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बेटे के पार्थिव शरीर के इंतज़ार में तड़प उठी माँ की ममता, भर्ती के बाद एक बार ही मिलने आए थे घर

भारत-चीन एलएसी विवाद में हुई झड़प के दौरान शहीद हुए 20 सेना जवान में हिमाचल का वीर सपूत अंकुश ठाकुर भी शामिल है. अंकुश की उम्र केवल 21 वर्षीय ही थी. उनके जाने के बाद हमीरपुर जिले के भोरंज उपमंडल के कडोहता में शोक की लहर शाई हुई है. बता दें कि अंकुश साल 2018-19 में भारतीय सेना की पंजाब रेजिमेंट में भर्ती हुए थे. हालाँकि उनकी छुट्टी मंजूर हो चुकी थी लेकिन इसके बावजूद भी वह घर नहीं लौट सके.

दरअसल, कोरोना महामारी और लॉकडाउन के चलते सभी ट्रेन व बसें बंद थी जिसके चलते उन्हें अपनी छुट्टी रद्द करवानी पड़ी थी. जब से उनकी भर्ती हुई थी वह केवल एक बार ही घर आए थे. वहीँ शहीद सपूत की पार्थिव देह का इंतज़ार करने वाली माँ का हाल रो रो कर बुरा हो गया.

अपने बेटे के इंतज़ार में माँ ऊषा देवी की आँखें पथरा गई. उधर शहीद अंकुश का 13 वर्षीय भाई जोकि सातवीं कक्षा में पढ़ाई करता है, अपने भाई के कभी ना वापिस लौटने की खबर से टूट कर बिखर गया. परिवार को बेटे की शहादत की ख़बर बुधवार की सुबह फोन पर मुख्यालय द्वारा दी गई थी जिसके बाद ही घर में शोक और चीखों का सिलसिला शुरू हो गया था. परिवार के कुछ मेंबर अभी उठे भी नहीं थे कि उन्हें अंकुश के जाने की ख़बर ने हैरत में डाल दिया.

एक टक निगाहें दरवाजें पर लगा कर रोती रही माँ

पूरे दिन अपने बेटे के पार्थिव शरीर के इंतज़ार में दरवाज़े की तरफ एकटक देखने वाली माँ ऊषा देवी का कलेजा फटने को आ गया था. वहीँ परिवार की अन्य महिलाएं भी अपने आंसू बहने से नहीं रोक पाई. बता दें कि 3 पंजाब रेजिमेंट में भर्ती हुए शहीद अंकुश ने सात महीने पहले ही रंगरूटी काट कर सियाचिन पर ड्यूटी जॉइन की थी.

पिता को है बेटे की शहादत पर गर्व

वहीँ शहीद बेटे की खबर मिलने के बाद पिता सेवानिवृत्त हवलदार अनिल कुमार ने बताया कि उनका बेटा परिवार की तीसरी पीढ़ी था जिसे देश की सेवा के लिए भेजा गया था. उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात देख कर चीन को मुंहतोड़ जवाब देना बेहद आवश्यक था. इसलिए उन्हें अपने बेटे की शहादत पर गर्व है. बता दें कि वीरवार को अंकुश का पार्थिव शरीर गाँव में पहुंचेगा जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा.

पिता अनिल कुमार के अनुसार उनके बेटे के इलावा उनके पिता स्वर्गीय सीताराम भी भारतीय सेना से ऑनरेरी कैप्टन रिटायर हुए थे. वहीँ शहीद बेटे के ताया ओंकार सिंह, चाचा सुनील कुमार, गाँव के पंचायत प्रधान वीर सिंह रनौत ने केंद्र सरकार से चीन को मुंहतोड़ जवाब देने की अपील की है.

 

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