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फिल्म नायक की तरह एक दिन की कलेक्टर बनी नव्या, कुर्सी पर बैठते ही ले लिए यह बड़े फैसले

जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं कोई भी गाड़ी एक पहिए पर नहीं चल सकती है। ठीक इसी प्रकार जीवन रूपी गाड़ी भी केवल पुरुषों से नहीं चल सकती। जीवन चक्र में स्त्री और पुरुष दोनों की समान सहभागिता है। मौजूदा समय में बेटियों की संख्या लगातार देश में घटती ही जा रही है, जो काफी चिंता का विषय बना हुआ है।

आजकल के समय में भी ऐसे बहुत से लोग हैं, जो बेटियों से ज्यादा बेटों की चाहत रखते हैं। कई लोग ऐसे हैं जो बेटियों के जन्म पर दुखी हो जाते हैं परंतु आजकल के समय में बेटियां बेटों से बिल्कुल भी पीछे नहीं हैं। विभिन्न क्षेत्रों में बेटियां देश के साथ-साथ अपने माता-पिता का भी नाम रोशन कर रही हैं।

जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं अगर हम पढ़े-लिखे शिक्षित होंगे तो हमें सही और गलत का ज्ञान होता है। जब बेटियां अपने पैर पर खड़ी होंगी तो कोई भी उन्हें बोझ नहीं समझेगा। इसीलिए ‘बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम” के माध्यम से बेटियों को अधिक से अधिक शिक्षित बनाने का जोर दिया जा रहा है।

आपको बता दें कि राजस्थान के दौसा शहर में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान में नवाचार करते हुए गुरुवार से जिले में काउंसलिंग बाय कलेक्टर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान जिला कलेक्टर कमर उल जमान चौधरी ने बालिकाओं से संवाद किया। बालिकाओं ने सवाल पूछे और कलेक्टर ने जवाब दिए। इस दौरान महात्मा गांधी अंग्रेजी स्कूल छतरी वाली ढाणी की छात्रा नव्या अवस्थी ने अंग्रेजी भाषा में पूछा कि “बालिकाओं के बारे में आप क्या सोचते हैं?

तो इस सवाल के दौरान हुई बातचीत में पांचवी कक्षा की इस बालिका से कलेक्टर इतने प्रभावित हो गए कि उसे अपनी कुर्सी पर बैठा दिया और उसे 1 दिन का कलेक्टर बना दिया। इतना ही नहीं बल्कि बालिका का सम्मान किया गया। माला पहनाई गई और इसके बाद जिला कलेक्टर ने नव्या को कुछ फैसले लेने की छूट दे दी। जिसके बाद बालिका ने अपने स्कूल में लाइब्रेरी बनाने का आदेश दिया।

आपको बता दें कि दौसा में डीएम कमर उल जमान चौधरी की पहल पर काउंसलिंग बाय कलेक्टर कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स शामिल हुए। इस कार्यक्रम में 50 से अधिक स्कूलों की लड़कियों पहुंची। इस कार्यक्रम में कक्षा 5 से लेकर कक्षा 12 तक की छात्राएं शामिल हुई थीं। इस संवाद कार्यक्रम में बालिकाओं के सवालों के जवाब देने के लिए खुद कलेक्टर के अलावा मुख्य वक्ता के रूप में आईआरएस अधिकारी फरहा हुसैन, डॉ. रितु शर्मा, सहायक कलेक्टर मनीषा मीणा, जीएम उद्योग शिल्पा गोखरू भी मौजूद रहीं।

जब इस दौरान बेटियों ने कलेक्टर से विभिन्न क्षेत्रों में सवाल पूछे तो उनका जवाब कलेक्टर सहित उनकी टीम में दिया। बेटियों ने पूछा कि आप कलेक्टर के पद तक कैसे पहुंचे, किस तरह के संघर्षों का सामना करना पड़ा, परिवार का सहयोग कितना मिला, डर को कैसे दूर करें, स्कूल में कैसे पढ़ाई करें, पढ़ाई का माहौल कैसे बनाएं, स्कूल में स्वच्छता और महावारी के दौरान स्कूल में सुविधाएं नहीं मिलने, शौचालय में गेट नहीं होने की वजह से निजता भंग होने जैसे गंभीर मुद्दे भी बालिकाओं ने उठाए।

बालिकाओं द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब कलेक्टर सहित उनकी पूरी टीम में एक-एक करके दिया। जिला कलेक्टर ने कहा कि जीवन में हमेशा बड़ा सोचो, तभी बड़ा बनोगे। लक्ष्य निर्धारित करें। मेहनत करें। उन्होंने कहा कि कभी भी रुकना नहीं है और अति आत्मविश्वास में कभी नहीं होना चाहिए। हमेशा पढ़ने या करने की जिज्ञासा होनी चाहिए तो लक्ष्य अवश्य प्राप्त होगा।

वहीं आईआरएस फरहा हुसैन ने कहा कि बेटियां सशक्त व बहादुर व शिक्षित होंगी, तो हमारा समाज विकास की राह पर चलेगा। परीक्षा तनाव रहित होकर दें। सिर्फ अपने लक्ष्य की तरफ ध्यान केंद्रित होना चाहिए। बेटियों में कष्ट सहने की क्षमता ज्यादा होती है। शुरुआत में सीडीईओ ओम प्रकाश शर्मा ने कार्यक्रम की रूपरेखा से अवगत कराया।

इस दौरान डीईओ माध्यमिक घनश्याम मीना, एडीपीसी संगीता मानवी, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक कृष्णा शर्मा, सहायक निदेशक राजीव शर्मा, सीबीईओ दौसा राजाराम मीना, एपीसी रंगलाल मीना, कार्यक्रम अधिकारी कालूराम मीना, राजेन्द्र सोनी, ओमप्रकाश शर्मा, रविन्द्र कुमार चतुर्वेदी, कमलसिंह गुर्जर, महेन्द्र शर्मा सहित विभिन्न विद्यालयों की बालिकाएं एवं शिक्षक मौजूद थे।

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