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जर्मनी के दूल्हे ने रूस की दुल्हन से रचाई शादी, भारत आकर हिंदू रीति-रिवाज से लिए सात फेरे

देशभर में शादियों का सीजन चल रहा है। शादियों के इस सीजन में बहुत से लोग विवाह के बंधन में बंध चुके हैं। वहीं कुछ अपनी शादियों की तैयारियों में जुटे हुए हैं। इंटरनेट पर भी शादी से जुड़ी हुई कई खबरें सामने आ रही है, जिसे लोग काफी पसंद कर रहे हैं। जैसा कि हम सभी लोग यह बात अच्छी तरह से जानते हैं कि भारतीय संस्कृति और यहां के रीति-रिवाज कितने पवित्र है। हिंदू धर्म, भारत के रीति-रिवाज अन्य देश के लोगों को हमेशा ही आकर्षित करते रहे।

आज हम आपको इस लेख के माध्यम से गुजरात की एक अनोखी शादी के बारे में बताने वाले हैं, जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारतीय संस्कृति और यहां के रीति-रिवाज कितने पवित्र है। दरअसल, जर्मनी का दूल्हा और रूस की दुल्हन ने भारत में आकर हिंदू रीति-रिवाज के साथ सात फेरे लिए। इन दोनों की शादी की चर्चा खूब हो रही है।

आपको बता दें कि जर्मनी के क्रिस मूलर को भारत इतना भाया कि उन्होंने ना सिर्फ यहां की ज्ञान परंपरा और रीति-रिवाज को ही अपनाया बल्कि अपना आध्यात्मिक घर भी बना लिया। जी हां, यहीं पर रूस की जूलिया उख्वाकातिना के साथ उन्होंने पूरे वैदिक मंत्रोच्चारण और हिंदू रीति-रिवाज से शादी की। वहीं गुजरात के एक हिंदू दंपति ने माता-पिता की भूमिका निभाते हुए शादी से जुड़ी हुई सभी रस्मों को पूरा किया।

दरअसल, यह अनोखी शादी गुजरात के हिम्मतनगर के सरोदिया गांव में हुई है। विदेशी कपल के द्वारा हिंदू रीति-रिवाज से की गई यह शादी चर्चा में बनी हुई है। बता दें कि जर्मनी के क्रिस मुलर का जीवन सुख सुविधाओं से परिपूर्ण था। उनके पास स्वैंकी स्पोवर्ट्स कार थी। वह बेहतरीन होटलों में खाना खाना पसंद करते थे, इतना ही नहीं बल्कि वह आलीशान घर में रहते थे।

लेकिन आध्यात्मिक जीवन की तलाश में उन्होंने विलासिता का जीवन एक झटके में ही त्याग दिया। जर्मनी के क्रिस मुलर ने अपनी पसंदीदा स्पोर्ट्स कार को बेच दिया और अध्यात्म और शांति की तलाश में भटकने लग गए। जब वह दुनिया की सैर कर रहे थे तो इस दौरान ही वियतनाम में उनकी मुलाकात जूलिया उख्वाकातिना से हुई, जो रूस के एक स्कूल में पढ़ाती थीं।

जब साल 2019 में क्रिस मुलर और जूलिया उख्वाकातिना की मुलाकात हिम्मतनगर के सरोदिया गांव के लालाभाई पटेल से हुई तो दोनों को उस स्थान और वहां के लोगों से प्यार हो गया। क्रिस मुलर को यहां अपना घर जैसा ही माहौल लगने लगा। क्रिस मुलर भारत को ही अपना अध्यात्मिक घर मानते हैं। इसी वजह से यही हिंदू रीति-रिवाज से उन्होंने शादी करने की प्लानिंग की।

19 दिसंबर को क्रिस मुलर और जूलिया उख्वाकातिना विवाह के पवित्र बंधन में बंध गए। जैसा कि हम लोग जानते हैं पूरे देश भर में कोरोना का संकट मंडरा रहा है। कोरोना की वजह से जारी प्रतिबंधों के कारण दूल्हा और दुल्हन के माता-पिता विवाह में शामिल नहीं हो पाए। ऐसी स्थिति में लालाभाई पटेल और उनकी पत्नी ने शादी से जुड़ी हुई सभी रस्में निभाई।

दोनों ने गणेश पूजा, हल्दी समारोह और सप्तपदी सहित अन्य अनुष्ठानों का पालन किया और वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच विवाह के बंधन में बंध गए। उन्होंने बुजुर्गों के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। क्रिस मुलर का ऐसा कहना है कि भौतिक दृष्टि से भारत भले ही पश्चिम के अन्य देशों की तरह विकसित नहीं है परंतु अध्यात्मिक मामले में यह पूरी तरह से विकसित है।

क्रिस मुलर और जूलिया उख्वाकातिना बीते 3 सालों से भारत में रहते हैं। वर्तमान क्रिस मुलर मस्पिरैटियो यूजी और इनर लिविंग प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ और संस्थापक हैं, उनकी संस्था योग और मेडिटेशन पर वर्कशॉप करवाती है। वहीं जूलिया भी योग में विशेषज्ञ हैं।

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