भारत का वो खूबसूरत गांव जहां इंसान और चीजों को छूने का लगता है जुर्माना, अनोखी है कहानी

कहते हैं भारत की असली खूबसूरती गांव में देखने को मिलती है। गाँव एक ऐसी जगह है जहां प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ शुद्ध वातावरण भी मिलता है। इतना ही नहीं बल्कि देश की लगभग दो-तिहाई आबादी गांव में ही रहती है। ऐसे में भारत गांवों का देश भी कहलाता है। भारत में ऐसे कई गांव हैं जो अपनी खासियत के लिए दुनिया भर में मशहूर है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं हिमाचल प्रदेश के एक ऐसे ही गांव के बारे में जो अपने आप में बेहद अनोखा है। यह गांव अपनी अनोखी परंपरा के लिए काफी लोकप्रिय है।
इस गांव का नाम मलाणा है। इस गांव के लोग ऐसी भाषा में बात करते हैं जो सिर्फ इसी गांव के लोग समझ सकते हैं। बाहर से आए हुए लोगों को ये भाषा पल्ले नहीं पड़ती। प्राकृतिक सुंदरता और हिमालय की चोटी के बीच बसा मलाणा गांव बेहद खूबसूरत है। गहरी खाई और बर्फीले पहाड़ों से घिरे इस गांव में सुंदरता देखने को बनती है और करीब 1700 लोगों की आबादी वाला यह गांव सैलानियों के लिए भी काफी लोकप्रिय है और दुनिया भर से इस गांव की सुंदरता देखने के लिए लोग आते हैं। हालांकि इस गांव तक पहुंचना हर किसी के बस की बात नहीं, क्योंकि इस गांव में जाने के लिए कोई सड़क नहीं है। राहगीर को सिर्फ पगडंडियों के सहारे ही पहुंचना होता है।
वैसे तो इस गांव में देश दुनिया के हजारों पर्यटक घूमने आते हैं लेकिन गांव की खासियत यह है कि इस गांव में बाहर से आने वाले किसी भी व्यक्ति को गांव की किसी भी चीज और व्यक्ति को छूने की अनुमति नहीं है। यदि ऐसा करते हैं तो 1000 से ₹2500 तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। आइए जानते हैं इसकी वजह क्या है?
कहा जाता है कि जब सिकंदर ने हिंदुस्तान पर हमला किया था तो कुछ सैनिकों ने इसी गांव में पनाह ली थी और फिर यहीं बस गए। यहां के बसे लोग सिकंदर के वंशज कहलाते हैं। हालांकि इस बात में कितनी सच्चाई है अभी तक खुलासा नहीं हुआ है। लेकिन मलाणा गांव में सिकंदर से जुड़ी कई चीजें मिली है। इतना ही नहीं बल्कि सिकंदर के जमाने की एक तलवार भी इस गांव के मंदिर में रखी हुई है। इस गांव के लोग कनाशी नाम की भाषा में बातचीत करते हैं जो बेहद ही रहस्य्मयी है और यहां के लोगों का कहना है कि यह पवित्र जबान है। इस भाषा को मलाणा गांव के अलावा अन्य व्यक्ति नहीं समझ सकते और ना ही बाहरी लोगों को यह भाषा सीखने की अनुमति है।
कहा जाता है कि मलाणा गांव में पहुंचे बाहरी व्यक्ति को यहां के सामान और लोगों को छूने की भी अनुमति नहीं है। यदि आप यहां दुकान से कुछ चीजें खरीदते हैं तो उसके लिए आपको जमीन पर पैसे रखने होते हैं. उसके बाद दुकानदार आपको सामान देता है हालांकि वह भी पैसों की तरह नीचे ही रख देता है। ये बरसों से चली आ रही परंपरा के अनुसार किया जाता है। हालाँकि नई पीढ़ी में अब ऐसा कम ही देखने को मिलता है।
इस गांव की सबसे अनोखी बात एक यह भी है कि यहां रहने वाले लोगों की शादी इसी गांव में होती है। यदि कोई अन्य गांव में शादी करता है तो उसे समाज से अलग कर दिया जाता है। बता दें, मलाणा गांव चरस के लिए भी काफी मशहूर है और इसे काला सोना के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा मलाणा गांव देश-दुनिया में क्रीम के नाम से भी जाना जाता है।