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10 मार्च से लग रहे होलाष्टक, 8 दिनों तक नहीं होंगे मांगलिक कार्य, जानें क्या करें क्या ना करें

10 मार्च, गुरुवार से होलष्टक प्रारंभ हो जाएंगे। होली से पहले 8 दिनों तक होलाष्टक रहता है। होलाष्टक को अशुभ माना गया है। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित रहता है। होलाष्टक फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से लग जाता है। ऐसे में 10 मार्च 2022 से 17 मार्च 2022 के बीच कोई भी मांगलिक कार्य नहीं होगा।

होलाष्टक से संबंधित पौराणिक कथा

एक बार कामदेव ने भगवान शिव की तपस्या भंग कर दी थी। इससे नाराज होकर उन्होंने प्रेम के देवता को फाल्गुन की अष्टमी तिथि के दिन भस्म कर दिया था। इसके बाद कामदेव की पत्नी रति ने शिव की अराधना की और कामदेव को पुर्नजीवित करने की याचना की, जो उन्होंने स्वीकार कर ली। भगवान शिव के इस निर्णय को भक्तों ने धूमधाम से बनाया था। इसी कारण 8 दिन शुभ कार्य वर्जित होते हैं।

दूसरी कथा

होलाष्टक से संबंधित एक और पौराणिक कथा है कि राजा हिरण्यकश्यप ने अपने बेटे प्रहलाद को भगवान श्रीहरि की भक्ति से दूर करने के लिए आठ दिनों तक कठिन यातनाएं दी थीं। आठवें दिन हिरण्यकश्यप की बहन होलिका जिसे वरदान प्राप्त था, वो भक्त प्रहलाद को गोद में लेकर बैठी और जल गई थी लेकिन भक्त प्रहलाद बच गए थे।

ज्योतिषीय कारण

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अष्टमी को चंद्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल और पूर्णिमा को राहु उग्र स्वभाव के होते हैं। ग्रह-नक्षत्र के कमजोर होने के कारण इस दौरान जातक की निर्णय क्षमता कम हो जाती है। जिससे गलत फैसले से हानि की संभावना रहती है।

होलाष्टक के दौरान क्या न करें

धर्म शास्त्रों में होलाष्टक को शुभ नहीं माना गया है क्योंकि इन 8 दिनों तक भगवान विष्णु के भक्त प्रह्रलाद को तरह-तरह के कष्ट मिले थे। ऐसे में इन 8 दिनों तक विवाह, गृह प्रवेश,मुंडन और अन्य शुभ कार्यो को करने की मनाही होती है। इसके अलावा होलाष्टक के दौरान सगाई,गोद भराई और ग्रह शांति भी न करें।

होलाष्टक के दौरान क्या करें

होलाष्टक के दौरान भगवान की पूजा और आराधना करने का विशेष महत्व होता है क्योंकि इस दौरान भगवान के भक्त को कष्ट सहना पड़ता है इस दौरान मंत्रों का जाप,वैदिक अनुष्ठान और यज्ञ करने चाहिए ताकि कष्टों से मुक्ति मिल सके। होलाष्टक में महामृत्युंजय मंत्र का जाप बहुत ही लाभदायक माना गया है।

होलाष्टक का समय

होलाष्टक प्रारंभ – फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 10 मार्च 2022, प्रातः 2:56
होलाष्टक समाप्त – फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि 17 मार्च 2022

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