यूपी में शुरू हुई बिजली के 4G प्रीपेड मीटर लगाने की प्रक्रिया, इन शर्तों का करना होगा पालन
अब 'बिजली चोरी' जैसी समस्याओं से उपभोक्ताओं को राहत ! शर्तों के साथ मिली प्रीपेड मीटर लगाने की मंजूर
उत्तर प्रदेश में प्रीपेड बिजली कनेक्शन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और कॉर्पोरेशन को इसकी अनुमति भी मिल चुकी है। दरअसल, जैसे आप मोबाइल का रिचार्ज करवाते हैं ठीक उसी प्रकार बिजली मीटर का भी रिचार्ज करवाना होगा, तब कहीं जाकर आप बिजली इस्तेमाल कर सकेंगे। इतना ही नहीं बल्कि आप उतनी ही बिजली का इस्तेमाल कर पाएंगे जितने रुपए का आपने रिचार्ज करवाया है। रिपोर्ट की माने तो अभी प्रीपेड मीटर सिर्फ 28 लाख उपभोक्ताओं के लगाए जाएंगे।
एक साल बाद स्मार्ट मीटर लगाने पर लगी रोक को हटाते हुए पावर कॉरपोरेशन एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) को कुछ शर्तों के साथ ही प्रीपेड मीटर लगाने की मंजूरी दी गई है। इसके साथ कहा गया है कि सरकार के निर्णय के तहत अब 4जी तकनीक के स्मार्ट मीटर ही लगाएं।
दरअसल, इससे पहले स्मार्ट मीटर लगाए गए थे लेकिन इसको लेकर काफी शिकायत आ रही थी। इतना ही नहीं बल्कि पावर कॉर्पोरेशन ने पहले 4 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का काम सौंपा था लेकिन ईईएसएल ने सिर्फ 12 लाख स्मार्ट मीटर ही लगाए। 2जी और 3जी तकनीक से लैस इन मीटरों को लगाने के बाद उपभोक्ताओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था।
इतना ही नहीं बल्कि स्मार्ट मीटर के जरिए जरूरत से ज्यादा बिल और हर कभी बत्ती गुल होने जैसी समस्या सामने आती थी। लगातार आ रही परेशानियों के बाद इस मामले की तीन विभागीय जांचों के बाद शासन ने यह जांच एसटीएफ को सौंप दी थी। इसके बाद 30 अक्टूबर 2021 तक स्मार्ट मीटर लगाने का काम बंद कर दिया गया। इसके बाद ही कॉर्पोरेशन ने 4जी तकनीक से लवरेज स्मार्ट मीटर लगाने का फैसला किया।
पॉवर कॉरपोरेशन के चेयरमैन एम देवराज के मुताबिक, अब लगने वाले मीटर की गुणवत्ता पर कोई समझौता नहीं किया। कोशिश की जाएगी अच्छी से अच्छी गुणवत्ता वाले मीटर ही राज्य में लगाया जाए। इसके अलावा उन्होंने कहा कि, इसके माध्यम से उपभोक्ताओं को एकदम सही रीडिंग मिल पाएगी और मीटर से छेड़छाड़ के आरोपों से भी उपभोक्ता आसानी से बच पाएंगे।
वहीं कॉर्पोरेशन को समय से बिल का भुगतान भी उपभोक्ताओं द्वारा मिलता रहेगा। इसके अलावा उन्होंने बताया कि भारत सरकार की तरफ से दिशा निर्देश मिलते जाएंगे वैसे वैसे इस योजना को आगे बढ़ाते जाएंगे। साल 2025 तक सभी कनेक्शन को प्रीपेड स्मार्ट मीटर में बदल दिया जाएगा।
विद्युत मंत्रालय की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि अब तकनीकी मांगों का पालन करने समेत जैसे कई शर्तों का पालन करना होगा। पावर कॉरपोरेशन ने ईईएसएल से साफ तौर पर कह दिया है कि जैसे स्मार्ट मीटर के चलते उपभोक्ताओं को बिजली की परेशानी का सामना करना पड़ा या फिर कोई ऐसी अन्य घटना दोबारा सामने नहीं आना चाहिए। यदि उपभोक्ताओं की सेवा में कमी आए तो इसके लिए पहले ही समुचित व्यवस्था करें।
पीवीवी एनएल के प्रबंधक निदेशक अरविंद मल्लप्पा बंगारी के मुताबिक, जो स्मार्ट मीटर लगे हुए हैं अब उन्हें प्रीपेड मीटर में बदल दिया जाएगा। इतना ही नहीं बल्कि जिन उपभोक्ताओं को मीटर को लेकर अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़े. उनके स्थान पर अब 4जी तकनीक से लबरेज मीटर लगा दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि अभी फिलहाल उनके पास इससे जुड़ा हुआ कोई निर्देश नहीं आया है लेकिन भविष्य में ऐसा हो सकता है।