अजब ग़जब

यहां सुहागरात की रात कमरे के बाहर पूरा गांव होता है इक्ट्ठा, सुबह शुरू होता है ये शर्मनाक काम

आजकल के समय में भी समाज के बनाए हुए कुछ घटिया नियम हैं, जिन्हें प्रथा का नाम दे दिया गया है। जिस प्रकार से भगवान श्री राम जी ने माता सीता से शादी की थी, साथ रहने के बावजूद भी सीता माता को अग्नि परीक्षा देनी पड़ी थी। आज हम 21वीं सदी में जी रहे हैं परंतु यह अग्निपरीक्षा आज भी जारी है। महिलाओं को लेकर आज भी वही पुरानी सोच है जो आदिमकाल से बनी हुई है।

पवित्रता की अग्निपरीक्षा आदि काल से अब आधुनिक काल तक की महिलाएं देती आ रही हैं। भले ही अब महिलाएं आगे बढ़कर आवाज उठा रहीं हैं। परंतु कुछ समुदाय ऐसे भी हैं जिनकी सोच अभी भी वैसी ही है, जहां पर शादी के बाद या शादी से पहले लड़की को कौमार्य परीक्षण यानी वर्जिनिटी टेस्ट के लिए मजबूर किया जाता है।

महाराष्ट्र के कंजरभाट समुदाय में पंचायत करती है ये शर्मनाक काम

आज भी नवविवाहित महिला का वर्जिनिटी टेस्ट कराए जाने की परीक्षा गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है। महाराष्ट्र के कंजरभाट समाज में आज भी यह परंपरा प्रचलित है, जिसमें पूरी पंचायत के सामने सफेद चादर पर खून के धब्बे दिखा कर यह साबित करना पड़ता है कि लड़की कुंवारी थी। ऐसा बताया जाता है कि शादी के बाद दूल्हा-दुल्हन सुहागरात मनाते हैं और सुबह ही यह शर्मनाक काम शुरू हो जाता है।

सुबह पूरा गांव इकट्ठा होता है। फिर पंचायत सफेद चादर पर लगे खून के निशान देखने के बाद लड़के से पूछती है कि तुम्हें जो माल दिया गया वो कैसा था? अगर लड़की वर्जिन थी तो दूल्हा जवाब देते हुए 3 बार कहता है “मेरा माल खरा-खरा-खरा” और अगर लड़की वर्जन नहीं थी तो लड़का तीन बार कहता है “मेरा माल खोटा-खोटा-खोटा।”

वर्जिन ना होने पर परिवार व रिश्तेदार करते हैं दुल्हन पर हिंसा

अगर लड़की वर्जिन नहीं होती तो ऐसे में दुल्हन पर जुल्म की बौछार होने लगती है। परिवार और रिश्तेदार उसके साथ हिंसा करते हैं। यदि कोई व्यक्ति इसका पालन नहीं करता है तो ऐसी स्थिति में उनका समुदाय से बहिष्कार कर दिया जाता है।

लड़कियां करवा रही हैं सर्जरी

इस समुदाय की बात नहीं है, हर समाज में महिलाओं की पवित्रता इसी से साबित करने की कोशिश की जाती है। वैसे देखा जाए तो लड़कियों का अपना वर्जिन खोने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। लड़कियों पर सामाजिक दबाव इतना बढ़ जाता है जिसके चलते वह हाइमेनोप्लास्टी या हाइमन सर्जरी करवा लेती हैं। यह एक ऐसी प्रक्रिया होती है जिसमें माध्यम से टूटी हुई झिल्ली जिसे हायमन भी कहा जाता है, उसको फिर से बना दिया जाता है।

जिन लड़कियों की शादी जल्द होने वाली होती है, वही इस सर्जरी के लिए ज्यादातर जाती हैं। लड़कियों के इसी डर का फायदा उठाया जा रहा है और डॉक्टर से लेकर प्रोडक्ट मालिक का व्यवसाय फल फूल रहा है। आपको बता दें कि भारत में कुंवारी दिखने के लिए जो सर्जरी कराई जाती हैं, उसका खर्चा 15 से 60 हजार के बीच होता है। जबकि विदेशों में दो लाख से ज्यादा चला जाता है।

कौमार्य टूटने की वजह

वैसे लड़कियों का अपना कौमार्य खोने के पीछे कई वजह हो सकती हैं। सेक्सुअल सक्रियता के अलावा खेलकूद या अन्य कोई शारीरिक श्रम जैसे साइकिल चलाने, घोड़े दौड़ाने जैसे किसी ना किसी कारण से लड़कियां वर्जन नहीं हैं। लेकिन लोग यह समझ ही नहीं पाते हैं।

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