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बड़े भाई ने बोला ‘IAS बनूंगा तभी राखी बंधवाने आऊंगा’, फिर एक साथ 4 भाई बहन बने IAS-IPS 

जब जीवन में कुछ करने का जुनून और जज्बा हो तो हर मुश्किल पार कर सफलता हासिल की जा सकती है। बेशक सफलता से पहले आपको कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है लेकिन इसके बाद जब सफलता हाथ लगती है तो जिंदगी का मजा ही कुछ और होता है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के एक ही परिवार के चार भाई बहन योगेश, माधवी, लोकेश और क्षमा ने। जी हां… इन चार भाई-बहनों ने एक साथ यूपीएससी की परीक्षा क्लियर की और आईएएस-आईपीएस बन परिवार और देश का नाम रोशन किया। आइए जानते हैं चार भाई बहनों की प्रेरक कहानी..

yogesh mishra

बता दें, यह कहानी उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के मिश्रा परिवार की है जहां महज 4 साल के अंदर ही यूपीएससी सीएसई परीक्षा क्लियर कर चारों भाई बहन IAS और IPS अधिकारी बन गए। बता दें, इनके पिता अनिल मिश्रा बतौर मैनेजर ग्रामीण बैंक में काम करते हैं। उनकी हमेशा से ही ख्वाहिश थी कि उनके बच्चे बड़े होकर बड़े अधिकारी बने।

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रिपोर्ट की मानें तो अनिल मिश्रा का पूरा परिवार दो कमरे के एक मकान में रहता है, लेकिन फिर भी इन्होंने अपने बच्चों की पढ़ाई में किसी प्रकार के रुकावट ना आने दी और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते गए। वहीं बच्चे भी अपने माता-पिता की दी हुई तालीम पर आगे बढ़ते रहे और सफलता हासिल कर गए।

योगेश मिश्रा

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रिपोर्ट की माने तो अनिल मिश्रा के सबसे बड़े बेटे योगेश मिश्रा ने सिविल सर्विसेज में जाने का निर्णय लिया था, जिसके बाद बाकी भाई बहनों ने भी उनसे प्रेरित होकर इसी फील्ड में तैयारी करना शुरू कर दी। बता दें, योगेश मिश्रा रिजर्व लिस्ट में यूपीएससी सीएसई 2013 में चुने गए थे। इसके बाद उनके तीनों भाई बहन ने भी पहले से ज्यादा मेहनत करना शुरू कर दिया और वह भी आईएएस और आईपीएस बनने के सपने देखने लगे। योगेश मिश्रा कोलकाता में राष्ट्रीय तोप एवं गोला निर्माण में प्रशासनिक अधिकारी भी रहे हैं।

बकौल योगेश मिश्रा, “रक्षाबंधन के एक दिन पहले मेरा और मेरी बहन का एग्जाम का रिजल्ट आया और वो फेल हो गई थीं। उसके एक दिन बाद मैं बहनों के पास राखी बंधवाने बहनों के लिए गया और उनके फेल हो जाने पर फिर से मेहनत करने के लिए हौसला बढ़ाया। साथ ही मैंने उसी दिन यह भी ठान लिया कि सबसे पहले मैं आईएएस बनकर दिखाऊंगा, जिससे अपने छोटे भाई-बहनों को प्रेरणा दे सकूं। मैं अगली बार बहनों से राखी बंधवाने तभी आऊंगा जब आईएएस बनूंगा। फिर मैंने तैयारी शुरू की और पहले ही प्रयास में ही IAS बन गया।”

माधवी

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इसके बाद उनकी छोटी बहन माधवी ने साल 2014 में यूपीएससी की परीक्षा पास की। इस दौरान माधवी को 62वी रैंक हासिल हुई। इसके कुछ दिन बाद ही योगेश के सबसे छोटे भाई लोकेश का भी यूपीएससी सीएसई 2014 में नाम आ गया।

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इसके बाद साल 2015 में लोकेश ने यूपीएससी की परीक्षा में 44वीं रेंक का हासिल की और इस परीक्षा में सफलता हासिल कर परिवार के तीसरे IPS के रूप में पहचाने जाने लगे।

क्षमा

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इसके बाद बहन क्षमा ने भी साल 2015 में यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली और वह 172 वी रैंक हासिल कर पाई। साल 2015 में दोनों छोटे भाई बहन का सिलेक्शन हो जाना घर में बड़ी खुशी दे गया। रिपोर्ट की माने तो साल 2015 में क्षमा का सिलेक्शन डिप्टी एसपी के रूप में हुआ था लेकिन वह आईपीएस बनना चाहती थी। ऐसे में साल 2016 में उसने एक बार फिर से परीक्षा दी और सफलता हासिल कर IPS बन गई।

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चारों बच्चों की सफलता से पूरा परिवार गदगद हो गया और देशभर में इस परिवार को एक नई पहचान मिली। एक इंटरव्यू के दौरान चारों भाई बहन में से बड़े योगेश ने बताया कि, “हम सरकारी स्कूल से पढ़े हैं, जिसमें शुरू से ही हमें अनुशासन के बारे में बता दिया गया था। हम सभी भाई-बहनों में एक-एक साल का अंतर है। वहीं हम दो कमरे के मकान में रहते थे। जिससे पढ़ाई करने में काफी दिक्कत आती थी। हालांकि हम सभी ने एक-दूसरे की पढ़ाई और अन्य चीजों में मदद की। इसी कारण आज हम इस मुकाम पर हैं।”

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