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आखिर क्यों पीएम के साथ काले बैग लेकर चलते हैं कमांडो, जानिये क्यूं ख़ास है यह काला बैग

पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूंक के बाद से ही इसे लेकर कई सवाल उठे रहे हैं। ऐसे में सवाल है कि आखिर प्रधानमंत्री की सुरक्षा का प्रोटोकॉल क्या होता है। बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा व्यवस्था काफी खास होती है। वह जहां भी जाते हैं, सुरक्षा व्यवस्था उनके साथ होती है।

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इनके हाथों में होती है पीएम की सुरक्षा

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प्रधानमंत्री के साथ कई सारी गाड़ियां रहती है और सिक्योरिटी गार्ड्स उनकी सुरक्षा में लगे होते हैं। भारत के प्रधानमंत्री को 24 घंटे सुरक्षा मुहैया कराने की जिम्मेदारी SPG यानी स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप की होती है। प्रधानमंत्री जहां भी जाते हैं, एसपीजी के सटीक निशानेबाजों को हर कदम पर तैनात किया जाता है।

ये शूटर एक सेकेंड के अंदर आतंकियों को मार गिराने में सक्षम होते हैं। चप्पे-चप्पे पर इनकी नजर रहती है। इन जवानों को अमेरिका की सीक्रेट सर्विस की गाइडलाइंस के मुताबिक ट्रेनिंग दी जाती है। एसपीजी के जवानों के पास MNF-2000 असॉल्ट राइफल, ऑटोमेटिक गन और 17 एम रिवॉल्वर जैसे आधुनिक हथियार हैं।

कमांडो से घिरे होते हैं प्रधानमंत्री

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प्रधानमंत्री के काफिले में 2 बख्तरबंद बीएमडब्ल्यू 7 सीरीज सेडान, 6 बीएमडब्ल्यू एक्स 5 और एक मर्सिडीज बेंज एंबुलेंस के साथ एक दर्जन से अधिक वाहन मौजूद होते हैं। इनके अलावा, एक टाटा सफारी जैमर भी काफिले के साथ चलता है। प्रधानमंत्री के काफिले के ठीक आगे और पीछे पुलिस के सुरक्षाकर्मियों की गाड़ियां होती हैं।

बाईं और दाईं ओर दो और वाहन होते हैं और बीच में प्रधानमंत्री का बुलेटप्रूफ वाहन होता है। हमलावरों को गुमराह करने के लिए काफिले में प्रधानमंत्री के वाहन के समान दो डमी कारें शामिल होती हैं। एसपीजी पीएम के आसपास घेरा बनाकर रखती है और हमला होने की स्थिति में इनका काम प्रधानमंत्री को घेरकर उन्हें सुरक्षित रखने के साथ-साथ हमलावर को ढेर करना होता है।

एजेंसी पर एक साल में खर्च होते हैं इतने करोड़

एसपीजी कमांडो हमेशा काला चश्मा इसलिए पहनकर रखते हैं ताकि वे हर तरफ नजर रख सकें। इन्हे मीडिया से बात करने की अनुमति नहीं रहती है। गर्मियों में एसपीजी के ये कमांडो सफारी सूट में तो वहीं सर्दियों में ये फॉर्मल सूट पहने नजर आते हैं। ये हमेशा ईयरपीस के जरिए एक-दूसरे से बात करते हैं।एसपीजी कमांडो के पास गुप्त हथियार भी होते हैं।

साथ ही इनके पास पर्सनल चीजें भी होती हैं जिनमें नोमैक्स कवरॉल, बुलेटप्रूट वेस्ट, दस्ताने, कोहनी और घुटनों के लिए पैड जैसी चीजें होती हैं। बीबीसी की एक रिपोर्ट कहती है कि हर साल इस एजेंसी पर 375 करोड़ से ज्यादा का खर्च किया जाता है।

क्या होता है प्रधानमंत्री के साथ चलने वाले ब्रीफकेस में?

दरअसल, ये एक तरह का सुरक्षा कवच होता है। ये पोर्टेबल बुलेट प्रूफ शील्ड होती है और एक बटन दबाते ही ये शील्ड पूरी तरह से बुलेट प्रूफ कवर का रूप ले लेती है। इसमें खूफिया कम्पार्टमेंट्स भी होते हैं जिनमें बंदूक रखी होती है। अगर प्रधानमंत्री पर कोई अचानक हमला करता है तो इन्हें लेकर चल रहे कमांडो एक तरह का पिरामिड बनाएंगे जिससे प्रधानमंत्री को तुरंत सुरक्षा दी जा सके।

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