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खुल गया राज क्यों आ रहे हैं बार-बार भूकंप, वजह है हैरान करने वाली…

दिल्ली-एनसीआर पिछले दो महीनों से बार-बार भूंकपों का सामना आ रहा है। बार-बार भूकंप आने का सबसे बड़ा कारण है धरती का सूखना। जी हां भूजल स्तर में लगातार गिरावट हो रही है जिसकी वजह से धरती के अंदर स्थित फाल्ट लाइनों का लोड डिस्बैलेंस हो रहा है। हालांकि भूकंप आने की वजहों पर रिसर्च की जा रही है और इसके दूसरों कारणों को भी तलाशा जा रहा है।

क्यों आते हैं भूकंप ?

दरअसल, धरती सात टेक्टोनिक प्लेटों पर टिकी हुई है। जब ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं तो धरती पर भूकंप आता है। बता दें कि भारत इंडो आस्ट्रेलियन प्लेट पर टिका है। कई बार इस प्लेट के यूरेशियन प्लेट से टकराने की वजह से भूकंप का अहसास होता है। इसके अलावा फाल्ट लाइन की एडजस्टमेंट भी एक बड़ा कारण है।

आमतौर पर दिल्ली-एनसीआर के अधिकेंद्र में आने वाले भूकंपों की वजह फाल्ट लाइन की एडजस्टमेंट ही रही है। दिल्ली-एनसीआर की जमीन के नीचे मुख्यतया पांच लाइन दिल्ली-मुरादाबाद, दिल्ली-मथुरा, महेंद्रगढ़-देहरादून, दिल्ली सरगौधा रिज और दिल्ली- हरिद्वार रिज मौजूद है। जानकारी हो कि लॉकडाउन के दौरान इन 5 लाइनों के आसपास ही भूकंपों का अहसास हुआ है।

भूजल का गिरता स्तर-

केंद्र सरकार के निर्देश पर हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (National Geophysical Research Institute) इसपर रिसर्च कर रहा है। रिसर्च में अर्थक्वेक आने के प्राइमरी कारण को भूजल का गिरता स्तर माना गया है। भू वैज्ञानिकों के मुताबिक भूजल इन फाल्ट लाइनों के बैलेंस को बरकरार रखता है। लेकिन भूजल के गिरते स्तर से लोड असंतुलित हो रहा है। पिछले दो महीने में आए भूकंपों की गहराई धरती के भीतर अधिकतम 18-20 किलोमीटर को दायरे में थी। ये वो दायरा है जहां अब भूजल नहीं है। भू-वैज्ञानिकों की रिसर्च के मुताबिक, छोटे भूकंपों को बड़े किसी भूकंप की आशंका से जोड़कर देखना महज़ एक भ्रम है।

भूकंप मापने का नेटवर्क बढ़ा-

भू-वैज्ञानिकों का ये भी मानना है कि अब अर्थक्वेक मापने का नेटवर्क बढ़ गया है। क्योंकि पहले भी रिक्टर स्केल पर तीन से चार तक की तीव्रता वाले भूकंप आते थे लेकिन मापने के नेटवर्क कम होने के कारण रिकॉर्ड नहीं हो पाते थे। वहीं, अब अर्थक्वेक मापने के नेटवर्क में विस्तार हो रहा है जिससे एक दो तीव्रता वाले भूकंप भी रिकॉर्ड हो जाते हैं।

भूकंप की अन्य वजहों की पड़ताल जारी-

वैज्ञानिकों का कहना है कि हम लगातार अर्थक्वेक आने के दूसरो पहलुओं पर रिसर्च कर रहे हैं। अभी तक भूजल का गिरता स्तर भी एक वजह बनकर सामने आया है। अन्य पहलुओं के बारे में जानने के लिए हम थोड़ा इंतज़ार करना पड़ेगा क्योंकि इस तरह से शोध में थोड़ा वक्त लगता है।

दिल्ली-एनसीआर में 2 महीने के दौरान आए भूकंप

तारीख                          रिक्टर स्केल      स्थान

  • 12 अप्रैल                    3.5                  दिल्‍ली
  • 13 अप्रैल                     2.7                 दिल्‍ली
  • 16 अप्रैल                     2                    दिल्‍ली
  • 3 मई                          3                    दिल्‍ली
  • 6 मई                          2.3                 फरीदाबाद
  • 10 मई                        3.4                 दिल्‍ली
  • 15 मई                       2.2                  दिल्‍ली
  • 28 मई                       2.5                  फरीदाबाद
  • 29 मई                      4.5 और 2.9      रोहतक
  • 1 जून                        1.8 और 3        रोहतक
  • 3 जून                         3.2                 फरीदाबाद
  • 8 जून                         2.1                 गुरुग्राम

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