अजब ग़जब

8 वर्षीय लड़का हर रात हो जाता था गायब, कारण पता चलने पर आंसू नहीं रोक पाया पिता

इस बात में कोई दो राय नहीं है कि एक बेटे को उसका बाप ही अच्छी तरह से समझ सकता है. लेकिन कईं बार हालात ऐसे ही हो जाते हैं कि हमारे बच्चे हमसे अपनी बातें छिपाना सीख लेते हैं. ख़ास तौर पर जब उन पर कोई मुसीबत आती है तो वह उस मुसीबत का हमारे सामने ज़िक्र नहीं करते ताकि उनके माता-पिता उनकी वजह से परेशान ना हो जाए. कुछ ऐसा ही हुआ बेन के साथ भी. बेन अपने 8 साल के बेटे ल्यूक और पत्नी के साथ रहते थे. एक दिन बेन ने नोटिस किया कि उनका बेटा हर रात घर से गायब हो जाता है. लेकिन वह इसके बारे में किसी को कुछ नहीं बताता. मीडिया को इस बारे में जानकारी देते हुए बेन ने कहा कि यदि उन्हें पहले पता होता कि बेटा ल्यूक रात में घर नहीं होता तो वह तुरंत इसके बारे में पता लगाते.

आखिर क्या था यह मामला?

बेन का बेटा ल्यूक पिछले 11 दिनों से कुछ अजीब बर्ताव कर रहा था. वह हर रात डिनर के बाद घर से बाहर चला जाता था और इसके बारे में किसी को कुछ नहीं बताता था. जब पिता उसको इस बारे में सवाल पूछते तो वह यह कह कर टाल देता कि, “डैड आप फ़िक्र मत कीजिए इससे आपका कोई लेना देना नहीं है.” लेकिन चिंतित पिता को भला बेटे का यह जवाब आखिर कब तक चुप करवा सकता था. उन्होंने सोचा कि ल्यूक उन्हें सच नहीं बता रहा इसलिए अब वह मामले की तय तक खुद जाएंगे.

जीन्स में मिला लेटर

बेन जानता था कि अब ल्यूक उसको कुछ नहीं बताएगा इसलिए उसने खुद ही मामले की जांच करने की सोच ली थी. जब एक रात ल्यूक घर पर नहीं था तो बेन ने उसके कमरे की तलाशी ली. उसने कमरे के ड्रेसिंग टेबल, सभी ड्रावर आदि जांच लिए लेकिन उसे कुछ नहीं मिला. तभी उसकी नजर सोफे पर रखी ल्यूक की जीन्स पर पड़ी. जीन्स की पिछली जेब में एक सफेद रंग का कागज़ था जोकि लेटर की तरह प्रतीत हो रहा था. उस कागज़ के टुकड़े पर लिखा था- ” ल्यूक रात में 7:15 बजे लिंड गली के कोने पर चैपल के पास आ जाना और ध्यान रहे कि तुम अकेले ही हो.” लेटर को पढ़ कर बेन के पाँव तले से ज़मीन खिसक गई. वह हैरत में पड़ गया कि उसके बेटे को ऐसे कौन बुला रहा है कहीं यह बात कोई बड़े खतरे का संकेत तो नहीं.

बेटे का ऐसे किया पीछा

बेन अब सतर्क हो गया था. उसने रात में बेटे का पीछा करने की सोची. रात में खाना खाने के बाद ल्यूक अपने कमरे चला गया और खिड़की के रास्ते से बाहर निकल गया. बेन भी ठीक उसके पीछे चलता रहा. ल्यूक जिस रास्ते से जा रहा था, वह आगे सुनसान सड़क की ओर जाता था इसलिए बेन की चिंता और बढती चली जा रही थी. रस्ते में झाड़ियों का सहारा लेते हुए बेन बेटे को चैपल के अंदर जाते देख रहा था. वहां उसको अंदर एक आदमी की परछाई दिखाई दी यह आदमी ल्यूक के बैग से कुछ ले रहा था. जब ध्यान से देखा तो यह कोई और नहीं बल्कि ल्यूक का एक्स टीचर फ्रैंक था जिसको स्कूल से फंड्स की कमी के कारण निकाल दिया गया था.

जब सामने आया सच 

फ्रैंक को कुछ हाथ में दे कर ल्यूक आगे निकल पड़ा. वह रास्ते में 30 से अधिक लोगों को मिला और सब को हाथ में कुछ थमाता गया. यह सब देख कर बेन काफी हैरान था. करीब 1 घंटे बाद जब ल्यूक घर पहुंचा तो बेन ने उसे पीछे से आवाज़ देकर बोला कि, “मैं तेरे पीछे ही था अब सच बोल यह सब क्या हो रहा था?” पिता की आवाज़ सुन कर ल्यूक रोने लगा और उन्हें सच बताया. दरअसल, ल्यूक के टीचर फ्रैंक को नौकरी से निकलने के बाद चैपल में रहना पड़ रहा था और खाने के भी लाले पड़े हुए थे. ल्यूक घर से खाना चुरा कर उन्हें रोज़ देने जाता था और ध्यान रखता था उसको कोई ऐसा करते हुए ना देख ले.

कौन थे अन्य 30 व्यक्ति?

फ्रैंक के इलावा जब अन्य 30 लोगों के बारे में ल्यूक से पुछा गया तो उसने बताया कि वह सभी सड़क पर भीख मांगने वाले लोग थे जोकि भूख के कारण अक्सर उसने बिलखते देखे थे. इसलिए वह रोज़ कुछ ना कुछ घर से चुरा कर उन सब के लिए ले जाया करता था ताकि उन्हें भूखा न सोना पड़े. यह सब सुन कर बेन की आँखें भर आई. उसने ल्यूक को गले से लगा लिया और कहा कि वह अब उसकी मदद खुद करेगा. इसके लिए बेन ने फंडराइजर चलाया और रोज़ बेसहारा लोगों को उन पैसों से खाना खिलाना शुरू कर दिया. धीरे धीरे दोनों बाप-बेटे ने चैपल को भी खरीद लिया और वहां एक आश्रम खोल दिया जोकि रोज़ सैंकड़ों बेसहारा लोगों का पेट भरता था साथ ही उन्हें रहने के लिए छत भी देता था.

 

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