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चाणक्य नीति अनुसार ये 5 संकेत बताते हैं आप होने वाले हैं कंगाल, तुरंत हो जाना चाहिए सावधान

आचार्य चाणक्य अपने समय के एक महान विद्वान थे। आचार्य चाणक्य एक ऐसे राजनीतिज्ञ और कूटनीतिज्ञ थे जिन्होंने एक साधारण से बालक चंद्रगुप्त को सम्राट बना दिया था। आचार्य चाणक्य ने मानव जीवन से जुड़ी हुई बहुत सी बातें बताई हैं। आचार्य चाणक्य ने “चाणक्य नीति” नामक पुस्तक लिखी है, जिसमें उन्होंने कई महत्वपूर्ण बातों का उल्लेख किया है।

चाणक्य ने अपनी नीतिशास्त्र में बातें बेहद बारीकी तरीके से समझाने की कोशिश की है। आचार्य चाणक्य ने जीवन के हर पहलू को बारीकी से अध्ययन किया है और लोगों का मार्गदर्शन किया। अगर मनुष्य आचार्य चाणक्य द्वारा बताई गई नीतियों को अपने जीवन में उतार लेता है तो वह अपनी जिंदगी की बहुत सी परेशानियों से मुक्ति पा सकता है।

आचार्य चाणक्य की नीतियां व्यक्ति का मार्गदर्शन करती है और यह सफलता की तरफ आगे ले जाती है। आचार्य चाणक्य ने जीवन के कुछ विशेष संकेत अशुभ घटनाओं की तरफ इशारा करते हुए बताया है। चाणक्य नीति अनुसार ऐसे पांच प्रकार के संकेत होते हैं जो आर्थिक स्थिति के कमजोर होने की तरफ इशारा करते हैं। ऐसा माना जाता है कि अगर इस तरह के संकेत जीवन में दिखने लगे तो व्यक्ति को तुरंत सावधान होना चाहिए अन्यथा यह कंगाली की तरफ आगे ले जा सकते हैं।

तुलसी का पौधा सूखने लगे तो

आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतिशास्त्र में इस बात का जिक्र किया है कि अगर आंगन में लगा हुआ तुलसी का पौधा सूखने लगे तो यह शुभ संकेत नहीं माना जाता है। अगर किसी को इस तरह के संकेत मिलते हैं तो उसको तुरंत सावधान हो जाना चाहिए क्योंकि तुलसी का पौधा सूखने का मतलब यह होता है कि आर्थिक स्थिति कमजोर हो सकती है। हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को बहुत ही शुभ और पवित्र माना जाता है। अगर रोजाना नियमित रूप से तुलसी के पौधे की पूजा की जाए तो इससे घर में धन और सुख-समृद्धि का आगमन होता है। आपके घर के आंगन में लगा हुआ तुलसी का पौधा हमेशा हरा-भरा होना चाहिए। आप तुलसी के पौधे को सूखने ना दें। रोजाना तुलसी में जल अर्पित करें।

कांच टूटना नहीं होता शुभ

आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतिशास्त्र में इस बात का उल्लेख किया गया किया है कि अगर कांच टूटता है तो यह अशुभ संकेत माना जाता है। इसको दरिद्रता के संकेत से जोड़कर देखा गया है। आचार्य चाणक्य का ऐसा कहना है कि घर के अंदर टूटा हुआ कांच और शीशा भूलकर भी नहीं रखना चाहिए अन्यथा इसकी वजह से आर्थिक संकट उत्पन्न होने की संभावना होती है।

जिस घर में पूजा पाठ नहीं होता

चाणक्य नीति अनुसार अगर किसी घर के अंदर रोजाना नियमित रूप से पूजा-पाठ नहीं किया जाता तो ऐसे घर के अंदर दरिद्रता आती है। इतना ही नहीं बल्कि ऐसे घरों पर भगवान की कृपा नहीं होती है। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति पूजा-पाठ से दूरी बना लेता है उसके घर में आर्थिक संकट उत्पन्न होने की संभावना अधिक होती है। इसलिए घर में रोजाना पूजा-पाठ जरूर करना चाहिए, इससे घर का वातावरण सकारात्मक बना रहेगा।

जिस घर में होता है बड़े-बुजुर्गों का तिरस्कार

आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतिशास्त्र में इस बात का उल्लेख किया है कि जिन घरों के अंदर बड़े-बुजुर्गों का तिरस्कार और उनका अपमान किया जाता है, ऐसे घर की आर्थिक स्थिति हमेशा खराब रहती है। इसलिए घर में सम्पन्नता बनाए रखना चाहते हैं तो घर के बड़े बुजुर्गों का सम्मान और उनकी सेवा जरूर करें।

घर में कलेश होने लगे तो

चाणक्य नीति में इस बात का उल्लेख किया गया है कि जिस घर के अंदर गृह क्लेश होता है परिवार के लोगों के बीच हमेशा वाद-विवाद की स्थिति बनी रहती है। उस घर से धन की देवी माता लक्ष्मी नाराज हो कर चली जाती हैं। इस प्रकार के घरों में माता लक्ष्मी जी एक पल भी नहीं रुकती हैं। ये आर्थिक स्थिति के कमजोर होने का संकेत होता है। अगर आप चाहते हैं कि आपके घर में सुख-समृद्धि बनी रहे तो परिवार के सभी लोग प्रेम पूर्वक एक-दूसरे के साथ रहें।

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