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सूर्य ग्रहण 2020 – जानें सूर्य ग्रहण कहां और कितने बजे दिखेगा?

साल 2020 में चंद्र ग्रहण लगने के बाद अब सूर्य ग्रहण लग रहा है। सदी का सबसे बड़ा ग्रहण 21 जून को लग रहा है। खास बात ये है कि इस ग्रहण में चंद्रमा सूर्य का करीब 98.8% भाग ढकेगा। यानि ये वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा। पूरे भारत में ग्रहण का समय 21 जून की सुबह 10:20 बजे से शुरू होगा और दोपहर 1:48 बजे तक रहेगा। इसके साथ ही सूतक काल 20 जून की रात 09:15 बजे से शुरू हो चुका है और ग्रहण समाप्त होने तक सूतक काल रहेगा। आगे जानते हैं 21 जून को लगने वाले सूर्य ग्रहण की डिटेल-

ज्योतिषियों के मुताबिक 21 जून की दोपहर 12:01 बजे ग्रहण अपने चरम प्रभाव पर होगा। सूतक काल लगते ही मंदिरों के कपाट बंद किए जा चुके हैं। भुज भारत का पहला शहर होगा जहां ग्रहण की शुरुआत सुबह 9:58 बजे होगी। मान्यता के अनुसार सूतक काल के वक्त तक सभी मंदिर बंद रहेंगे और सूतक काल के समाप्त होने पर मंदिरों के कपाट खोले जाएंगे और मूर्तियों पर गंगाजल छिड़का जाएगा। जिसके बाद ही पूजा-याचना शुरू की जाएगी।

जानें- किस शहर में कितने बजे से सूतक-

दिल्ली सूतक काल रात 10 बजकर 20 मिनट

मुंबई सूतक काल रात 10 बजकर 43 सेकंड

चेन्नई सूतक काल रात 10 बजकर 22 मिनट

लखनऊ सूतक काल रात 10 बजकर 26 मिनट

कानपुर सूतक काल रात 10 बजकर 24 मिनट

कुरुक्षेत्र सूतक काल रात 10 बजकर 21 मिनट

देहरादून सूतक काल रात 10 बजकर 24 मिनट

– बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री के कपाट 10 बजे हुए बंद।

सूर्य ग्रहण का समय –

जानकारी हो कि 21 जून को सुबह ही 9 बजकर 15 मिनट पर सूर्य ग्रहण शुरू हो जाएगा। जिसके बाद 12 बजकर 10 मिनट पर ग्रहण अपने चरम पर होगा और इस दौरान हल्का अंधेरा हो जाएगा। 3 बजकर 4 मिनट पर सूर्य ग्रहण समाप्त होगा। माना जा रहा है कि ये सदी का सबसे लंबा ग्रहण है जो करीब 6 घंटे तक रहेगा।

अगर दिल्ली की बात करें तो यहां ग्रहण की शुरुआत 10 बजकर 20 मिनट पर होगी। यहां ग्रहण दोपहर 12 बजकर 02 मिनट पर पूर्ण दिखेगा। ग्रहण की समाप्ति 1 बजकर 49 मिनट पर होगी। कुछ अंतराल के बाद देश के अन्य जगहों पर ग्रहण की समाप्ति होगी।

ग्रहण सूतककाल क्या होता है?

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, पूर्ण ग्रहण के शुरू होने से 12 घंटे पहले और 12 घंटे बाद का समय सूतक काल होता है। सूतक काल में कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता। मंदिरों के कपाट को बंद कर दिया जाता है और इस दौरान पूजा नहीं की जाती। जब सूतक काल की समाप्ति होती है, उसके बाद ही पूजा की जाती है। इस मुताबिक 20 जून रात 9 बजकर 52 मिनट से ही मंदिरों को बंद किया जा चुका है।

यहां दिखेगा सूर्य ग्रहण-

भारत समेत इस ग्रहण का नजारा नेपाल, पाकिस्तान, सऊदी अरब, यूऐई, एथोपिया तथा कोंगों में दिखेगा। भारत के देहरादून, सिरसा जैसे शहरों में वलयाकार सूर्य ग्रहण का सुंदर नज़ारा देखने को मिलेगा। वहीं, देश की दूसरी जगहों पर आंशिक सूर्य ग्रहण दिखेगा।

वलयाकार सूर्य ग्रहण क्या है?-

जब चंद्रमा सूर्य के करीब 99% भाग को ढक लेता है, उसे वलयाकार सूर्य ग्रहण कहते हैं। आकाशमण्डल में चन्द्रमा की छाया सूर्य के केन्द्र के साथ मिलकर सूर्य के चारो तरफ एक वलयाकार आकृति बनाती है। ये नज़ारा बेहद खूबसूरत दिखाई देता है। इस दौरान सूर्य एक आंग की अंगूठी की तरह दिखता है। इसे रिंग ऑफ फायर भी कहा जाता है। वलयाकार सूर्य ग्रहण में चंद्रमा धरती और सूर्य की मध्य आता है और सूर्य के मध्य भाग को पूरी तरह से ढक लेता है।

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