बेहद दिलचस्प है बादशाह और जेस्मिन की Love Story, पत्नी और बेटी को नहीं पसंद स्टारडम
बॉलीवुड के मशहूर सिंगर बादशाह ने गायकी की दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। उन्होंने अपनी बेहतरीन गायकी से दर्शकों का दिल जीता और वह अपने अलग अंदाज के लिए दुनिया भर में मशहूर है। बता दें, बादशाह के पिता चाहते थे कि वह एक आईएएस अधिकारी बने लेकिन बादशाह की रूचि गानों में थी जिसके चलते वह एक रैपर सिंगर बने।
बता दे बादशाह का असली नाम आदित्य प्रतीक सिंह सिसोदिया है, लेकिन वह गायकी की दुनिया में बादशाह नाम से मशहूर है। बादशाह की शादी भी हो चुकी है लेकिन उनके ज्यादातर फैंस इस बात से अनजान है। इसी बीच हम आपको बताने जा रहा है बादशाह और उनकी पत्नी की लव स्टोरी के बारे में.. आइए जानते हैं कैसे बादशाह और जैस्मिन मसीह की लव स्टोरी की शुरुआत हुई?
कहा जाता है कि बादशाह और जैस्मिन की पहली मुलाकात एक कॉमन फ्रेंड की पार्टी में हुई थी। दोनों की ही रुचि संगीत में थी, ऐसे में जल्द ही दोनों दोस्त बन गए। धीरे-धीरे इनकी दोस्ती प्यार में बदल गई और साल 2012 में इन्होंने चोरी चुपके शादी रचा ली। बता दे जैस्मिन ईसाई परिवार से हैं जिसके चलते दोनों की शादी ईसाई रीति रिवाज से पूरी की गई।
कहा जाता है कि जब बादशाह अपने संघर्ष के दिनों में अकेले थे, तब उनकी पत्नी जैस्मीन भसीन ने उनका हर कदम पर साथ दिया। जेस्मिन बुरे दिन में उनकी ढाल बनकर खड़ी रही। काफी संघर्ष करने के बाद बादशाह को बॉलीवुड में पहचान मिली। बादशाह जहां दुनिया भर में मशहूर है तो वहीं उनकी पत्नी जैस्मीन भसीन लाइमलाइट में रहना पसंद नहीं करती।
कहा जाता है कि जैस्मिन को पहली मुलाकात पर बादशाह का नेचर बहुत अच्छा लगा था जिसके चलते वह उन्हें दिल दे बैठी थी। वहीं बादशाह जेस्मिन की सादगी पर मर मिटे थे, उनका सहज स्वभाव और बचकानी बातें बादशाह को काफी पसंद आई थी।
बता दें, शादी के 5 साल बाद 10 जनवरी 2017 को बादशाह के घर बेटी का जन्म हुआ जिसका नाम ‘जैसी’ रखा गया। बादशाह अपनी बेटी के साथ भी कम ही तस्वीरें शेयर करते हैं, वह लाइमलाइट में रहना बिल्कुल पसंद नहीं करती।
एक इंटरव्यू के दौरान बादशाह ने पिता बनने की खुशी को साझा करते हुए कहा था कि, “मैं पहले कभी बच्चों को पसंद नहीं करता था, मुझे नहीं पता क्यों, लेकिन जब से मेरी बेटी पैदा हुई है, सब कुछ बदल गया है, और मैं अब बच्चों से प्यार करने लगा हूं। जब भी मैं किसी रोते हुए बच्चे को देखता हूं, तो मैं कोशिश करता हूं कि, बच्चे को चुप करा सकूं।‘’
बात करें बादशाह के करियर की तो वह सबसे ज्यादा ‘गेंदा फूल’, ‘तारीफा’ और ‘आओ कभी हवेली पर’ जैसे गानों से मशहूर हुए हैं। इसके बाद साल 2016 में आया गाना ‘वखारा स्वेग’ ने उन्हें पंजाबी संगीत पुरस्कार का अवार्ड दिलवाया। इसके बाद बादशाह को अपनी गायकी के लिए कई अवार्ड हासिल हुए।
कहा जाता है कि बॉलीवुड दुनिया में बादशाह का कोई दोस्त नहीं था, ऐसे में उन्हें गाने का मौका नहीं मिल पाता था, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
अपने संघर्ष दिनों के बारे में बात करते हुए बादशाह ने कहा था कि, , “संगीत के लिए, मुझे बहुत त्याग करना पड़ा। मुझे अपने दोस्तों, पार्टियों, अपने माता-पिता और परिवार को छोड़ना पड़ा। यहां तक कि, मुझे ‘बादशाह’ बनने के लिए ‘आदित्य’ नाम को भी छोड़ना पड़ा।”