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14 साल की उम्र में KBC में जीते थे 1 करोड़ रुपये, आज IPS अधिकारी बन कर कर रहा है देश की सेवा!

अमिताभ बच्चन के रियलिटी गेम शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ में आकर कई लोग करोड़पति बने हैं। इन्हीं में से एक हैं रवि मोहन सैनी जिसने केबीसी जूनियर में महज 14 साल की उम्र में 15 सवालों का सही जवाब देकर 1 करोड़ रुपये जीते थे और खूब सुर्खियों में छाए रहे थे। इन दिनों रवि मोहन सैनी एक बार चर्चा का विषय बने हैं लेकिन इस बार किसी और वजह से।

आईपीएस ऑफिसर बने रवि

रवि मोहन सैनी का सफर सिर्फ करोड़पति बनने तक ही नहीं रुका बल्कि उसने खुद से अपनी मंजिल का रास्ता तय किया और बन गया आईपीएस ऑफिसर। जी हाँ… रवि मोहन सैनी ने साल 2014 में यूपीएससी का एग्जाम क्लियर किया और वह गुजरात कैडर के आईपीएस (IPS) अधिकारी बने।

उन्होंने 461वीं रैंक हासिल की थी। रवि अभी गुजरात के पोरबंदर में पुलिस अधीक्षक के पद पर कार्यरत हैं। इससे पहले रवि राजकोट सिटी में डीसीपी (DCP) के पद पर तैनात थे।

पिता से ली प्रेरणा

ravi mohan

खास बात यह है कि रवि मोहन सैनी एमबीबीएस भी हैं और वह अपने पूरे एकेडमिक करियर में टॉपर रहे हैं। इतना ही नहीं बल्कि सैनी ने सेल्फ स्टडी के जरिए सिविल सर्विसेज क्लियर करने में कामयाबी हासिल की। रवि मोहन सैनी के पिता मोहन लाल सैनी नौसेना से रिटायर इंजीनियर हैं और फ़िलहाल नयाबास में रह रहे हैं। उन्हीं से प्रेरणा लेकर रवि आईपीएस बन गए।

एमबीबीएस भी कर चुके हैं 

आइपीएस रवि ने बताया कि, वे बचपन से बाहर ही रहे हैं, हालांकि इस दौरान वे अलवर आते-जाते रहे हैं। अपनी स्कूली पढ़ाई के बाद, मैंने जयपुर के महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया। मैं एमबीबीएस के बाद इंटर्नशिप कर रहा था उस दौरान मैंने यूपीएससी क्लियर किया। मेरे पिता नौसेना में थे और मैं उनसे प्रेरित होकर पुलिस बल में शामिल हुआ।

थर्र-थर्र कांपते हैं अपराधी

गौरतलब है कि रवि मोहन सैनी 2012 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा में शामिल हुए थे और प्रारंभिक परीक्षा को पास करने में सफल रहे, लेकिन वह मुख्य परीक्षा को पास नहीं कर सके। सैनी 2013 में फिर से यूपीएससी में शामिल हुए और उन्हें भारतीय डाक और दूरसंचार, खातों और वित्त सेवाओं के लिए चुना गया।

2014 में उन्होंने फिर से परीक्षा में बैठने का फैसला किया और 461 रैंक हासिल कर एग्जाम के लिए क्वालीफाई किया। कई जिलों में रहते हुए उन्होंने कई बड़े अपराधियों को जेल भेज दिया। तो वहीं, अब उनके नाम से अच्छे-अच्छे अपराधी कांप जाते है।

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