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सुशांत सिंह राजपूत के ट्विटर पर लगी कवर पेटिंग का क्या है रहस्य, कैसे हुई पेटिंग बनाने वाले की मौत

महज 34 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहने वाले बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत पर यकीन करना आज भी बहुत मुश्किल है। सुशांत की मौत ने जहां पूरे देश को झटका दिया वहीं उनके परिवार को कभी न मिटने वाला गम भी दिया। परिवार के इकलौते बेटे सुशांत सिंह एक खुशमिजाज व्यक्ति माने जाते थे और काफी संघर्ष के बिना किसी गॉडफादर के बॉलीवुड में अपनी पहचान भी बनाई। लेकिन दुनिया को इतनी जल्दी अलविदा कह जाएंगे ये किसी ने नहीं सोचा था।

खबरों के मुताबिक बताया जा रहा है कि सुशांत काफी समय से डिप्रेशन का शिकार थे और उनका इलाज भी चल रहा था। लेकिन मरने से पहले सुशांत ने कई ऐसे हिंट भी दिए जिससे ये पता चल रहा है कि वो अपने जीवन में बहुत परेशान चल रहे थे। वहीं इस बीच सुशांत के सोशल मीडिया के ट्विटर हैंडल पर उनके प्रोफाइल पर कवर फोटो भी चर्चा का विषय बनी है। बताया जा रहा है कि कवर फोटो में दिखाई दे रही ये पेटिंग दुनिया की एक मशहूर पेंटिंग है। लेकिन इस पेंटिंग को बनाने वाले पेंटर ने भी डिप्रेशन से जूझते हुए सिर्फ 37 साल की उम्र में ही जान दे दी थी।

करोड़ों में बिकती है पेटिंग

बता दें इस मशहूर पेटिंग का नाम ‘स्टारी नाइट्स’ है और इसे 18वीं सदी के मशहूर चित्रकार विन्सेंट वान गॉग ने बनाया था। खास बात तो ये भी है कि विन्सेंट आज भी करोड़ों चित्रकारों की प्रेरणा हैं। उनकी हर एक पेटिंग की कीमत करोड़ों में जाती है। लेकिन विन्सेंट का जीवन भी मानसिक रोग और डिप्रेशन से लड़ते हुए बीता। विन्सेंट की पेटिंग्स के रंगों और भावनाओं से साफ नजर आता है कि उनकी जिंदगी कितनी उलझनों से झूज रही थी। महज 37 साल की उम्र में बीमारियों और अवसाद से भरी ज़िंदगी में उन्होंने करीब क़रीब 900 पेंटिग्ज़ और बाक़ी रेखाचित्र बनाए।

स्टारी नाइट को माना जाता है सबसे बेहतरीन पेंटिंग

वहीं बहुत से कलाकार ऐसे भी हैं जिन्होंने विन्सेंट की ‘द स्टारी नाइट’ को उनकी सबसे बेहतरीन पेंटिंग बताया है। बीमार हुए विन्सेंट ने खुद ही कई बार यह तय किया था कि वो सेंट पॉल मौसोल मानसिक रोग चिकित्सालय में रहने जाएंगे। हालांकि इस दौरान विन्सेंट अस्पताल में रहते हुए भी लगातार पेंटिंग बनाते थे और ‘स्टारी नाइट्स’ का बड़ा हिस्सा भी उन्होंने इसी दौरान बनाया था।

अपनी मौत के लिए भी पेंटिंग बनाई थी

अपनी जिंदगी कई उतार-चढ़ाव का सामना करने वाले विन्सेंट के लिए हालातों का सामना करना बहुत मुश्किल हो गया था। जिसके बाद वो मानसिक तौर से भी काफी टूट चुके थे। उसी का नतीजा ये निकला कि वो दिन पर दिन बीमार होते चले गए। वहीं विन्सेंट की दिमागी हालत को देखते हुए उनके छोटे भाई थियो और उनकी पत्नी उनके साथ रहना शुरू कर दिया था। बीमारी से लड़ते हुए जब विन्सेंट अस्पताल में थे तब उन्होंने अपने जीवन की प्रसिद्ध पेंटिंग में से दो ‘लरिसिस’ और ‘द स्टारी नाइट’ बनाई। कुछ दिन ऐसे ही पेटिंग्स बनाते हुए गुजारने के बाद 27 जुलाई 1890 को सुबह के समय पेंटिंग बनाते हुए  न जाने उनके मन में क्या आया, उन्होंने अचानक वैन से पिस्टल उठाई और खुद ही अपनी छाती में गोली मार ली। इस दौरान जो आखिरी पेटिंग वो बना रहे थे उसका नाम ‘crows in the wheatfield’ था। ऐसा कहा जाता है कि खुद को गोली मारने की आवाज़ से खेत में बैठे पक्षियों के उड़ने की कल्पना कर उन्होंने इस पेंटिंग को बनाया था।

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