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सड़क दुर्घटना में दोस्त ने गंवाई थी जान, शख्स ने फ्री हेलमेट बांटने के लिए बेचीं पुश्तैनी जमीन और घर

सड़क दुर्घटना में जिगरी दोस्त जान गवां बैठा जिसके बाद शख्स ने कुछ ऐसा कारनामा किया जिसके चलते हर जगह उनकी तारीफ हो रही है। कोई अन्य शख्स अपने दोस्त से दूर ना जाए इसलिए इस शख्स ने अब तक 49,000 हेलमेट फ्री में बाँट दिए हैं। यह शख्स बिहार का रहने वाला है और इनका नाम राघवेंद्र कुमार है। 34 वर्षीय कंप्यूटर इंजीनियर राघवेंद्र कुमार पिछले 7 सालों से फ्री में हेलमेट बांटने का काम कर रहे हैं। रिपोर्ट की मानें तो जब राघवेंद्र कुमार को हेलमेट खरीदने में पैसों की कमी हुई तो उन्होंने अपनी पुश्तैनी जमीन तक बेच दी।

helmet man

कहा जा रहा है कि, हेलमेट खरीदने के लिए राघवेंद्र कुमार ने 3 बीघा पुश्तैनी जमीन और ग्रेटर नोएडा में स्थित अपने एक घर को बेच दिया ताकि वह लोगों को हेलमेट के लिए जागरुक कर सके और इन्हें फ्री में वितरण कर सके। खास बात यह है कि, राघवेंद्र कुमार को अपने इस अनोखे काम के लिए ‘हेलमेट मैन ऑफ इंडिया’ की उपाधि भी मिल चुकी है।

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राघवेंद्र कुमार ने अपने काम को लेकर मीडिया से कहा कि, “साल 2014 में मेरे दोस्त के.के. ठाकुर, जो बिहार के मधुबनी जिले के रहने वाले थे, की नोएडा में एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। वह बिना हेलमेट के बाइक चला रहा थे। उनकी मौत के बाद से ही मैं उनकी याद में हेलमेट बांट रहा हूं।”

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राघवेंद्र कुमार के मुताबिक, वह पिछले 7 साल में करीब 22 राज्यों में 49,000 हेलमेट बांट चुके हैं। उन्होंने बताया कि वह अभी तक उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश सहित कई राज्यों में हेलमेट बांटने का काम कर चुके हैं।

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उन्होंने बताया कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से मैंने बिना हेलमेट बाइक चलाने वालों के बीच 6500 से ज्यादा हेलमेट बांटें हैं जबकि अपने गृह जिले कैमूर में 4000 हेलमेट तो वहीं बिहार में सबसे अधिक 13000 हेलमेट का वितरण किया जा चुका है।

राघवेंद्र कुमार ने बताया कि, “जब मुझे हेलमेट खरीदने के लिए पैसे की कमी का सामना करना पड़ा तो मैंने बिहार में अपने पैतृक स्थान पर 3 बीघा जमीन और एक घर बेच दिया जिसे ग्रेटर नोएडा में खरीदा था। इसके आगे राघवेंद्र कुमार का कहना है कि, “मैं अब तक लगभग 2 करोड़ रुपये के ब्रांडेड कंपनियों के 49,272 से अधिक हेलमेट की खरीद पर खर्च कर चुका हूं। मैं ऐसा करना जारी रखूंगा, क्योंकि इससे मेरे मित्र की दिवंगत आत्मा को शांति मिलेगी।”

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राघवेंद्र के मुताबिक, रक्षाबंधन के मौके पर केवल लड़कियों को उन्होंने एक भाई के रूप में 172 हेलमेट वितरित किए। इतना ही नहीं बल्कि राघवेंद्र कुमार ने लोगों को जागरूक करने के लिए ‘हेलमेट’ नाम की वेबसाइट भी बनाई है। उनका बस अब एक ही मकसद है कि उनके दोस्‍त की तरह किसी अन्‍य की जान हेलमेट ना पहनने के कारण न जाए।

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