नक्सली घूम रहे खुले, बाबा को अपराधी जैसे रात 3 बजे पकड़ा, कालीचरण के समर्थन में MP के गृहमंत्री
रायपुर : महाराष्ट्र के अकोला से संबंध रखने वाले संत कालीचरण महाराज को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर अपशब्द कहने के मामले में गुरुवार सुबह रायपुर पुलिस ने मध्यप्रदेश के खजुराहो से गिरफ़्तार किया था. हाल ही में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक धर्म संसद का आयोजन हुआ था. जिसमें कई साधु संतों ने हिस्सा लिया था. कालीचरण महाराज भी इस धर्म संसद का हिस्सा बने थे.
कालीचरण महाराज ने धर्म संसद में संबोधन देते हुए महात्मा गांधी के ख़िलाफ़ अपशब्दों का इस्तेमाल किया. जबकि गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे को उन्होंने नमन किया. उन्होंने धर्म संसद में कहा था कि, अच्छा हुआ कि नाथूराम गोडसे ने गांधी को मार दिया था.
अपने भाषण में मंच से कालीचरण महाराज ने कहा था कि, इस्लाम का मकसद राजनीति के जरिए राष्ट्र पर कब्जा करना है. सन 1947 में हमने अपनी आंखों से देखा कि कैसे पाकिस्तान और बांग्लादेश पर कब्जा किया गया. मोहनदास करमचंद गांधी ने उस वक्त देश का सत्यानाश किया. नमस्कार है नाथूराम गोडसे को, जिन्होंने उन्हें मार दिया.
बता दें कि कालीचरण महाराज को अब अपने इस बयान पर मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. उन पर गांधी के ख़िलाफ़ बोलने पर कई जगह केस दर्ज हुए है. उन पर राजद्रोह का केस भी दर्ज किया गया है. केस दर्ज होने के बाद गुरुवार सुबह उन्हें खजुराहो से रायपुर पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया था. बाबा की गिरफ़्तारी के बाद से ही मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सरकारें भी सामने-सामने हो गई है.
कालीचरण महाराज की गिरफ़्तारी पर मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आपत्ति जताई है. उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार और पुलिस पर हमला बोलते हुए कहा है कि, दूसरे राज्य को सूचना दिए बिना वहां जाकर किसी को गिरफ्तार करना संवैधानिक तरीका नहीं है. तो वहीं नरोत्तम मिश्रा से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सवाल किया है कि, वे कालीचरण महज की गिरफ़्तारी से खुश है या नहीं.
बघेल को जवाब देते हुए मिश्रा ने कहा कि, नक्सली तो पकड़े नहीं जा रहे हैं तो फिर रात तीन बजे एक बाबा को किसी के घर में घुसकर किसी कुख्यात अपराधी की तरह पकड़ना खान तक सही है. मिश्रा ने आपत्ति और नाराजगी जताते हुए कहा कि इस बारे में स्थानीय पुलिस या राज्य स्तर पर भी सूचना नहीं दी गई. बता दें कि कालीचरण महाराज को गिरफ़्तारी के बाद कोर्ट में पेश किया गया था और वहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था.