इस महाराजा के प्यार में पागल थीं लता मंगेशकर, मिली ऐसी सजा की उम्रभर रहीं कुंवारी
पहली नजर में हुआ इश्क भुलाया नहीं जाता। भले ही पहला प्यार शादी के मुकाम तक ना पहुंच पाए लेकिन वह जिंदगी भर याद जरूर रहता है। कुछ ऐसा ही हुआ ‘सुरों की मल्लिका’ कही जाने वाली हिंदी सिनेमा की दिग्गज गायिका लता मंगेशकर के साथ। जी हाँ.. लता मंगेशकर से जुड़ी इस तरह की बातें आपको कम ही सुनने को मिली होगी। लेकिन एक समय ऐसा भी था जब ‘स्वर कोकिला’ लता मंगेशकर किसी को बेइंतहा मोहब्बत करती थी।
कभी अपने भाई के दोस्त के प्यार में पड़ी लता आज तक कुंवारी है। यदि उनकी शादी हो जाती तो लता आज महारानी होती क्योंकि लता को किसी महाराजा से ही प्यार हुआ था। हालांकि नियति को कुछ और ही मंजूर था ऐसे में यह रिश्ता शादी के मुकाम तक नहीं पहुंच पाया। तो आइए जानते हैं लता मंगेशकर की अधूरी प्रेम कहानी के बारे में..
अपनी सुरीली आवाज से दुनिया भर में जादू बिखेरने वाली लता मंगेशकर किसी पहचान की मोहताज नहीं है। उन्होंने अपने करियर में बड़ी सफलता हासिल की है और कई अवार्ड अपने नाम किए हैं। बता दें, लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को इंदौर में हुआ। लता मंगेशकर का असली नाम ‘हेमा मंगेशकर’ है। लता मंगेशकर को गाने का हुनर विरासत में मिला है, उनके पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर एक मराठी और कोकणी संगीतकार थे। लता मंगेशकर ने महज 9 साल की उम्र में ही गाना गाने की शुरुआत कर दी थी, लेकिन इसी बीच उनके पिता दुनिया छोड़कर चले गए जिसके चलते पूरे परिवार की जिम्मेदारी लता के कंधों पर आ गई।
इसके बाद लता मंगेशकर के पारिवारिक दोस्त और मूवी कंपनी ‘नवीन चित्रपट’ के मालिक विनायक के जरिए लता मंगेशकर को बॉलीवुड में गाने का मौका मिला। पहली बार में तो लता मंगेशकर को बॉलीवुड से यह कहकर बाहर कर दिया था कि उनकी आवाज ‘बहुत पतली’ है। लेकिन फिर गुलाम हैदर ने उन्हें ‘दिल मेरा तोड़ा’ गाने का मौका दिया और इस गाने के जरिए लता मंगेशकर रातों-रात सुर्खियों में आ गई। इस बात का खुलासा खुद एक इंटरव्यू के दौरान लता मंगेशकर ने किया था और उन्होंने गुलाम हैदर को बॉलीवुड में अपना ‘गॉडफादर’ भी बताया था। इसके बाद लता मंगेशकर ने कई सुपरहिट गाने गाए और हिंदी सिनेमा में अपनी एक अमिट छाप छोड़ी है।
करियर की शुरुआत में ही लता मंगेशकर को दिवंगत क्रिकेटर और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष राज सिंह से मोहब्बत हो गई थी। मशहूर क्रिकेटर होने के साथ-साथ राज सिंह डूंगरपुर के महाराजा भी थे। बता दें, शुरुआत से ही लता मंगेशकर को क्रिकेट का बहुत शौक रहा है और वह अक्सर स्टेडियम में क्रिकेट देखने भी जाती रहती थी। इसी बीच उन्हें राज सिंह से प्यार हो गया था वहीं राज सिंह भी लता की गायकी को खूब पसंद करते थे।
लता के भाई हृदयनाथ मंगेशकर और राज सिंह बहुत अच्छे दोस्त थे। ऐसे में राज सिंह का उनके घर आना जाना लगा रहता था। इसी बीच राज सिंह और लता के बीच भी बातचीत होने लगी और फिर दोस्ती हुई और फिर धीरे-धीरे यह दोस्ती प्यार में बदल गई। कहा जाता है कि राज सिंह लता मंगेशकर को ‘मिट्ठू’ के नाम से बुलाते थे और वह लता से इतनी मोहब्बत करते थे कि उनकी जेब में लता के गानों की एक कैसेट हेमशा रखी होती थी।
कहा जाता है कि लता मंगेशकर और राज सिंह अपनी शादी की योजना भी बना चुके थे। लेकिन जब राज सिंह ने अपने माता-पिता को लता मंगेशकर के बारे में बताया तो उनके पिता महारावल लक्ष्मण सिंह ने इस शादी से इनकार कर दिया। दरअसल, लता मंगेशकर शाही परिवार से नहीं थी। ऐसे में राज सिंह के पिता उन्हें बहू के रूप में नहीं देखना चाहते थे और वह नहीं चाहते थे कि उनका बेटा कोई आम लड़की से शादी करें। पिता के इस फैसले से राज सिंह और लता मंगेशकर की शादी अधूरी रह गई। क्योंकि राज सिंह अपने पिता का बहुत सम्मान करते थे। ऐसे में उन्होंने पिता की बात को नहीं टाला और अपने प्यार से दूरी बना ली।
वही लता मंगेशकर ने भी राज सिंह के अलावा किसी से प्यार नहीं किया और उन्होंने कसम खाई कि वह कभी भी शादी नहीं करेंगी। उधर लता मंगेशकर से दूर हुए राज सिंह ने भी अपने पिता के सामने कसम खा ली थी कि वह भी लता के अलावा किसी और से शादी नहीं करेंगे। फिर राज सिंह मरते दम तक कुंवारे रहे।
हालाँकि लता मंगेशकर से जब अपने कुंवारे की होने की वजह पूछी थी तो वह बताती है कि वह घर की सबसे बड़ी बहन थी, ऐसे में उनके कंधों पर परिवार की जिम्मेदारी थी, तो उन्होंने शादी करना ठीक नहीं समझा।