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अनुसूचित जाति को बुरा-भला कहकर मुसीबत में फंसी बबिता जी, हो सकती है गिरफ्तार

तारक मेहता का उल्टा चश्मा की मशहूर करैक्टर बबीता जी यानी मुनमुन दत्ता अक्सर ही किसी ना किसी कारणों से सुर्ख़ियों में बनीं रहती हैं। बबिता जी को इस शो की जान भी कहा जाए तो इसमें कुछ गलत नहीं होगा। अक्सर अपनी हॉट तस्वीरें शेयर कर सुर्खियां बटोरने वाली मुनमुन इन दिनों एक बार फिर विवादों में फंसती हुईं नजर आ रही हैं। सूत्रों के मुताबिक, जल्द ही उनकी गिरफ़्तारी भी हो सकती है। आइये जानते हैं पूरा मामला।

अनुसूचित जाति पर की थी आपत्तिजनक टिप्पणी

मुनमुन पर अनुसूचित जाति से संबंधित आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में कोर्ट हियरिंग चल रही है। दरअसल, मुनमुन ने पिछले साल 9 मई को एक वीडियो जारी कर अनुसूचित जाति समाज के बारे में एक अपमानजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने वीडियो में कहा था कि, ‘मुझे यूट्यूब पर एक वीडियो डालनी है, जिसमें मैं अच्छा दिखना चाहती हूं  एक जाति विशेष जैसा नहीं दिखना चाहती।

वीडियो पर हुआ बवाल

वीडियो के सामने आने के बाद खूब बवाल हुआ। इसे लेकर दलित अधिकार कार्यकर्ता व वकील रजत कल्सन ने थाना शहर हांसी में 13 मई को एससी एसटी एक्ट की धाराओं के तहत एक मुकदमा दर्ज कराया था। मुनमुन दत्ता के विरुद्ध हरियाणा के हांसी के अलावा उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान व मध्यप्रदेश में भी एफआईआर दर्ज हुई थी।

शिकायतकर्ता ने लगाया ये आरोप

शिकायतकर्ता कलसन ने शिकायत में आरोप लगाया है कि, अभिनेत्री ने इंस्टाग्राम पर वीडियो डालकर पूरे भारत में अनुसूचित जाति समाज का अपमान किया है और एक जाति विशेष शब्द को गाली के तौर पर इस्तेमाल किया है। जाति विशेष अनुसूचित जाति की एक उपजाति है। इसे पूरे अनुसूचित जाति समाज की भावनाएं आहत हुई हैं। कलसन ने एसपी से शिकायत देकर मांग की अभिनेत्री मुनमुन दत्ता के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए उसे गिरफ्तार किया जाए।

बवाल हुआ तो मांगी माफी  

मुनमुन दत्ता ने कहा कि, हिंदी भाषा का उन्हें ज्यादा ज्ञान नहीं है इस कारण शब्दों के अर्थ नहीं पता। उनका ऐसा किसी के बारे में गलत बोलने का बिल्कुल इरादा नहीं था और वह सभी समुदायों व व्यक्तियों की इज्जत करती हैं। हर जाति, समुदाय, धर्म के लोगों का देश व समाज के विकास में योगदान होता है। मगर वकील कलसन की ओर से केस वापस नहीं लिया गया।

मुनमुन ने की थी केस खारिज करने की मांग

मुनमुन दत्ता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सभी मुकदमों की जांच एक जगह हरियाणा के हांसी में करने की मांग की थी। इसके अलावा उन्होंने यह भी मांग की थी कि उनके खिलाफ दर्ज सभी मामलों को खारिज किया जाए, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिया था। उसके बाद मुनमुन ने फिर हाई कोर्ट में गिरफ्तारी पर रोक की मांग की थी, लेकिन बाद में उनके वकील ने हाईकोर्ट से याचिका वापस ले ली थी।

स्पेशल कोर्ट में भी याचिका खारिज

हर जगह से रास्ता बंद होने के बाद मुनमुन ने हिसार की एससी-एसटी एक्ट के तहत स्थापित अदालत में याचिका दायर की थी। जिस पर 25 जनवरी को दोनों पक्षों की बहस हुई थी। फिर शनिवार को अदालत ने मुनमुन की इस याचिका को ख़ारिज कर दिया।

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