आखिरकार बन ही गई Coronavirus की दवाई, भारतीय सरकार ने दी मंजूरी, जाने खुराक से लेकर कीमत तक 10 जरूरी बातें

कोरोना वायरस का खौफ भारत देश समेत अन्य सभी देशों में फैला हुआ है. साल 2020 की शुरुआत से लेकर अब तक कोरोना केसों ने काफी तेज़ गति पकड़ी है. अब तक भारत में भी कोरोना केसों का आंकड़ा 4,25,827 तक पहुँच चुका है. वहीँ इस महामारी से निपटने के लिए सभी देशों के विज्ञानी दिन रात एक करने में लगे हुए थे ताकि इसकी वैक्सीन बनाई जा सके. वहीँ अब भारत में इस वायरस की आखिरकार निश्चित दवाई आ गई है. बता दें कि भारत में यह दवाई ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स कंपनी (Glenmark Pharmaceuticals) द्वारा तैयार की गई थी जिस पर अब सरकार के अप्रूवल की मोहर भी लग चुकी है.
जल्द होगी मार्किट में लांच
दरअसल, कोविड-19 की एंटीवायरल दवाई फेविपिराविर(Favipiravir) के इस्तेमाल व मार्केटिंग की अनुमति सरकार ने दे दी है. यह कंपनी कोरोना वायरस के लिए फैबी फ्लू नाम से दवाई बना कर मार्किट में लाएगी. लंबे सम्स्य से कोरोना वायरस ने गति पकड़ी हुई थी जिसके कारण आए दिन देश में हजारों नए केस आ रहे थे. अब उम्मीद की जा रही है कि इस दवाई के इस्तेमाल से कुछ राहत हासिल की जा सकेगी.
कोरोना की दवाई से जुडी 10 अहम बातें
1. कंपनी ने दावा किया है कि इस दवाई का इस्तेमाल साधारण मरीजों से लेकर डायबिटीज़ या दिल की बीमारी वाले मरीजों पर भी किया जा सकता है. यह मार्किट में टेबलेट के रूप में लांच की जा रही है.
2. फैबिफ्लू नामक यह दवाई असल में फेविपिराविर का ही विकसित रूप है. यह दवाई डॉ. की सलाह के बाद ही मरीज को दी जा सकेगी. इसकी डोसेज की बात करें तो 1800 एमजी वाली यह खुराक के रूप में लेनी होगी जोकि 14 दिन तक लगातार मरीज को दी जाएगी.
3. ग्लेनमार्क फार्मा कंपनी के अनुसार यह 200 एमजी के टैबलेट में आएगी जिसके एक पत्ते में कुल 34 टैबलेट रहेंगे. इसकी कीमत 3500 रूपये तक की होगी. यानि देखा जाए तो एक गोली की कीमत 103 रूपये है.
4. उत्पादन की बात करें तो यह दवाई फिलहाल 82,500 मरीजों के लिए बनाई जा रही है. इसके बाद उत्पादन और बधा दिया जाएगा.
5. इस दवाई का उत्पादन फिलहाल हिमाचल के बद्दी संयंत्र में किया जा रहा है. यह अस्पतालों के इलावा खुदरा चैनलों में भी उपलब्ध करवाई जाएगी.
6. दवाई की आपूर्ति के लिए ग्लेनमार्क कंपनी अस्पतालों के साथ गठजोड़ भी करेगी और जरूरत के हिसाब से निश्चित रूप से निजी और सरकारी स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को समर्थन पर विचार करेगी.
7. फैबिफ्लू को भारतीय औषधि महानियंत्रक अर्थात डीजीसीआई द्वारा अनुमति दे दी गई है.
8. कंपनी के एमडी का यह दावा है कि इस दवाई की मदद से कोरोना पर नियंत्रण पाना संभव हो सकेगा.
9. एमडी सल्दान्हा के अनुसार यह लिक्विड की जगह टैबलेट रूप में दी जाएगी जोकि मरीजों के लिए बेहद सुविधाजनक साबित होगी.
10. ख़बरों की माने तो इस कंपनी के उत्पादन व मार्केटिंग से कंपनी की आर्थिक स्तिथि में भी सुधार हो सकेगा.