट’ से प्रभावित होकर ठाणे के संरक्षक मंत्री एकनाथ शिंदे ने जिले के एक दर्जन से अधिक सरकारी और निजी अस्पतालों में इसे तैनात करने का संकेत भी दिया है। फिलहाल ये देखना अभी बाकि है कि इस रोबोट को कोविट-19 अस्पतालों में कब इस्तेमाल किया जाएगा। ताकि देश के अन्य अस्पतालों में भी कई स्वास्थ्यकर्मी कोरोना मरीजों की देखभाल करते हुए कोरोना के शिकार हो जा रहे हैं।

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