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सुशांत सिंह राजपूत के जाने से भावुक हुए दोस्त महेश शेट्टी, कहा- एक बार बात तो कर लेता…

फिल्म इंडस्ट्री का उभरता सितारा सुशांत सिंह राजपूत आज हमारे बीच नहीं रहा. सुशांत ने 14 जून 2020 को हम सब को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया था. हालाँकि उनके जाने की वजह का अभी तक कोई खुलासा नहीं हो पाया है. लेकिन सोशल मीडिया पर अलग अलग तर्क वायरल किये जा रहे हैं. वहीँ पुलिस उनके जाने के पीछे की वजह ढूँढने में जुट चुकी है. पुलिस ने इस बारे में सुशांत के सभी दोस्तों और परिजनों से पूछताछ करनी शुरू कर दी है. इस मामले में अब एक बड़ी ख़बर सामने आई है. दरअसल सुशांत के करीबी दोस्त महेश शेट्टी ने हाल ही में एक पोस्ट सोशल मीडिया पर शेयर की है जिसको पढ़ कर हर कोई भावुक हो रहा है.

महेश की इस पोस्ट के अनुसार सुशांत ने अपनी जिंदगी खत्म करने से कुछ वक़्त पहले उन्हें फोन किया था. लेकिन देर रात होने के कारण वह फोन नहीं उठा पाए थे जिसके बाद अब उन्होंने सुशांत की यादें ताज़ा करने के लिए एक इमोशनल पोस्ट साझा किया है.

महेश थे सुशांत के सबसे करीबी दोस्तों में से एक

आपकी जन्ब्कारी के लिए हम आपको बता दें कि महेश शेट्टी सुशांत सिंह राजपूत के बेहद अच्छे दोस्त थे. उन्होंने अपने दोस्त के अचानक चले जाने के बाद भावुक हो कर एक पोस्ट अपने इंसटाग्राम अकाउंट पर डाला है. इस पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि, “कभी कभी हम अपने जीन में ऐसे कईं लोगों से मिलते हैं जिनसे एक अपनापन सा महसूस करते हैं. तब हमें ऐसा लगता है जैसे हम उस शख्स को बहुत पहले से जानते हैं. हमे उस समय यह एहसास होता है कि हमारा भाई हमारी माँ के गर्भ से आया हो यह जरूरी नहीं है. अगर मैं और सुशांत टीवी इंडस्ट्री में काम करने के दौरान नहीं मिलते या फिर एकसाथ वक़्त नहीं बिताते तो हमे यह पता ही नहीं चलता कि किस प्रकार हम दोनों एक दुसरे की लाइफ का हिस्सा बन चुके थे.”

बहुत यादें जुडी थी सुशांत के साथ

महेश ने पोस्ट में आगे लिखते हुए कहा- हमारी इतनी सारी यादें जुडी हुई हैं. हमने साथ कईं सफ़र तय किये हैं, लॉन्ग चैट्स की हैं, एक साथ फिल्में देखी हैं, किताबें पढ़ी हैं, और बहुत सारा मस्ती मजाक भी किया है. सुशांत एक ऐसे बच्चे की तरह था जिसे कैंडी शॉप पर खड़े रहना पसंद था. उसके सपने और उसकी एनर्जी कभी खत्म नहीं होती थी. उसने मुझे दोस्ती के अनोखे प्यार का एहसास दिलाया था. मैं खुश हूँ कि हमारे रिश्ते में दिखावेपन की कोई आवश्यकता नहीं थी. यह हम दोनों के लिए एक पवित्र बंधन था.

कभी नहीं सोचा था कि तुम चले जाओगे

अपनी बात लिखते हुए अंत में महेश शेट्टी ने लिखा कि, “मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं तुम्हारे लिए कभी कुछ लिखूंगा. मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि तुम इतनी जल्दी चले गए. मैं तुम्हे एक विरासत की तरह दिल की तिजोरी में संभाल कर रखूंगा और कभी इसे बेकार जाया नहीं करूंगा. काश! तुम्हारे वर्क की तरह ही तुम्हारी लाइफ भी दुनिया के जश्न का हिस्सा बनती. अगर हम अक्भी अपने दिल का एक हिस्सा खो दें तो हमे कैसा लगता है? तुम्हे पता था कि तेरा शेट्टी तेरे साथ था फिर क्यों? बात तो कर लेता यार एक बार… मुझे पता है तुम्हे सितारों से कितना प्यार था. धरती माँ की कसम, मैं हर रात सितारों में तुम्हे देखूंगा,”

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