इस परिवार ने मुंहमांगी कीमत पर ख़रीदा था लता मंगेशकर का घर, मंदिर की तरह करते हैं पूजा
स्वर कोकिला और भारत रत्न लता मंगेशकर आज हमारे बीच नहीं रहीं। वे पिछले 28 दिनों से अस्पताल में भर्ती थीं। कोरोना से संक्रमित होने के बाद उन्हें 8 जनवरी को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां उन्हें निमोनिया भी हो गया था। इसके चलते लता जी की हालत लगातार बिगड़ती रही। शनिवार सुबह हालत नाजुक होने पर उन्हें फिर से वेंटिलेटर पर रखना पड़ा था। लेकिन रविवार सुबह लता मंगेशकर ने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में दम तोड़ दिया।
मेहता परिवार के पास है यह घर
लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में हुआ था। उनके पिता का नाम दीनानाथ और मां का नाम शेवंती था। इंदौर जिला अदालत से लगी गली में लता जी की नानी का घर था, यहीं से उनकी संगीत शिक्षा शुरू हुई थी। इसके बाद वे सात साल की उम्र में महाराष्ट्र चली गईं।
लता मंगेशकर के इंदौर से जाने के कुछ समय बाद उनके घर को एक मुस्लिम परिवार ने खरीदा था। यह परिवार कुछ साल यहां रहा और फिर इस घर को बलवंत सिंह को बेच दिया। बलवंत सिंह लंबे समय तक इस घर में रहा। बाद में उन्होंने इसे नितिन मेहता के परिवार को बेच दिया। मेहता परिवार ने घर के बाहरी हिस्से में कपड़े का शोरूम खोल लिया है।
यहां रहने वाले नितिन मेहता और स्नेहल मेहता बताते हैं, ‘हमें जब पता चला कि इसी घर में लता जी का जन्म हुआ था तो हमने इसे मुंहमांगी कीमत पर खरीद लिया। इसके बाद हमने घर का कायाकल्प करवाया। हमने दुकान के एक हिस्से में लताजी का म्यूरल बनवाया है। लता के छोटे भाई हृदयनाथ मंगेशकर भी यहां आ चुके हैं।’
देवी की तरह करते हैं पूजा
मेहता परिवार ने सबसे पहले घर का कायाकल्प करवाया। यह परिवार लताजी की देवी की तरह पूजा करता है। शोरूम खोलने से पहले वे हर दिन उनका आशीर्वाद लेते हैं।
उन्होंने शोरूम के एक हिस्से में लताजी का म्यूरल बनवाया है। यहां रहने वाले नितिन मेहता और स्नेहल मेहता बताते हैं, ‘हमें जब पता चला कि इसी घर में लता जी का जन्म हुआ था तो हमने इसे मुंहमांगी कीमत पर खरीद लिया। इसके बाद हमने घर का कायाकल्प करवाया। हमने दुकान के एक हिस्से में लताजी का म्यूरल बनवाया है। लता के छोटे भाई हृदयनाथ मंगेशकर भी यहां आ चुके हैं।’
खाऊ गली में खूब लिए चटकारे
सात साल की उम्र तक लता का परिवार इसी घर में रहा। खाऊ गली लता मंगेशकर के जन्म स्थली से भी मशहूर है। जिस दुकान में लता बचपन के दिनों में चाट, गुलाब जामुन, रबड़ी का लुफ्त उठाती थीं उसी चौपाटी में लोग दुकानदार से पूछते हैं कि, “लता जी को क्या क्या पसंद था।” दुकानदार ने लता जी के बारे में जिन बातों को अपने बड़े बुजुर्गों से सुनी थी, उसे बताते हैं और लोग ठीक वैसे ही खाने पीने की फरमाइश भी करते हैं।