अजब ग़जब

कुत्ते ने बंदर के बच्चे की ली जान, अब बंदर ले रहे बदला, 250 पिल्लों को छत-पेड़ के ऊपर से फेंका

बंदर एक बहुत अनोखा और चंचल प्राणी होता है। हम सभी लोग अक्सर अपने घर के आस-पास बंदर कभी ना कभी जरूर देखते हैं। बंदर बहुत शरारती होता है। इसके अलावा वह बहुत बुद्धिमान जानवर भी माना गया है। बंदर में भी मनुष्य की तरह भावनाएं पाई जाती हैं। इसी वजह से बंदर नकल करने की कला में बहुत माहिर होते हैं।

जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं अक्सर बंदर एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर कूदना पसंद करते हैं। भले ही बंदर मस्ती और खेलकूद में लगे रहते हैं परंतु कई बार ऐसा भी देखा गया है कि बंदर और कुत्तों के बीच लड़ाई भी जबरदस्त होती है। इसी बीच महाराष्ट्र से बंदरों का एक अजीब-गरीब मामला सामने आया है, जिसके बारे में जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे और इस मामले पर यकीन करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।

दरअसल, महाराष्ट्र के बीड जिले के मजलगांव में दो बंदरों ने बीते करीब 3 महीनों में करीब 250 पपी यानी कुत्ते के पिल्ले को मार डाला। यह बन्दर पहले पिल्लै उठा कर ऊंचाई पर चढ़ जाते हैं और वहां से नीचे फेंक देते हैं।

जब एक के बाद एक इस तरह के केस सामने आए तो उसके बाद वन विभाग भी हरकत में आ गया। अब दोनों बंदरों को पकड़ लिया गया है और उनको जंगल में छोड़ दिया गया है। इन बंदरों के पकड़े जाने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है।

आपको बता दें कि इस कार्यवाही को अंजाम नागपुर वन विभाग के द्वारा दिया गया है। बीड से नागपुर के बीच 250 पपी की हत्या के मामले सामने आए हैं। हालत ऐसी है कि मालेगांव के लावूल गांव में एक भी पपी नहीं बच सका है। इसको लेकर ग्रामीणों में काफी चिंता देखने को मिल रही है।

शनिवार के दिन बीड वन अधिकारी सचिन कांड ने एएनआई समाचार एजेंसी के हवाले से यह बताया कि हत्या में शामिल दो बंदरों को नागपुर वन विभाग की एक टीम ने पकड़ लिया है। दोनों बंदरों को बीड से नागपुर ले जाया गया और फिर पास के जंगल में उन बंदरों को छोड़ा जा चुका है।

स्थानीय लोगों का ऐसा बताना है कि जब इलाके में कुछ आवारा कुत्तों ने एक नवजात बंदर को मार डाला था तो उसी समय से लावूल गांव में बंदरों और कुत्तों के बीच का गैंगवार शुरू हो गया। ग्रामीणों का ऐसा भी बताना है कि बंदर अपने बच्चे की मौत का बदला ले रहे हैं। बंदर पिल्लों को उठाकर पेड़ और ऊंची इमारतों पर ले जाते हैं और वह ऊपर से ही उन्हें फेंक देते हैं। बंदरों के इस व्यवहार से स्थानीय लोगों में दहशत बना हुआ है।

ग्रामीणों का ऐसा भी बताना है कि पिल्लों की तलाश में बंदरों का एक गिरोह नियमित रूप से गांव में प्रवेश करता है। जब उन्हें कोई पिल्ला दिखाई देता है तो उसे उठाकर ऊंचे पेड़ या इमारत पर चढ़ जाते हैं और वहीं से उन्हें फेंक देते हैं। ग्रामीणों ने पिल्लों को बचाने का प्रयास किया परंतु बंदर उन पर भी हमला कर देते हैं, जिसमें कुछ स्थानीय लोगों को भी चोट पहुंची है।

खबरों के अनुसार ऐसा बताया जा रहा है कि बीड में बंदरों ने स्कूल जाने वाले बच्चों को भी नहीं छोड़ा है। बंदर बच्चों को भी निशाना बनाए हुए हैं, जिसके कारण स्थानीय लोगों में और भी ज्यादा दहशत बनी हुई है।

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