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‘बॉर्डर’ फिल्म के असली हीरो भैरोसिंह, आज भी हैं जिन्दा लेकिन जी रहे गुमनामी की जिंदगी

हिंदी सिनेमा जगत में कई ऐसी फिल्में बनी है जोकि देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में काफी ज्यादा लोकप्रिय हुई हैं। इन्ही फिल्मों में से एक है ‘बॉर्डर’ जिसे आज भी लोग बड़े ही मन से देखते हैं। 1997 में रिलीज हुई इस फिल्म में बॉलीवुड के कई बड़े अभिनेता नजर आए थे। सभी किरदारों ने अपने दमदार अभिनय से लोगों के दिलों में एक खास जगह बनाई है और आज भी इस देशभक्ति फिल्म के प्रति लोगों की दीवानगी कम नहीं हुई है।

जिन्दा हैं भैरव सिंह

इस फिल्म में भैरव सिंह का किरदार निभाने वाले सुनील शेट्टी ने अपनी दमदार एक्टिंग के दम पर सभी का दिल जीत लिया था। फिल्म में दिखाया है कि भैरव सिंह की मौत हो जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं असली हीरो भैरव सिंह आज भी जिन्दा हैं। आइए आज हम आपको इनके बारे में हर एक चीज बताते हैं।

गुमनामी की जिंदगी जी रहे हैं भैरव सिंह

आप यह जानकर अचंभित हो जाएंगे कि बॉर्डर फिल्म का यह रियल हीरो भैरोंसिंह आज अपनी ही सरजमीं पर गुमनामी की जिंदगी जी रहा है। वह फिलहाल राजस्थान के सोलंकियातला गांव में रहते हैं। वीर सूरमाओं की धरा शेरगढ़ के सोलंकियातला गांव में जन्मे भैरोंसिंह राठौड़ बीएसएफ की 1971 में जैसलमेर के लोंगेवाला पोस्ट पर 14 बटालियन में तैनात थे। जहां पर भैरोंसिंह ने अपने असाधारण शौर्य व वीरता का परिचय देते हुए पाक सैनिकों के दांत खट्टे किए थे।

भारत-पाक युद्ध के बारे में बताया

भैरव सिंह बताते हैं कि 1971 जब भारत-पाक के बीच युद्ध छिड़ चुका था। उस समय बीएसएफ की 14 बटालियन की डी कंपनी को तीसरे नंबर की प्लाटून लोंगेवाला पर तैनात थी। आर्मी की 23 पंजाब की एक कंपनी ने मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी के नेतृत्व में लोंगेवाला का जिम्मा संभाल लिया था। बॉर्डर पोस्ट से करीब 16 किमी दूरी पर था।

बीएसएफ की हमारी कम्पनी को दूसरी पोस्ट पर भेज दिया गया। मुझे पंजाब बटालियन के गाइड के तौर पर लोंगेवाला पोस्ट पर तैनाती के आदेश मिले। सेना को पैट्रोलिंग के दौरान इलाका दिखाया। आधी रात को संदेश मिला कि पाकिस्तानी सैनिक पोस्ट की ओर बढ़ रहे हैं। उनके पास बड़ी संख्या में टैंक भी थे। भारतीय सेना ने हवाई हमले के लिए एयरफोर्स से मदद मांगी, लेकिन रात होने के कारण मदद नहीं मिल सकी।

7 घंटे तक फायरिंग करते रहे

बकौल भैरव सिंह रात के करीब 2 बजे पाक सेना ने टैंक से गोले बरसाने शुरू कर दिए। दोनों देशों की सेनाओं के बीच घमासान लड़ाई छिड़ चुकी थी। इस बीच एलएमजी से गोलियां दाग रहा एक सैनिक घायल हो गया। मैंने समय गवाएं बिना एलएमजी संभाल ली और लगातार 7 घंटे तक फायरिंग करता रहा। सुबह विमानों से भयंकर बमबारी की जिसमें पाक को भारी नुकसान हुआ। अंततः पाकिस्तानी सेना को पीछे हटना पड़ा।

युद्ध के बाद हुआ था विवाह

भैरव सिंह ने बताया कि, बॉर्डर फिल्में में सुनील शेट्टी ने उनके किरदार को निभाया था। इसमें भैरव सिंह को असिस्टेंट कमांडेंट स्तर का अधिकारी दिखाया गया है। जबकि वो तो अंगूठा छाप हैं और बीएसएफ में नायक थे। फिल्म में भैरव सिंह की पत्नी फूल कंवर थी। जबकि वास्तव में उनकी पत्नी का नाम प्रेम कंवर है। भैरोंसिंह की शादी भारत- पाक युद्ध के बाद सन 1973 में हुई थी।

फिल्म के बारे में क्या कहा

भैरव सिंह के मुताबिक, बॉर्डर फिल्म में उनके रोल को दिखाना एक गर्व की बात है। यह युवाओं में जोश भरने जैसा है। लेकिन शहीद के रूप में फिल्माना गलत है। 1971 के युद्ध मे उनके पराक्रम पर भैरव सिंह को राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री बरकतुल्लाह खान ने सेना मेडल से नवाजा था। साल 1963 में बीएसएफ में भर्ती भैरव सिंह साल 1987 में रिटायर हो गए थे। 75 वर्ष की उम्र में आज भी भैरव सिंह स्वस्थ और मस्त जीवन यापन कर रहे हैं।

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