6वीं क्लास में हो चुकी फेल रुक्मिणी, लेकिन चार जिलों की कमान एक-साथ संभालेंगे ये IAS पति-पत्नी
इन दिनों एक IAS दंपत्ति चर्चा का विषय बने हुए हैं। इस दंपत्ति को जिला कलेक्टर के पद पर तैनात किया गया है। दरअसल, राजस्थान सरकार ने रविवार रात को 52 आईएएस का ट्रांसफर किया गया है। इसमें 23 जिलों की कमान नए अफसरों को दी गई है। जिसमें चार जिलों की कमान कलेक्टर पति-पत्नी के हाथ में आई है।
हम बात कर रहे हैं 2012 बैच के आईएएस दंपत्ति रुक्मिणि रियार और सिद्धार्थ सिहाग के बारे में। ये दोनों अब एक ही संभाग में अलग-अलग जिलों में कलेक्टर की कुर्सी संभालेंगे। बीकानेर संभाग में आने वाले चूरू की कमान सिद्धार्थ सिहाग को और श्रीगंगानगर की कमान उनकी पत्नी रुक्मिणी रियार को दी गई है।
पहले भी कई संभाग साथ संभल चुके
वैसे यह पहली बार नहीं है जब इस दंपत्ति को एक ही संभाग में दो जिलों को संभालने की जिम्मेदारी दी गई हो। इससे पहले भी हाड़ौती संभाग में रुक्मिणी रियार बूंदी कलेक्टर की कमान संभाल चुकी हैं। वहीं इसी संभाग के झालावाड़ जिले में उनके पति सिद्धार्थ सिहाग भी कलेक्टर रह चुके हैं। ये दंपत्ति पहले उदयपुर संभाग में प्रशासनिक सेवाएं दे चुके हैं।
रुक्मिणी रियार बांसवाड़ा में एसडीएम और मेगा प्रोजेक्ट की इंचार्ज रही हैं। साथ ही डूंगरपुर जिला परिषद में सीईओ रह चुकी हैं। उन्होंने बांसवाड़ा में टीएडी में प्रोजेक्ट ऑफिसर का भी एडिशनल चार्ज संभाला है। उनके पति सिद्धार्थ सिहाग उदयपुर नगर निगम में आयुक्त रहे हैं।
छठी में फेल हो चुकी हैं रुक्मणि
आईएएस अधिकारी रुक्मणी रियार मूल रूप से चंडीगढ़, पंजाब की रहने वाली हैं। उनके पिता बलजिंदर सिंह रियार पंजाब के होशियारपुर में डिप्टी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी रह चुके हैं। रुक्मणि छठी कक्षा में फेल हो चुकी है।
वह पढ़ाई में भी एवरेज ही थी। फिर भी उन्होंने मेहनत और लगन के दम पर यूपीएससी पास की। भारत के योजना आयोग के साथ इंटर्नशिप करने वाली रुक्मणी रियार ने मैसूर और मुंबई में गैर सरकारी संगठनों में भी काम किया है।
आईएएस सिद्धार्थ सिहाग की जीवनी
आईएएस अधिकारी सिद्धार्थ सिहाग मूलरूप से हरियाणा के रहने वाले हैं। सिद्धार्थ सिहाग जज के बाद आईएएस बनने में सफल रहे हैं। एलएलबी के बाद इनका चयन दिल्ली न्यायिक सेवा में हुआ। दिल्ली में मेट्रोपोलियन मजिस्ट्रेट बने। इनके पिता दिलबाग सिंह सिहाग हरियाणा में चीफ टाउन प्लानर अफसर के पद से रिटायर हुए हैं। जबकि भाई सिद्धांत दिल्ली में जज हैं।