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कुली से IAS बने श्रीनाथ; स्टेशन पर उठाते थे यात्रियों का बोझ, फ्री WiFi से पास की UPSC परीक्षा

आजकल के समय में हर कोई इंसान कामयाबी की बुलंदियों हासिल करना चाहता है परंतु सिर्फ चाहने से कुछ नहीं होता। इसके लिए जीवन में कठिन मेहनत करनी पड़ती है। कामयाबी के मार्ग में आने वाले हर उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है परंतु ज्यादातर सभी लोग कामयाबी के मार्ग में आने वाली समस्याओं के आगे घुटने टेक देते हैं, जिसके चलते वह अपने जीवन में कामयाब नहीं हो पाते हैं।

वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जिनका लक्ष्य ही उनके लिए सब कुछ होता है, जिसके चलते वह हर कठिनाई का डटकर सामना करते रहते हैं। अपनी मेहनत और मजबूत हौसले से आगे बढ़ते रहते हैं जिनका परिणाम उनको अवश्य मिलता है। ऐसे ही लोग अपने जीवन में कामयाबी हासिल करते हैं।

आप सभी लोगों ने साल 1983 में आई अमिताभ बच्चन की सुपरहिट फिल्म “कुली” का गाना “सारी दुनिया का बोझ हम उठाते हैं… लोग आते हैं लोग जाते हैं, हम यहीं पे खड़े रह जाते हैं…।” तो सुना ही होगा। अब आप सोच रहे होंगे कि भला हम यह फिल्म का गाना क्यों सुनाने लगे? दरअसल, हम आपको आज जिस शख्स की कहानी बताने जा रहे हैं वह एक समय पहले रेलवे स्टेशन पर कुली बन कर यात्रियों का बोझ उठाते थे परंतु आज उन्होंने अपनी मेहनत से यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईएएस अधिकारी बनने का सपना सच कर दिखाया है।

दूसरों के लिए मिसाल बने श्रीनाथ

आपको बता दें कि संघ लोक सेवा आयोग, यूपीएससी सिविल सर्विसेज की परीक्षा की गिनती देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में होती है। इस परीक्षा को पास करना बिल्कुल भी सरल नहीं है। प्रत्येक वर्ष लाखों स्टूडेंट्स इस परीक्षा की तैयारी करते हैं परंतु उन लाखों में से कुछ एक ही होते हैं, जो सिविल सेवा परीक्षा को पास कर आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारी बन पाते हैं।

उन्ही लाखों स्टूडेंट्स में से एक श्रीनाथ हैं, जिन्होंने इस कठिन परीक्षा को पास करने के लिए जी जान लगा दी और आईएएस अधिकारी बन गए। इसी के साथ उन्होंने लाखों छात्रों को यह बताया है कि अगर कुछ करने की चाहत है तो हर परिस्थिति में भी रास्ता तलाश करके कामयाबी की तरफ आगे बढ़ा जा सकता है।

कुछ ऐसी है श्रीनाथ की कहानी

आपको बता दें कि श्रीनाथ बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बिल्कुल भी ठीक नहीं थी। इसी वजह से उन्होंने एर्नाकुलम स्टेशन पर कुली का कार्य करना शुरू किया था परंतु उन्होंने साल 2018 में यह निर्णय लिया कि वह खूब मेहनत करके एक अच्छी नौकरी प्राप्त करेंगे, जिनसे उनकी इनकम तो बढ़ेगी ही इसके साथ-साथ वह अपनी बेटी का भविष्य भी संवार सकते हैं।

श्रीनाथ ने शुरुआत में तो सिविल सेवा परीक्षा देने का मन बना लिया था परंतु सबसे बड़ी परेशानी यहां पर खड़ी हो गई कि उनकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी, जो उनके इस सपने के मार्ग में बाधा बन रही थी। उनके पास कोचिंग सेंटर की फीस देने के पैसे नहीं थे परंतु ऐसी स्थिति में भी उन्होंने हार नहीं मानी और निरंतर प्रयास करते रहे।

चौथे प्रयास में IAS बन सपना किया सच

श्रीनाथ का सपना IAS बनने का था परंतु उनके लिए अपने इस सपने को पूरा करना इतना आसान नहीं था। उनको अपने जीवन में बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ा लेकिन फिर भी वह लगातार कोशिश करते रहे। उन्होंने KPSC (केरल लोक सेवा आयोग) की परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी, जिसमें रेलवे स्टेशन पर लगे मुफ्त वाईफाई की उन्होंने सहायता ली। इससे उनको काफी मदद मिली थी।

दरअसल स्टेशन के वाईफाई से श्रीनाथ ने स्मार्टफोन से पढ़ाई करने लगे। जब भी उनको खाली समय मिलता था, वह ऑनलाइन लेक्चर डाउनलोड करते और काम के दौरान भी उन्हें कान में हेडफोन लगाकर सुना करते थे। उनका यही जुनून था जिसके दम पर उन्होंने KPSC की परीक्षा में कामयाबी हासिल की।


लेकिन अभी भी श्रीनाथ का लक्ष्य पूरा नहीं हुआ था। उनका लक्ष्य बहुत बड़ा था. इसी वजह से कुछ समय बाद आईएएस की तैयारी की ओर चौथे प्रयास में उन्हें यूपीएससी परीक्षा में कामयाबी मिल गई। श्रीनाथ के संघर्ष और सफलता की कहानी इंटरनेट पर भी काफी तेजी से वायरल हुई थी।

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