यहां पर 11 दिनों तक हंसना और खुशियां मनाना मना, चेहरे पर उदासी नहीं दिखी तो मिलेगी कड़ी सजा
हर देश के अलग-अलग कानून कायदे होते हैं और इन्हें देश की जनता को मानना भी पड़ता है। वहीं उत्तर कोरिया अपने अजीबोगरीब कानून के लिए दुनिया भर में मशहूर है। पिछले दिनों ही खबर आई थी कि यहां के लोग यदि मशहूर वेब सीरीज स्क्वाड गेम देख ले तो उन्हें मौत की सजा दी जाएगी। इसके अलावा भी उत्तर कोरिया में ऐसे अजीब और बेतुके कानून है जिन्हें सुनकर कोई भी डर सकता है।
इसी बीच उत्तर कोरिया के तानाशाह यानी कि किम जोंग उन ने नया फरमान जारी किया है। कहा जा रहा है कि देश में 11 दिन तक कोई भी नागरिक खुशी नहीं मनाएगा और इस दौरान हर किसी के चेहरे पर उदासी दिखना चाहिए। यदि कोई ऐसा करता है तो उसे कड़ी सजा दी जाएगी। आइए जानते हैं ऐसा क्यों किया गया?
मीडिया रिपोर्ट की माने तो तानाशाह किम जोंग ने यह फरमान इसलिए जारी किया है क्योंकि उनके पिता और तानाशाह रह चुके किम जोंग इल की 10वीं पुण्यतिथि है जिसके चलते उन्होंने शोक के रूप में 11 दिनों तक यह प्रतिबंध लगाए हैं। किम जोंग के नए फरमान के अनुसार उत्तर कोरिया में लोग ना तो शराब पी सकते हैं और ना ही जोर से रो सकते हैं।
इसके अलावा 11 दिन तक कोई भी हंस नहीं सकता। यही नहीं बल्कि यदि इन 11 दिनों में उत्तर कोरिया के किसी परिवार के सदस्य की मौत हो जाती तो उसे जोर से रोने की अनुमति भी नहीं है और इस शव को अंतिम संस्कार के लिए भी नहीं ले जाया सकेगा। शोक के 11 दिन पूरे होने के बाद शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
बता दें, किम जोंग उन के पिता किम जोंग इल ने करीब 17 साल तक इस देश पर राज किया। इसके बाद 69 वर्ष की आयु में 17 दिसंबर 2011 को दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई। इसके बाद उत्तर कोरिया के तानाशाह उनके बेटे किम जोंग उन बनें।
इसके अलावा उत्तर कोरिया का कोई भी नागरिक इन 11 दिनों के बीच अपना जन्मदिन नहीं मनाएगा और यदि कोई व्यक्ति इस तरह के नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। इन नियमों को सख्त रुप से पालन करने के लिए पुलिस की स्पेशल टीम की ड्यूटी भी लगाई गई है। यदि इन नियमों को कोई तोड़ता है तो उसे तुरंत ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा और उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। हालांकि वो सजा क्या है यहां कोई नहीं जानता।
दक्षिण ह्वांगहे के दक्षिण-पश्चिमी प्रांत के एक निवासी ने बताया कि “पुलिस अधिकारियों से कहा गया था कि वे ऐसे लोगों पर नज़र रखें जो शोक की अवधि के दौरान उदास न दिखें। दिसम्बर के पहले दिन से ही पुलिस अधिकारियों को खास तरह की ड्यूटी पर लगा दिया जाता है जो शोक की अवधि में लापरवाही करने वालों के खिलाफ एक्शन ले सकें।”
पुलिस वालों को लेकर भी तानाशाह ने फरमान दिया है कि शोक की अवधि के दौरान किसी को छुट्टी नहीं दी जाएगी और महीने भर तक उन्हें रात और दिन लगातार ड्यूटी करनी है। वह बीच में नींद भी नहीं ले सकते, यदि वह भी कानून तोड़ेंगे तो उनको भी वही सजा दी आएगी जो आम नागरिकों के लिए है।